कक्षा 10 विज्ञान कार्बन एवं इसके यौगिक | Carbon evam uske yogik notes and solution

इस पोस्‍ट में हमलोग कक्षा 10 विज्ञान के पाठ 4 कार्बन एवं इसके यौगिक (Carbon evam uske yogik notes and solution) के सभी टॉपिकों के बारे में अध्‍ययन करेंगे।

Carbon evam uske yogik notes and solution

Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

परिचय- कार्बन पृथ्वी पर 0.02% तथा वायु में कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में कार्बन 0.03% पाया जाता है। मुक्त अवस्था में कार्बन हीरे, ग्रैफाइट तथा कोयला के रूप में पाया जाता है। संयोजित अवस्था में कार्बन मुख्य रूप से कार्बोनेट खनिजों में पाया जाता है।

कार्बन सभी सजीवों के निर्माण में आवश्यक अवयव होता है।

कार्बनिक यौगिकों के महत्व

सुबह से शाम तक जिन वस्तुओं का हम इस्तेमाल करते हैं, वे सभी कार्बनिक यौगिकों के बने होते हैं। हमारे भोजन, कपड़ा, कागज, चमड़ा, साबुन, रंग, प्लास्टिक के वस्तुएँ, बच्चों के खिलौने इत्यादि।

सहसंयोजक बंधन जब दो परमाणु अपनी बाह्यतम कक्षा के इलेक्ट्रॉनों का आपस में साझा करके संयोग करते हैं तब उनके बीच निर्मित बंधन को सहसंयोजक बंधन कहते हैं। तथा इस प्रकार से निर्मित यौगिकों को सहसंयोजक यौगिक कहते हैं।

ऑक्सीजन परमाणु का बनना

हाइड्रोजन परमाणु का बनना

क्रियाशील समुह किसी कार्बनिक यौगिक में उपस्थित वह समुह जिस पर यौगिक का रासायनिक गुण निर्भर करता है, उस यौगिक का क्रियाशील समुह कहलाता है।

जैसे- मेथिल ऐल्कोहॉल या मेथेनॉल (CH3OH) में दो भाग होते हैं- मेथिल समूह (CH-) & हाइड्रॉक्सिल समूह (-OH)

मेथिल ऐल्कोहॉल में -OH समुह क्रियाशील समूह है, क्योंकि मेथिल एल्कोहॉल के सभी रासायनिक गुण -OH समुह पर निर्भर करते हैं।

कोयले के निमार्ण की कहानी लाखों वर्ष पूर्व पृथ्वी के जंगलों में पेड़-पौधे भूकंप, ज्वालामुखी आदि के कारण जमीन के अंदर धँस गए और इनके ऊपर मिट्टी, बालू और जल की परतें बैठ गई। कालांतर में ये ऑक्सीजन के संपर्क से वंचित हो गए। फलतः इनका ऑक्सीकरण नहीं हो पाया। ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में धरती के अंदर के उच्च दाब और उच्च ताप तथा बैक्टीरिया के संयुक्त प्रभाव से इनका रूपांतरण कोयले में हो गया।

पेट्रोलियम के निर्माण की कहानी पेट्रोलियम की उत्पत्ति समुद्र में रहने वाले सूक्ष्मजीवों तथा छोटे-छोटे पौधों से होती है। इनकी मृत्यु होने पर ये बालू और मिट्टी से ढ़क जाते हैं। लाखों वर्ष तक ऊष्मा, दाब तथा बैक्टीरिया के प्रभाव के कारण ये अंततः हाइड्रोकार्बन में परिवर्तित हो जाते हैं। ये हाइड्रोकार्बन सछिद्र चट्टानों के जरिये ऊपर आने लगते हैं। इस क्रम में अगम्य चट्टानें इनका मार्ग अवरूद्ध कर देती हैं। इन चट्टानों के नीचे ये तेल के रूप में विद्यमान रहते हैं।

