राष्ट्रस्तुति Subjective Questions

सप्तदशः पाठः

राष्ट्रस्तुति (राष्ट्र की प्रार्थना)

  1. राष्ट्रस्तुति के आधार पर भारत के विशिष्ट स्वरूप का चित्रण अपने शब्दों में करें।

उत्तर- राष्ट्ररूपी देवता अखण्ड भारत अति सुशोभित है। उत्तर दिशा में विशाल आकृति वाला पर्वतराव हिमालय प्रहरी रूप में अवस्थित है। विनम्र सेवक की भांति तीन ओर सागर इसका पैर धो रहा है। यहाँ के हरे-भरे खेत रमणीय हैं। इस राष्ट्र की शोभा अनुपम है।

  1. भारत ‘विश्वगुरू’ क्यों कहलाया?

उत्तर- धरती पर भारत एक विशिष्ट भूखण्ड है। दुनिया में सर्वप्रथम ज्ञानोदय इसी भूखण्ड पर हुआ। भारत में ही उत्कृष्ट मानवीय जीवन-शैली विकासित हुई। ज्ञान अन्वेषण के पश्चात् यहाँ से विश्व को ज्ञान दिया गय। यहीं वेद, पुराण, उपनिषद् इत्यादि ग्रन्थों की रचना हुई। प्राचीन विश्वविद्यालय भारत में ही था जहाँ से शिक्षा प्राप्त कर दुनिया के लोग आगे बढ़े। संसार को ज्ञान, सभ्यता, संस्कार एवं सही दिशा देने के करण यह विश्गुरु कहलाया।

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