अम्ल, क्षारक एवं लवण | Acid Base and salt in Science

इस पोस्‍ट में हमलोग कक्षा 10 विज्ञान के पाठ 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण (Acid Base and salt) के सभी टॉपिकों के बारे में अध्‍ययन करेंगे।

Acid Base and salt in Hindi

Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

अम्ल अम्ल वह पदार्थ है जिसका जलीय विलयन स्वाद में खट्टा होता है तथा धातु से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करता है।

भस्म भस्म वह पदार्थ है जिसका जलीय विलयन स्वाद में कड़वा होता है तथा अम्ल को उदासीन कर लवण बनाता है।

आर्हेनियस द्वारा अम्ल की परिभाषा अम्ल वह पदार्थ है जो जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन देता है।

आर्हेनियस द्वारा भस्म की परिभाषा भस्म वह पदार्थ है जो जल में घुलकर हाइड्रॉक्साइड आयन देता है।

क्षार जल में विलेय भस्म को क्षार कहते हैं।

अम्ल के गुण

  1. अम्ल स्वाद में खट्टा होता है।
  2. प्रबल अम्ल विद्युत के सुचालक होते हैं।
  3. अम्ल धातु से क्रिया करके हाइड्रोजन गैस मुक्त करते हैं।
  4. भस्म क्षार से क्रिया करके लवण और जल बनाता है।
  5. अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है।

भस्म के गुण

  1. क्षार स्वाद में तीखा या कड़वा होता है।
  2. क्षार छूने में साबुन जैसा चिकना होता है।
  3. प्रबल क्षार विद्युत का सुचालक होता है।
  4. अम्ल से प्रतिक्रिया करके लवण तथा जल देता है।
  5. क्षार लाल लिटमस को नीला को पीला कर देता है।

pH मानpH मान एक संख्या होती है जो पदार्थों की अम्लीयता और क्षारीयता को प्रदर्शित करती है। यह किसी विलयन के हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता के लघुगणक का ऋणात्मक मान है।

अम्लीय विलयन का pH मान 7 से कम, क्षारीय विलयन का pH मान 7 से अधिक और उदासीन विलयन का pH मान 7 के बराबर होता है।

दैनिक जीवन में चभ् का महत्व

  1. पेट की अम्लीयता (एसिडिटी) व गैस की समस्या को दूर करने के लिए क्षारीय प्रकृति वाले मिल्क ऑफ मैग्नीशिया का प्रयोग किया जाता है।
  2. अम्लीय वर्षा में जल का pH मान 5.6 से कम होता है। इस जल के फलस्वरुप नदियों का pH मान भी कम हो जाता है जो कि जलीय जीवों पर हानिकारक प्रभाव डालता है।
  3. दांत का इनामेल कैल्शियम सल्फेट का बना होता है। दांतों की सफाई नहीं करने पर बैक्टीरिया के सड़ने से अम्लों की उत्पत्ति होती है जिनसे मुंह की लार का पीएच 5.5 से कम चला जाता है और इनामेल को नुकसान पहुंचाता है। इसके उपाय हेतु टूथपेस्ट में क्षारीय पदार्थ प्रयुक्त किए जाते हैं।
  4. मधुमक्खी के डंक में मेथेनॉइक अम्ल होता है। इसके डंक से होने वाली जलन को शांत करने के लिए क्षारीय प्रकृति के बेकिंग सोडा का प्रयोग किया जाता है।
  5. उपजाऊ मिट्टी का पीएच मान भी एक निश्चित परास में होता है।
  6. अम्ल एवं क्षारक की अभिक्रिया वेफ परिणामस्वरूप लवण तथा जल प्राप्त होते हैं तथा इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं। सामान्यतः उदासीनीकरण अभिक्रिया को इस प्रकार लिख सकते हैं।

Acid Base and salt in Hindi

क्षारक + अम्ल →लवण+जल

लवण अम्लों तथा भस्मों की अभिक्रिया से लवण तथा जल बनते हैं।

HCl+NaOH→NaCl+H2O

सोडियम हाइड्रॉक्साइड के उपयोग- 1. साबुन तथा अपमार्जक बनाने में

  1. कागज बनाने में
  2. प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में

हाइड्रोजन गैस का उपयोग

  1. वनस्पति तेल का हाइड्रोजनीकरण कर उन्हें वनस्पती घी में परिणत करने में
  2. हैबर विधि द्वारा अमोनिया बनाने में

क्लोरीन गैस का उपयोग

  1. कपड़ों एवं कागज को विरंजित करने में
  2. कीटाणुनाशक होने के कारण पेयजल को शुद्ध करने में
  3. विरंजक चूर्ण बनाने में

सोडियम बाइकार्बोनेट या सोडियम होइड्रोजनकार्बोनेट (खाने का सोडा, NaHCO3)