साबुन और अपमार्जक में अंतर

साबुन

ये लंबी श्रृंखला वाले वसा अम्ल (कार्बोक्सिलिक अम्ल) के सोडियम लवण हैं।

खारे जल में इनकी कार्य क्षमता घट जाती है, अर्थात खारे जल में ये आसानी से झाग नहीं बनाते हैं।

अपमार्जक-

ये उच्च ऐल्कोहॉल के हाइड्रोजन सल्फेट व्युत्पन्न के साडियम लवण हैं।

खारे जल में भी इनकी कार्य क्षमता कायम रहती है।

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विषयनिष्‍ठ प्रश्‍नोत्तर—

प्रश्‍न 1.  सुत्र वाले कार्बन डाइऑक्‍साइड की इलेक्‍ट्रोन बिंदु संरचना क्‍या होगी ?

उत्तर –  इलेक्‍ट्रोन बिंदु संरचना निम्‍नलिखित है:

प्रश्‍न  2. कार्बन के दो गुणधर्म कौन से है जिनके कारण हमरे चारों ओर कार्बन यौगिकों की‍ विशाल संख्‍या दिखाई देती है?

उत्तर– कार्बन यौगिकों के विशाल संख्‍या के दो कारण है जो निम्‍नलिखित है:

कार्बन प्रमाणुओं की श्रृंखलन गुण तथा कार्बन परमाणु की चार संयोजकता।

इस गुण के कारण कार्बन परमाणु सीधी शाखित तथा चक्रिय श्रृंखलाएँ बनाता है। चार संयोजकता के कारण कार्बन अपने परमाणुओं के साथ एकल बंधन द्विबन्‍धन तथा त्रि बन्‍धन बनाते हैं।

इन्‍ही दो कारणों से कार्बन बहुत अधिक संख्‍या में यौगिकों का निर्माण करता है, जिसके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्‍या दिखाई देती है।

प्रश्‍न 3. ऑक्सीकारक क्या है ?

उत्तर—ऑक्सीकारक वह प्रक्रम है जो स्वयं अपघटित होकर दूसरे को ऑक्सीकृत करता है उदाहरण : KMn

प्रश्‍न 4. क्या आप डिटरजेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है अथवा नहीं ?

उत्तर—नहीं, चूँकि डिटरजेंट कठोर तथा मृदु दोनों के साथ अधिक झाग देता है। अतः उसका उपयोग कर हम नहीं बता सकते कि जल कठोर है अथवा नहीं।

प्रश्‍न 5. एथेन का आण्विक सूत्र :  है। इसमें :

(a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं              (b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं

(c) 8 सहसंयोजक आबंध हैं              (d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं

उत्तर—(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं।

प्रश्‍न 6. खाना बनाते समय यदि बरतन की तली बाहर से काली हो रही है इसका मतलब है कि :

(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है   (b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा

(c) ईंधन आर्द्र है                      (d)  ईंधन पूरी तरह से जल रहा है

उत्तर—(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।

प्रश्‍न 7. कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्‍यों किया जाता है?

उत्तर – चूँकी कार्बन और इसके यौगिक अधिक ऊष्‍मा देता है। इनका प्रज्‍वलन ताप भी समान्‍य होता है। इनके रख-रखाव में भी सुविधा होती है। इनके दहन को नियन्त्रित किया जा सकता है इसलिए कार्बन और उसके यौगिकों का उपयोग ईधन के रूप में किया जाता है।

प्रश्‍न 8. किण्‍वन की क्रिया क्‍या है इसमें कौन-सी गैस निकलती है ?

एन्‍जाइम

उत्तर—जब बड़े कार्बनिक यौगिक एंजाइम या यीस्‍ट के सहारे टूटकर छोटे-छोटे यौगिकों में परिणत हो जाते हैं, तो ऐसी घटना या क्रिया किण्‍वनीकरण कहलाती है।

(जाइमेज)

C6H12O6                             2C2H5OH + 2CO2

किण्‍वनीकरण-प्रक्रिया के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड गैस बाहर निकलती है।

प्रश्‍न 9. कार्बन मुख्‍यत: सहसंयोजन यौगिक क्‍यों बनाता है ?

