द्वाविंशति: पाठ:
प्रियं भारतम् (प्रिय भारत)
- कवि को कैसा भारत प्रिय है?
उत्तर- कवि सदैव चमकते हुए भारत को अपने मन में विद्यमान रखना चाहता है। जिस भारत की कटि विन्ध्याचल, कमरबन्द गोदावरी एवं गंगा, मस्तक हिमालय जैसा गर्वोन्नत है तथा जिसके चरणों को सागर पखार रहे हैं वह भारत कवि को प्रिय है।
- कवि ने भारत के कुछ महापुरुषों को उनके किन कर्मों के कारण स्मरण किया है?
उत्तर- भारत में शिवि तथा दधीचि जैसे दानी हए हैं। चन्द्रशेखर, भगत सिंह एवं बिस्मिल जैसे लोगों ने भारत की अस्मिता की रक्षा के लिए कुर्बानी दी है। गाँधीजी ने देश के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। प्रजातन्त्र के समर्थक एवं विश्व के प्रिय नेता पंडित जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, राजेन्द्र प्रसाद, अब्दुल हमीद आदि ने अपने कर्म से भारत का सिर ऊंचा किया। इस प्रकार कवि ने विभिन्न महापुरुषों को राष्ट्र प्रेम, दानवीरता, परोपकार, समाज सेवा इत्यादि के लिए स्मरण किया है।