भारत में सड़कों का विकास

सड़कमार्ग :  सड़कमार्ग परिवहन का सबसे सामान्य, सुलभ एवं सुगम साधन है। इसका उपयोग एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में अवश्य करता है। भारत में लगभग 33 लाख किलोमीटर लंबी सड़क है। यह विश्व के सर्वाधिक सड़क जाल वाले देशों में स्थान रखता है। ग्रैंड ट्रंक रोड देश का सबसे पुरानी सड़क है। इस सड़क को शेरशाह सूरी द्वारा बनवाया गया था। यह कोलकाता से अमृतसर तक को जोड़ता है। आजकल इसे अमृतसर से दिल्ली तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1 तथा दिल्ली से कोलकाता तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 के नाम से जाना जाता है।

भारत में सड़कों का विकास :

भारत में सड़कों के विकास का आरंभिक प्रमाण हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ों की सभ्यता में मिलते हैं।

स्वतंत्रता प्राप्ति के समय देश में लगभग 2.42 लाख किलोमीटर कच्ची एवं 1.46 लाख किलोमीटर लंबी पक्की सड़कें थी।

देश में सड़कों की कुल लंबाई 1950-51 ई० में 4 लाख किलोमीटर थी जो 2006-07 में बढ़कर 33 लाख किलोमीटर हो गई।

पक्की सड़कों की लंबाई की दृष्टि से देश में पहला स्थान महाराष्ट्र का है। पक्की सड़कों की कम लंबाई वाला राज्य लक्षद्वीप है।

सड़कों का प्रकार :

हमारे देश में सड़कों को चार प्रकारों में बाँटा गया है।

  1. राष्ट्रीय राजमार्ग 2. राज्य राजमार्ग 3. जिला की सड़कें 4. ग्रामीण सड़कें।
  2. राष्ट्रीय राजमार्ग :

राष्ट्रीय राजमार्ग विभिन्न भागों, प्रांतों को आपस में जोड़ने का करता है। यह देश के एक छोर से दूसरे छोर तक फैला हुआ है। देश का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग-7 है। इसकी लंबाई 2369 किलोमीटर है। राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण एवं देखभाल का दायित्व केन्द्र सरकार को है। देश में कुल 228 राष्ट्रीय राजमार्ग है।

  1. राज्य राजमार्ग

राज्य राजमार्ग राज्यों की राजधानियों को विभिन्न जिला मुख्यालयों से जोड़ने का काम करती है। इन सड़कों का निर्माण देखरेख की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है। देश में ऐसे सड़कों की लंबाई कुल सड़कों का मात्र 4 प्रतिशत है।

  1. जिला सड़कें

जिला सड़कें राज्यों के विभिन्न जिला मुख्यालयों एवं शहरों को मिलाने का काम करती है। देश की कुल सड़कों का यह 14 प्रतिशत है। इन सड़कों का निर्माण देखरेख की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है।

  1. ग्रामीण सड़कें :

ये सड़के विभिन्न गाँवों को जोड़ने का काम करती है। देश के कुल सड़कों का यह 80 प्रतिशत है।

  1. सीमांत सड़के :

राजनीतिक एवं सामरिक दृष्टि से इस प्रकार के सड़कों का निर्माण सीमावर्त्ती क्षेत्रों में किया जाता है। इन सड़कों के रखरखाव सीमा सड़क संगठन करता है। युद्ध की स्थिति में इन सड़कों का उपयोग अधिक होता है। इन्हीं सड़कों के माध्यम से सीमा पर सैनिकों के लिए आवश्यक सामान भेजा जाता है।

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