उत्तर—चूँकि कार्बन की संयोजकता 4 है। अत: (a) इलेक्‍ट्रॉन खोकर या (b) चार इलेक्‍ट्रॉन प्राप्‍त कर स्‍थायी इलेक्‍ट्रॉनिक विन्‍यास नहीं बना सकता। अत: यह इलेक्‍ट्रॉन की साझेदारी कर सहसंयोगी बंध बनाता है।

प्रश्‍न 10. साबुन और अपमार्जक में विभेद करें।

उत्तर—   

साबुन अपमार्जक
(i) यह प्राय: बायोडीग्रेडेबल

 होते हैं।

(i) कुछ बायोडीग्रेडेबल तथा कुछ नहीं भी होते हैं।
(ii) यह मृदु जल में सफाई के लिए उपयुक्‍त है।

 

(iii) इसमें निर्बल शोधन क्रिया होती है।

(ii) यह मृदु तथा कठोर दोनों प्रकार के जल में सफाई के लिए उपयुक्‍त है।

(iii) इसमें प्रबल शोधन क्रिया होती है।

प्रश्‍न 11. हाइड्रोकार्बन क्‍या है ? उदाहरण के साथ समझाइए।

अथवा, विभिन्‍न प्रकार के हाइड्रोकार्बन के नाम उदाहरण सहित लिखिए।

उत्तर—हाइड्रोजन और कार्बन से बने यौगिक को हाइड्रोकार्बन कहते हैं।

हाइड्रोकार्बन दो प्रकार के होते हैं –

(i) संतृप्‍त हाइड्रोकार्बन- सहसंयोजक एकल बंधनों से जुड़े कार्बन एवं हाइड्रोजन के यौगिक संतृप्‍त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं। इन्‍हें ऐल्‍केन भी कहा जाता है इनका सामान्‍य रासायनिक सूत्र CnH2n+2 होता है। जैसे-मिथेन।

(ii) असंतृप्‍त हाइड्रोकार्बन– खुली श्रृंखलावाले वे हाइड्रोकार्बन जिनमें कार्बन परमाणुओं के द्विबंधन अथवा त्रिबंधन उपस्थित रहते हैं, असंतृप्‍त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं। कार्बन परमाणुओं के बीच द्विबंधन रहने पर हाइड्रोकार्बन को ऐल्कीन (alkene) कहते हैं। ऐल्‍कीन का सामान्‍य सूत्र CnH2n है। कार्बन परमाणुओं के बीच त्रिबंधन रहने पर हाइड्रोकार्बन को ऐल्‍काइन (alkyne) कहते हैं। ऐल्‍काइन का सामान्‍य सूत्र CnH(2n-2) है।

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प्रश्‍न 12. अभिक्रिया शील समूह क्‍या है ? उदाहरण दें।

अथवा, क्रियाशील मूलक क्‍या है ? एक उदाहरण दें।

उत्तर—यौगिक में विद्मान वह समूह जिसपर यौगिक के अधिकांश रासायनिक गुण निर्भर करते हैं, क्रियाशील मूलक कहलाते हैं। उदाहरण- हाइड्रोक्सिल समूह (—OH)

प्रश्‍न 13. जीवाश्‍म ईंधन से आप क्‍या समझते हैं ? इसका निर्माण कैसे होता है ?

उत्तर—करोड़ों वर्षो तक पृथ्‍वी की सतह में गहरे दबे हुए पौधौं तथा पशुओं के अवशेषों से प्राप्‍त ईंधन को जीवाश्‍म ईंधन कहते हैं। कोयला और पेट्रोलियम जीवाश्‍म ईंधन हैं।

करोड़ वर्ष पूर्व पेड़-पौधों को पृथ्‍वी के अंदर ऑक्‍सीजन के अनुपस्थिति में दबे रहने के कारण कोयला का निर्माण हुआ तथा करोड़ों वर्ष पूर्व समुद्री जीव-जंतु समुद्र के तली में मर कर दब गए, फिर चट्टानों के नीचे चले गए। चट्टानों के नीचे दबे-दबे पेट्रोलियम के रूप में परिवर्त‍ित हो गए।

प्रश्‍न 14. कार्बन के दो गुणधर्म कौन-से हैं , जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्‍या दिखाई देती है ?

