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BSEB Social Science Geography कक्षा 9 पाठ 7. भारत का पड़ोसी देश | Bharat Ka Padosi Desh Class 9th Solutions

June 26, 2023 by Tabrej Alam Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग कक्षा 9 भूगोल के पाठ 7. भारत का पड़ोसी देश (Bharat Ka Padosi Desh Class 9th Solutions)’ के महत्‍वपूर्ण टॉपिकों के बारे में अध्‍ययन करेंगें। 

Bharat Ka Padosi Desh Class 9th Solutions

7. भारत का पड़ोसी देश
(अ) नेपाल

अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
निर्देश : नीचे दिए गए प्रश्नों में चार संकेत चिह्न हैं, जिनमें एक सही या सबसे उपयुक्त है। प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रश्न- संख्या के सामने वह संकेत चिह्न (क, ख, ग, घ) लिखे, जो सही अथवा सबसे उपयुक्त हो ।

1. नेपाल की सीमा भारत के किस राज्य से मिलती है ?
(क) अरुणाचल प्रदेश
(ख) मणिपुर
(ग) सिक्किम
(घ) पंजाब

2. महाभारत लेख क्या है ?
(क) पर्वत श्रृंखला
(ख) लेखागार
(ग) मैदान
(घ) राजमहल

3. गंडक नदी को नेपाल में किस नाम से जाना जाता है ?
(क) काली गंडक नदी
(ख) नारायणी नदी
(ग) त्रिशुल नदी
(घ) कृष्णा नदी

उत्तर- 1. (ग), 2. (क), 3. (ख) ।

लघु उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. नेपाल के सर्वोच्च शिखर का नाम एवं ऊँचाई बताएँ ।
उत्तर— नेपाल के सर्वोच्च शिखर का नाम एवरेस्ट या सागरमाथा है तथा इसकी ऊँचाई 8,848 मीटर है ।

प्रश्न 2. नेपाल की तीन प्रमुख नदियों के नाम लिखें ।
उत्तर— नेपाल की तीन प्रमुख नदियों के नाम हैं : (क) कोसी, (ख) गंडक तथा (ग) घाघरा ।

प्रश्न 3. नेपाल के पड़ोसी देश और सीमावर्ती भारतीय राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर—नेपाल के पड़ोसी देशों में केवल दो देश हैं : दक्षिण में तिब्बत (चीन) तथा उत्तर में भारत। इसके सीमावर्ती भारतीय राज्यों के नाम सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश हैं ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. नेपाल की अर्थव्यवस्था का विवरण दीजिए ।
उत्तर – नेपाल की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है । कृषि के साथ पशुपालन भी होता है। मुख्य खाद्यान्नों में चावल, मक्का, गेहूँ, ज्वार-बाजरा आदि उपजाए जाते हैं। इन खाद्यान्नों के अलावा व्यापारिक फसल भी उपजाए जाते हैं । व्यापारिक फसलों मुख्य हैं जूट, गन्ना, फल, तम्बाकू, चाय तथा कपास । कुल कृषि उत्पादन का 70 प्रतिशत भाग अकेले तराई प्रदेश से आता है। काठमांडू घाटी में भी सघन कृषि होती है, जिसमें चावल तथा फल और सब्जी उपजाए जाते हैं ।
यद्यपि नेपाल में खनिजों का अभाव है। फिर भी अल्प मात्रा में अभ्रक, लिग्नाइट, ताँबा, कोबाल्ट आदि प्राप्त हो जाते हैं । शक्ति के साधन रूप में भारतीय सहयोग से घाट जल विद्युत परियोजना’ चालू की गई है, जिससे नेपाल को सालों भर पर्याप्त बिजली प्राप्त हो जाती है। यहाँ बिजली के विकास की असीम सम्भावनाएँ हैं ।
औद्योगिक दृष्टि नेपाल अवश्य ही पिछड़ा है, फिर भी अब कुछ उद्योगों का विकास भी किया जा रहा है। यहाँ सूती वस्त्र, चीनी, जूट, चमड़ा, वनस्पति तेल, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट, दियासलाई, कागज तथा कागज के लिए लुगदी का उत्पादन होने लगा है। अब यहाँ सीमेंट तथा कृषि उपकरण भी बनाए जाने लगे हैं। नेपाल का प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक स्थल तथा पर्वातरोहण के कारण सैलानी यहाँ आकर्षित होते रहे हैं । अतः पर्यटन उद्योग विकास की ओर अग्रसर है।
खनन एवं उद्योग में वृद्धि के कारण नेपाल के विदेश व्यापार आर्थिक स्थिति में सुधार हो रही है। भारत, बांग्लादेश, चीन, भूटान के साथ विदेश व्यापार होता है । नेपाल से सूती एवं ऊनी वस्त्र, छोटे-बड़े वाहनों आदि का आयात होता है । इसे मात्र कोलकाता बन्दरगाह से आयात की सुविधा है ।

प्रश्न 2. नेपाल की जलवायु, मृदा और जलप्रवाह का वर्णन कीजिए ।
उत्तर—मुख्यतः नेपाल की जलवायु शीत प्रधान है, जो यहाँ की भू-आकृतियों से प्रभावित है। दक्षिण के तराई भाग को छोड़ सभी स्थानों पर तापमान न्यून रहता है । कारण कि यहाँ का 75% भू-भाग समुद्रतल से काफी ऊँचाई पर है। जाड़े में यहाँ का तापमान सामान्यतः 2°C से भी नीचे चला जाता है, वहीं गर्मी में 30° के आसपास पहुँच जाता है । यहाँ का वार्षिक औसत तापमान 10°C माना जाता है । यहाँ मार्च से अगस्त तक ग्रीष्मऋतु तथा सितम्बर से फरवरी तक शीतऋतु रहता है। गर्मी में मानसूनी हवाओं से नेपाल के पूर्वी भागों में 200 सेमी के आसपास तथा पश्चिम में 100 सेमी के आसपास वार्षिक वर्षा होती है । जाड़े में उत्तरी भाग में हिमपात होते हैं तथा शीतकालीन चक्रवतीय वर्षा होती है ।