सोडियम बाइकार्बोनेट को अमोनिया-सोडा विधि या साल्वे विधि द्वारा तैयार किया जाता है।

सोडा विधि या साल्वे विधि

सिद्धांत अमोनिया गैस से संतृप्त सोडियम क्लोराइड के संतृप्त जलीय विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित करने के फलस्वरूप सोडियम बाइकार्बोनेट प्राप्त होता है।

NaCl + H2O + CO2 + NH3→NH4 Cl + NaHCO3

गुण-1. सोडियम बाइकार्बोनेट का जलीय विलयन क्षारीय होता है तथा इस विलयन का pH मान 7 से अधिक होता है।

  1. NaHCO3 अम्लों को उदासीन करता है तथा अभिक्रिया के फलस्वरूप CO2 गैस निकलती है।

NaHCO3 + HCl→NaCl + CO2↑+ H2O

सोडियम बाइकार्बोनेट का उपयोग

  1. इसका उपयोग बेकिंग पाउडर बनाने में किया जाता है।
  2. पेट की अम्लीयता कम करने के लिए औषधि (ऐंटासिड) के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  3. इसका उपयोग अग्निशामक यंत्रों में भी किया जाता है।
  4. रसोईघर में, खाने के सोडा का उपयोग खस्ता व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है। कभी-कभी इसका इस्तेमाल खाना जल्द पकाने के लिए भी किया जाता है।

Acid Base and salt in Hindi

सोडियम कार्बोनेट या धोने का सोडा(Na2CO3 . 10H2O)

    सोडियम कार्बोनेट या धोने का सोडा प्रायः अमोनिया-सोडा विधिया साल्वे विधि से तैयार किया जाता है।

अमोनिया सोडा विधि या साल्वे विधि

सिद्धांत- अमोनिया गैस से संतृप्त सोडियम क्लोराइड के संतृप्त जलीय विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित करने पर सोडियम बाइकार्बोनेट प्राप्त होता है।

NaCl + H2O + CO2 + NH3 NH4Cl + NaHCO3

सोडियम बाइकार्बोनेट को गर्म करके सोडियम कार्बोनेट प्राप्त किया जाता है।

2NaHCO3→Na2CO3 + CO2 + H2O

सोडियम कार्बोनेट के रवाकरण से धोने का सोडा (Na2CO3 . 10H2O) प्राप्त होता है।

गुण- 1. Na2CO3 का जलीय विलयन क्षारीय होता है।

Na2COअम्लों को उदासीन बनाता है।

सोडियम कार्बोनेट के विलयन में CO2 गैस प्रवाहित करने पर सोडियम बाइकार्बोनेट बनता है।

Na2CO+ CO2  + H2O 2NaHCO3

धोने के सोडा का उपयोग

  1. कपड़ा आदि धोने में इसका उपयोग होता है।
  2. यह प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में व्यवहार किया जाता है।
  3. काँच, कागज, साबुन आदि के उत्पादन में इसका उपयोग किया जाता है।
  4. जल का स्थायी खारापन दूर करने में 〖छं〗ऋ2〖ब्व्〗ऋ3 का उपयोग होता है।

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विरंजक चूर्ण [Ca(OCl)Cl]

शुष्क बुझे हुए चूने  [Ca(OH)2] , को 40℃तकतप्तकरउसकेऊपरक्लोरिन गैस प्रवाहित करने पर विरंजक चूर्ण प्राप्त होता है।

Ca(OH)2 + Cl2Ca(OCl)Cl + H2O

गुण यह सफेद चूर्ण है जिससे क्लोरिन की गंध निकलती है।

उपयोग-1. कीटाणुनाशक के रूप में

  1. कागज एवं कपड़ों के विरंजन में
  2. क्लोरिन, क्लोरोफॉर्म आदि बनाने में

प्लास्टर ऑफ पेरिस (CaSo4)2 . H2O या कैल्सियम सल्फेट हेमिहाइड्रेट CaSo4 . 1/2 H2O

 जिप्सम (CaSo4 . 2H2O)को तीव्रता से गर्म करने पर यह पूर्ण रूप से निर्जलीय होकर कैल्सियम सल्फेट बनाता है।

CaSo4 . 2H2O CaSo4+ 2H2O

जिप्सम को 120℃तकसावधानीपूर्वकगर्मकरनेकेफलस्वरूपप्लास्टरऑफपेरिसबनताहै।

2(CaSo4 . 2H2O)(CaSo4)2 . H2O + 3H2O

उपयोग-1. प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग मूर्ति बनाने में किया जाता है।

  1. इसका उपयोग शल्य चिकित्सा में टूटी हुई हड्डियों को बैठाने और जोड़ने में पट्टियों के रूप में किया जाता है।

Bihar Board Class 10th Social Science
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