उत्तर—(i) कार्बन यौगिकों का बहुत बड़ी संख्‍या में होने का कारण कार्बन परमाणु का वह अद्वितीय गुण है जिसके द्वारा कार्बन परमाणु एक के साथ एक जुड़कर कार्बन परमाणुओं की विभिन्‍न प्रकार की लम्‍बी-लम्‍बी श्रृंखलाएँ बनाते हैं अर्थात् श्रृंखला का गुण पाया जाता है।

(ii) कार्बन की संयोजकता चार होने के कारण इसकी विशाल संख्‍या पायी जाती है।

प्रश्‍न 15. कार्बन एंव उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर कार्यों में ईंधन के रूप में क्‍यों किया जाता है ?

उत्तर—कार्बन एंव उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर कार्यो में ईंधन के रूप में किया जाता है , क्‍योंकि—

(i) यह साफ-सुधरा ईंधन है।

(ii) यह धुआँ नहीं छोड़ता है।

(iii) इसमें अवशेष नहीं बचता है।

(iv) इसका ऊष्‍मीय मान उच्‍च होता है।

(v) इनका ज्‍वलन ताप न तो बहुत उच्‍च और न ही ब‍हुत निम्‍न होता है।

प्रश्‍न- कपड़ा साफ़ करने के लिए उसे रगड़ने को आवश्यकता क्यों पड़ती है?

उत्तर- साबुन से कपड़ा धोकर साफ करने के लिए रगड़ना क्यों पीटना आवश्यक है। क्योकि जल मे उपस्थित मैग्नीशियम और कैल्सियम के लवणों के साथ साबुन क्रिया करके अघुलनशील श्‍वेत दही जैसा पदार्थ बनाता है। यह पदार्थ कपड़ो पर चिपक जाता है। उसे हटाने के लिए ब्रश या हाथ से रगड़कर कपड़े की धोना आवश्यक होता है।

प्रश्‍न- ऑक्‍सीजन तथा एयाइन के मिश्रण का दहण बेल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या आप बता सकते हैं। की एयाइन तथा वायु का मिश्रण का उपयोग क्यों नही किया जाता है?

उत्तर- ऑक्‍सीजन तथा एयाइन के मिश्रण को ऑक्‍सी ऐसिटिलीन गैस कहते हैं। इसका उपयोग वेल्डिंग के लिए किया जाता है। एयाइन तथा वायु के मिश्रण को वेल्डिंग के लिए उपयोग नहीं किया जाता क्योंकि वायु में ऑक्‍सीजन की मात्रा केवल 21 प्रतिशत होती है। अत: एयाइन का वायु में पूर्ण दहण नहीं होता और यह कालिख युक्त लौ के साथ जलती है।

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प्रश्न- हाइड्रोजनीकरण कया है। इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है।

उत्तर- असंतृप्त हाइड्रोकार्बन का निकेल आदि उत्प्रेरको की उपस्थिति मे हाइड्रोजन से मिलना और संतृप्त हाइड्रोकार्बन में बदलना हाइड्रोजनीकरण कहलाता है।

उद्योगों में हाइड्रोजनीकरण प्रक्रिया का उपयोग वनस्पति तेलों से वनस्पति द्यो बनाने में किया जाता है।

वनस्पति तेल + H2  वनस्पति द्यो।

प्रश्न- मक्खन एवं खाना बनाने वाला तेल के बीच रासायनिक अंतर समझने के लिए एक परीक्षण बताए ।

