अच्युताष्टकम् Subjective Questions

तृतीयः पाठः

अच्युताष्टकम् (अच्युत अष्टक)

  1. ‘अच्यताष्टकम्’ पाठ में किनकी वन्दना की गई है और भक्त अपने इष्ट से क्या चाहता है?

उत्तर- प्रस्तुत पाठ में भगवान विष्णु की स्तुति है। भक्त भवसागर पार होना चाहता है। अपने उद्धार हेतु भगवान विष्णु की स्तुति करता है। वह चाहता है कि भक्तवत्सल भगवान जो सदा भक्तों के उद्धार करने वाले हैं विषय-वासनाओं को नष्ट करके, सांसारिक मोह को दूर करके परम पथ प्रदान करें।

  1. भगवान विष्णु ने किन-किन रूपों में अवतार लेकर भक्तों का उद्धार किये?

अथवा, भगवान विष्‍णु के प्रमुख अवतारों एवं कुछ प्रमुख नाम का उल्लेख करें।

उत्तर- जब-जब पृथ्वी पर भक्त, सज्जन, संत, कष्ट में पड़े हैं या पृथ्वी पर अत्याचार, दानवता प्रभावी हुआ है तब-तब भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर भक्त की रक्षा की है एवं पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया है। भगवद् अवतारों में रामावतार एवं कृष्णावतार प्रमुख रहा है। इन अवतारों में वृहद् रूप से पृथ्वी पर भक्तों का उद्धार एवं सत्य की रक्षा किये गये। अधिकाधिक राक्षसों का विनाश करते हुए भगवान सत्य का राज्य स्थापित किये। भक्तों ने भगवान विष्णु को अच्युत, केशव, कृष्ण, वासुदेव, राम, माधव, गोविन्द, नारायण, रमापति, लक्ष्मीपति, श्रीपति, सीतापति, देवकीनन्दन इत्यादि अनेकानेक नाम से पुकारा है।

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