पञ्चमः पाठः
संसारमोहः (संसार से मोह)
- 1. भगवान नृसिंह के समक्ष प्रह्लाद ने क्या इच्छा प्रकट की?
उत्तर- प्रह्लाद ने भगवान नृसिंह से संसार के सारे दीन-दुखी प्राणियों का वैकुण्ठवास देने की कामना प्रकट की। उन्होंने अपने साथ-साथ सभी प्राणियों को मोक्ष प्रदान करने की इच्छा भगवान से प्रकट किये।
- संसार का मोह किस प्रकार बैकुण्ठ के मार्ग में भी बाधक होता है?
उत्तर- सांसारिक मोह-पाश के कारण लोग पारिवारिक माया एवं कार्य व्यापार में मग्न होता है। यह व्यामोह इतना प्रभावी होता है कि लोग इससे बाहर निकलना नहीं चाहते हैं। यहाँ तक की वैकुण्ठवास का अवसर आने पर भी उससे वंचित रह जाते हैं।