उत्तर मकखन मे संतृप्त यौगिक होते हैं और खाना पकाने वाला तेल में असंतृप्‍त यौगिक । असंतृप्त यौगिक क्षारकीय पोर्टेशियम परमैंगेट के गुलाबी रंग को उड़ा देता है। इसलिए खाना पकाने वाले तेल में कुछ बढ़े तारकीय पोटेंशियम परमैगनेट को घोल डाली जाती है ।

प्रश्‍न- उत्प्रेरक किसे कहते है। हॉइड्रोजनीकरण में किस उत्प्रेरक का उपयोग किया जाता है।

उत्तर- उत्प्रेरक ऐसे पदार्थ को कहते है। जो किसी अभिक्रिया की दर को बढ़ा या घटा देती है। लेकिन वे स्वयं अभिक्रिया के अंत में अपरिवर्तित रहते है। क्योंकि ये अभिक्रिया में भाग नही लेता है हाइड्रोजनीकरण में निकेल (Ni) उत्प्रेरक का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न- निम्नलिखित को परिभाषित करें।

उत्तर (i) एस्टरीकरण अभिक्रिया: कार्बोकिसलिक अम्ल एवं ऐल्कोहॉल की अभिक्रिया से एस्टर बनता है। एस्टर बनाने की इस क्रिया को एस्‍टरीकरण कहते है । जैसे :

 CH3COOH + C,H5OH    

 (ii) साबुनीकरण अभिक्रिया : एस्टर अम्ल या क्षारक की उपस्थिति मे अभिक्रिया करके पुन: कार्बोकिसलिक अम्ल एवं ऐल्कोहाल बनता है। इस अभिक्रिया को साबुनीकरण अभिक्रिया कहते है ।

जैसे:- CH3COOC2H5  CH3COOH + C2 H5OH

प्रश्न: निम्नलिखित का IUPAC नाम बताएँ

(i) C2H2  (ii) C2H4  (iii) C4H8 (iv) C3H6 (v) C4H6

उत्तर- IUPAC नाम निम्न है।

(i) इयाइन  (ii) इथीन या प्रोपाइ  (iii) क्यूटीन (iv) प्रोपीन (v) ब्यूटाइ

प्रश्न होरे की संरचना समझाइए और बताइए की हीरा इतना कठोर क्यो है?

उत्तर हीरे मे प्रत्येक कार्बन परमाणु नियमित चतुष्फलक के केन्द्र मो स्थित होता है। तथा यह सहसंयोग बंध द्वारा उन चार कार्बन परमाणुओं से बंधित रहता है। जो चतुष्फलक के चारों कोनों पर स्थित होता है। इस प्रकार कार्बन परमाणु के समस्त बंध योग्य इलेक्ट्रान बंधित रहता है। तथा कोई भी इलेक्ट्रान स्वतंत्र नहीं होता है। इस प्रकार के प्रबल बंधित चतुष्फलक अवस्था के कारण एक तीन आयामी सुद्ध संरचना बन जाती है। जिसके परिणामस्वरूप हीरा सबसे कठोर तत्व है ?

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प्रश्‍न- भौतिक एवं रासायनिक गुणधमों के आधार पर एथनॉल एवं एथेनाइक अम्ल मे आप कैसे अंतर बताए ।

उत्तर- भौतिक गुणधर्म :

 (i) गंध = एथेनोइक अम्ल की तेजी दम घोंटने वाली गंध होती है। जबकि एयेनॉल की मधुर गंध होती है।

(ii) गलनांक = एथेनॉल का गलनांक 156kg होता है । तो एयेनोइक अम्ल का 290k है।

(iii) कवयनांक :- एयेनोइक अम्ल का कवथनांक 391K है जबकि एथेनॉल का 351K है।

रासायनिक गुणधर्म

(i) एथनॉल उदासीन पदार्थ है। जबकि एयेनाइक अम्ल अम्लीय पदार्थ है।

(ii) एथनॉल लिटमस पर कोई प्रभाव नही दिखाता जबकि एयेनाइक अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है।

(iii) एथनॉल सोडियम से क्रिया कर H2 गैस उत्पन्न करता है। लेकिन एथेनोइक अम्ल सोडियम से क्रिया नहीं करता है ।

प्रश्‍न- कार्बन एवं उसके यौगिक का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में इधंन के रूप में क्यों किया जाता है?

