बारदोली सत्याग्रह | Bardoli Satyagraha in Hindi

बारदोली सत्याग्रह

फरवरी 1928 ई॰ में गुजरात के बारदोली ताल्लुका में लगान वृद्धि के खिलाफ किसानों में असंतोष की भावना जागृत हुई।

सरकार द्वारा गठित ‘बारदोली जाँच आयोग‘ की सिफारिशों से भी किसान असंतुष्ट रहे और उन्होंने सरकार के निर्णय के विरूद्ध आंदोलन छेड़ा।

इसमें सरदार बल्लभ भाई पटेल की निर्णायक भूमिका रही। इसी अवसर पर उन्हें सरदार की उपाधि दी गई।

किसानों के समर्थन में बम्बई में रेलवे हड़ताल हुयी।

के॰ एम॰ मुंशी और लालजी नारंगी ने आंदोलन के समर्थन में बम्बई विधान परिषद् की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया।

सरकार को ब्लूमफील्ड और मैक्सवेल के नेतृत्व में नई जाँच समिति का गठन करना पड़ा।

नई जाँच समिति ने इस वृद्धि को अनुचित माना।

अन्ततः सरकार को लगान की दर कम करनी पड़ी।

यह आंदोलन सफल ढंग से सम्पन्न हुआ।

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