रेलमार्ग :
भारत में रेल परिवहन का विकास 16 अप्रैल 1853 ई० से शुरू हुआ था। पहली बार रेलगाड़ी मुम्बई से थाणे के बीच 34 किलोमीटर की लंबाई में चली थी। इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने लाभ के उद्देश्य से रेलों का जाल बिछाने पर जोर दिया।
भारतीय रेलवे :
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश में रेल परिवहन के विकास पर अधिक जोर दिया गया। भारतीय रेल परिवहन कई विशेषताओं से युक्त है। इनमें कुछ विशेषताएँ निम्नलिखित है।
- तीव्र गति से चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस एवं शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन दो महानगरों के बीच किया जा रहा है।
- छोटे शहरों को महानगरों एवं बड़े शहरों से जोड़ने के लिए जन-शताब्दी एक्सप्रेस गाड़ियाँ चलायी जा रही है।
- 1 अगस्त 1947 से रेल मंत्रालय ने रेल यात्री बीमा योजना शुरू की है।
- कोलकाता और दिल्ली में मेट्रो रेल सेवा के तहत भूमिगत रेल सेवा दी जा रही है।
- रेल संपत्तियों एवं रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए जी. आर. पी, एवं आर. पी. एफ की व्यवस्था की गई है।
- पूर्वोतर राज्य में मेघालय एक ऐसा राज्य है जहाँ रेलमार्ग नहीं है।
- भारतीय रेल प्रणाली एशिया की सबसे बड़ी तथा विश्व की तीसरी बड़ी रेल प्रणाली है।
- विश्व की सबसे अधिक विद्युतीकृत रेलगाड़ीयाँ रूस के बाद भारत में ही चलती है।
भारतीय रेल प्रतिदिन लगभग 1.24 करोड़ यात्रियों को यातायात की सुविधा देती है।