उत्तर- जब कार्बन और उसके यौगिकों को अधिक वायु या ऑकसीजन की उपस्थिति में जलाया जाता है। तो बहुत अधिक मात्रा मे उष्मा उर्जा और प्रकाश की उत्पत्ति होती होती है। इन्हें एक बार जला दिए जाने के बाद ये निरंतर जलते रहते है। इन्हें अधिक उष्‍मा उर्जा प्रदान करने की आवश्‍यकता नही होती है । या धुवॉ उत्पन्न नही करता है। और इनसे हानिकारक गैस उत्पन्न नही होती।

इनको जलाने से अवशेष नही बचता और कलोरीमान उच्च होता है।

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प्रश्न साबुन की सफाइ प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए ।

उत्तर साबुन के अणु में दो में दो भाग होते हैं।

(i) ध्रुवीय भाग : CooNa+

(ii) अध्रुवीय भाग : 15-17 कार्बन परमाणुओं से बना हाइड्रोकार्बन सावुन का हाइड्रोकार्बन वाला अध्रुवीय भाग जल विरोधी होता है। तथा कपड़ी मे लगी मैल साबुन के अणु के इस भाग से चिपक जाती है। जबकि इसका ध्रुवीय भाग – COONa जलरोगों होता है। तथा जल के अणु से चिपकता है। जब साबुन को जल में घोला जाता है। तो मिसेल का निर्माण करता है। मिसेल मे साबुन के अणु के एक वृत के आकार में इस प्रकार व्यवस्थित हो जाते हैं। की इनका हाइड्रोकार्बन वाला भाग केन्द्र की तरफ एवं ध्रुवीय भाग बाहर की ओर होता है। मैल तथा द्रोण के कण इस मिसेल के अन्दर है। आ जाते हैं तथा कपड़ी से अलग कर दिए जाते हैं।

प्रश्न- जब साबुन को जल में डाला जाता है। तो मिसेल का निर्माण क्या होता है। क्या एथनॉल जैसे दूसरे विलायको मे भी मिसेल का निमार्ण होगा ।

उत्तर- साबुन के अणु के दो मुख्य भाग होते हैं। एक जल रागी और दूसरा जल विरागी भाग कार्बन श्रृंखला वाला भाग जल विरागी होता है। और आयनिक भाग जिसमे सोडियम या पोटेंशीयम परमाणु होता है। वह जल रागी होता है। यह अब पानी जैसे ध्रुवीय विलायक मे डाले जाते है। तब अपने आवेशित भाग के कारण जलरागी भाग बाहर जल की ओर होता है। इस प्रकार मिसेल बनते हैं। एथनॉल एक अध्रुवीय विलायक है अत: इसमें जल रात्री भाग के लिए आकर्षण भी नहीं होता है। अत: एथनॉल में साबुन घोलने पर मिसेल नहीं बनेगा ।

प्रश्न. सजीव प्राणियों पर ऐल्कोहाल का क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर- जब अधिक मात्रा में ऐल्कोहॉल (ऐयनॉल) का सेवन किया जाता है। तो इससे उपापचयी प्रक्रिया धीमी हो जाती है। तथा केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र कमजोर हो जाता है। इसके फलस्वरूप समन्वय की कमी मानसिक दुविधा उनीटापन एवं भावशून्यता आती है। एयानॉल के विपरित मेथेनाल की थोड़ा तो भी मात्रा लेने पर मृत्यु हो सकती है। यकृत में मेथेनाल आकॅसीकृत होकर मेथेनाल बन जाता है। मेथेनाल यकृत की कोशिकाओं के घटको के साथ शीघ्र अभिक्रिया करने लगता है।

प्रश्‍न- ऐल्कोहॉल क्या है यह कैसे प्राप्त होता है?

