प्राकृत संख्या, पूर्ण संख्या, पूर्णांक, शून्य ,सह-अभाज्य संख्याएँ, विशिष्ट पूर्णांक की परिभाषा 

प्राकृत संख्या, पूर्ण संख्या, पूर्णांक, शून्य ,सह-अभाज्य संख्याएँ, विशिष्ट पूर्णांक की परिभाषा  

प्राकृत संख्या (Natural Number)- गीनती की संख्या को प्राकृत संख्या कहते हैं। इसे धन पूर्णांक भी कहते हैं। जैसे- 1, 2, 3, 4, 5,

पूर्ण संख्या (Whole Number) शून्य सहित प्राकृत संख्या को पूर्ण संख्या कहते हैं। जैसे- 0, 1, 2, 3, 4, ण्ण्ण्

पूर्णांक (Integers) पूर्ण संख्या के संग्रह में ऋणात्मक प्राकृत संख्या को शामिल कर लें तो प्राप्त संख्याओं के संग्रह को पूर्णांक कहते हैं। जैसे- …, -4, -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, 4, …

इसे Z से सूचित किया जाता है।

शून्य (Zero) 0 को शून्य पूर्णांक कहते हैं। इसका एक अन्य नाम Nought है। इसलिए a₀ को a Nought पढ़ा जाता है।

f₀ को f Nought पढ़ा जाता है।

b₀ को b Nought पढ़ा जाता है।

सह-अभाज्य संख्याएँ (Co-prime Number)- वैसी दो या दो से अधिक संख्याएँ जिनका उभयनिष्ठ अपवत्तर्क (अर्थात म.स.) केवल एक हो, यानी महत्तम समापवत्तर्क केवल 1 हो , सह-अभाज्य संख्याएँ कहलाती हैं। जैसे- (5,7), (12,25), (8,49) सह-अभाज्य संख्याएँ हैं।

विशिष्ट पूर्णांक  (Specific Number) – वह धन पूर्णांक जिसका केवल एक अपवत्तर्क/गुणनखंड हो, विशिष्ट पूर्णांक कहलाता है।

जैसे- ‘1‘.

संख्या (Number) का संकेत No क्यों ? – संख्या (Number) लैटिन शब्द Numero से लिया गया है। जिसका अर्थ ‘संख्या (Number)‘ होता है।

चूँकि किसी का संकेत उस शब्द के प्रथम अक्षर अथवा प्रथम और अंतिम अक्षर से किया जाता है।

Numero का पहला अक्षर N और अंतिम अक्षर O है, इसलिए इसका संकेत No होता है।

सभी पूर्णांकों के संग्रह को Z से क्यों सुचित किया जाता है ? – Z जर्मन शब्द ”zahlen” (जेहलीन)  से लिया गया है, जिसका अर्थ ‘गिनना‘ और ”zahl” (जहल) जिसका अर्थ संख्या होता है।

इसलिए पूर्णांक को Z से सुचित किया जाता है।

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