उत्तर- सामान्यतः एथेनाल को ऐल्कोहॉल कहा जाता है। तथा यह सभी ऐल्कोहॉली पेय पदार्थ का महत्वपूर्ण अवयव है। यह एक कार्बनिक यौगिक है। इसके अतिरिक्त यह एक अच्छा विलायक है। इसिलिए इसका उपयोग टिचर आयोडोन कफ सीरफ टॉनिक आदि अवलधियो मे होता है।

ऐल्किल हैलाइड को जलीय सोडियम हाइड्राक्‍साइड के साथ गर्म करने पर ऐल्कोहॉल प्राप्त होता है।

CH3 – Cl + NaOH → CH3 – OH + Nac) 

( मेथिल ऐल्कोहल )

CH3 – CH2 – Cl + NaOH → CH3 – CH2 – OH + Nacl

(एथिल एल्कोहाल )

व्यापारिक विधि मे एथेनॉल (ऐल्कोहॉल) को चोनी या स्टार्च के किण्वन द्वारा प्राप्त किया जाता है। तथा CO के अवकरण से मेथेनॉल प्राप्त किया जाता है।   

C12H22O11 + H2O  C6H12O6 + C6H12O6

             (थीस्ट से)

C6H12O6  2C3HOH + 2CO2

   (पोस्ट से)       (मिथेल एल्कोहाल )

CO + 2H2  CH3OH

                               (मेथेल एल्कोहाल)

प्रश्‍न- समजातीय श्रेणी क्या है। उदाहरण के साथ समझाँए ।

उत्तर- समजातीय श्रेणी: सजातीय श्रेणी समान संरचनाओं और समान रासायनिक गुणधमों वाले कार्बनिक यौगिक का एक समुह जिसमे क्रमागत यौगिक CH2 समूह द्वारा भिन्न होता है

उदाहरण:- ऐल्‍केनो की समजाती श्रेणी ।

नाम अण्विक सुत्र
मीथेन CH4
प्रोपेन C3H8
पेन्‍टेन C5H12
एथेन C2H6
ब्‍युटेन C4H10
हैक्‍सीन C6H14

 

प्रश्न एथेनॉल की प्राप्ति किण्वन विधि से कैसे किया जाता है? इथेनाल का दो उपयोग लिखे ।

उत्तर- इथेनॉल शर्करा या स्टार्च के किण्वन द्वारा बनाया जाता है। यह किण्वन समोर (थीस्ट) को उपस्थिति में होता है। जिसमे दो एन्जाइम इनवरटेज तथा जाइलम होता है।

C12H22O11 + H2O  → 4C2H5OH + 4C02

(शर्करा)                  (इथेनाल

शर्करा के किण्वन से इथेनॉल का तनु जलीय विलयन प्राप्त होता है। इथेनॉल का जल से पृथक्करण तथा शुद्धिकरण आसवन की क्रिया द्वारा किया जाता है।

ज्येनॉल का दो उपयोग – टिंचर आयोडिन, कफ सीरप एवं टॉनिक बनाने में होता है।

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महत्‍वपूर्ण तथ्‍य—

  • हीरा और ग्रेफाइट कार्बन के अपरूप हैं।
  • कार्बन अधातु है।
  • हाइड्रोजन में एकल सहसंयोजक बंधन, ऑक्‍सीजन में द्विकसहसंयोजक बंधक और नाइट्रोजन में त्रिकसहसंयोजक बंधन पाया जाता है।
  • ग्‍लूकोज के एक अणु में 6 अणु ऑक्‍सीजन होते हैं।
  • कार्बन और हाइड्रोजन से बने यौगिक को हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
  • एल्‍केन का सामान्‍य सूत्र CnH2n+2 होता है।
  • एल्‍कीन का सामान्‍य सूत्र CnH2n होता है।
  • एल्‍काइन का सामान्‍य सूत्र CnH2n-2 होता है।

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