नेपाल में नदियाँ पूर्व से पश्चिम की ओर तीन तंत्रों में बँटी हैं : (क) कोसी नदी तंत्र, (ख) गंडक नदी तंत्र तथा (ग) घाघरा नदी तंत्र। सबसे लम्बी ‘करनाली’ है, घाघरा की सहायक नदी है। इसका प्रवाह पश्चिम नेपाल में है और बाद में यह भारत में प्रवेश कर जाती है । मध्य नेपाल की मुख्य नदी गंडक है, जिसे नेपाली लोग नारायणी कहते हैं। भारतीय प्राचीन ग्रंथों में भी गंडक को नारायणी कहा गया हैं । पूर्वी नेपाल की मुख्य नदी कोसी को सप्त कोसी के नाम से पुकारते हैं। सभी नदियाँ उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवाहित होती हैं और भारत में प्रवेश कर किसी-न-किसी नदी की सहायक नदी बनती है। खासकर ये गंगा की सहायक बनती हैं। ढाल काफी होने के कारण नदियों का प्रवाह बहुत तीव्र होता है, जिससे अपरदन की समस्या बनी रहती है। इन नदियों तथा इनके तीव्र प्रवाह के कारण यहाँ बिजली उत्पादन की अपार सम्भावनाएँ हैं । नेपाल की राजधानी काठमांडू में जहाँ पशुपतिनाथ का मंदिर है, उसके ठीक सटे बागमती नदी बहती है जो भारत में गंगा की सहायक नदी बनती है ।

प्रश्न 3. नेपाल की अर्थव्यवस्था पर उद्योगों के प्रभाव का वर्णन कीजिए ।
उत्तर—जैसा कि हम पहले से जानते हैं कि नेपाल में खनिजों का अभाव है, हालाँकि अल्प मात्रा में यहाँ अभ्रक, लिग्नाइट, ताँबा, कोबाल्ट आदि प्राप्त हो जाते हैं । शक्ति के साधन के रूप में एकमात्र ‘देवीघाट जल विद्युत परियोजना’ चालू की गई है, जिसमें भारत ने सहयोग दिया था । औद्योगिक कच्चे माल के अभाव में यहाँ के उद्योग भी पिछड़े हुए हैं। इधर आकर कृषिजनित कच्चे माल से चलनेवाले कुछ उद्योग स्थापित हुए हैं। कृषि औद्योगिक फसलों में गन्ना, जूट, कपास, बाँस, तेलहन आदि से चलनेवाले उद्योग जैसे— चीनी, जूट, सूती वस्त्र, कागज, वनस्पति तेल, ऊनी वस्त्र आदि के उद्योगों का विकास हुआ है। इसके साथ ही सीमेंट, चमड़ा, तम्बाकू, सिगरेट, दियासलाई और कागज के लिए लुगदी बनाने के उद्योग भी फलने-फूलने लगे हैं। उद्योगों के लिए मशीनों का आयात करना पड़ता है, कारण कि वैसी मशीनें बनाने की यहाँ कोई व्यवस्था नहीं है । यहाँ की उत्पादित वस्तुओं का निर्यात होता है ।

नेपाल के विदेश व्यापार में भारत, चीन, भूटान, बांग्लादेश आदि की प्रमुखता है। यहाँ से जड़ी-बूटियों जैसे वन उत्पादों का अधिक निर्यात होता है । वैसे कुछ सूती एवं ऊनी वस्त्र का भी निर्यात होता है। आयात में भारी मशीनें, बिजली के सामान, छोटे- बडे वाहन तथा नमक की प्रमुखता है । विदेश व्यापार के लिए कोलकाता बन्दरगाह का उपयोग होता है, जो नेपाल से निकटतम बन्दरगाह है।

मानचित्र कार्य (परियोजना कार्य) :
प्रश्न 1. एटलस की सहायता से नेपाल का मानचित्र बनाएँ तथा उसपर नेपाल के प्रमुख पर्वत शिखरों और औद्योगिक केन्द्रों को दिखाएँ ।
उत्तर- संकेत : यह परियोजना कार्य हैं। छात्र इसे स्वयं करें ।

(ब) भूटान

अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
निर्देश : नीचे दिए गए प्रश्नों में चार संकेत चिह्न हैं, जिनमें एक सही या सबसे उपयुक्त है। प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रश्न- संख्या के सामने वह संकेत चिह्न (क, ख, ग, घ) लिखें, जो सही अथवा सबसे उपयुक्त हो ।

(i) भूटान की राजधानी कहाँ है ?
(क) काठमांडू
(ख) ढाका
(ग) थिम्फू
(घ) यंगून

(ii) भूटान में हिमालय की सर्वाधिक ऊँचाई है :
(क) 8848 मीटर
(ख) 7554 मीटर
(ग) 7115 मीटर
(घ) 8850 मीटर

(iii) भूटान में औसत वार्षिक वर्षा होती है :
(क) 350 सेमी.
(ख) 300 सेमी.
(ग) 250 सेमी.
(घ) 380 सेमी.

(iv) भूटान के कितने प्रतिशत क्षेत्र पर वनों का विस्तार है ?
(क) 20%
(ख) 50%.
(ग) 70%
(घ) 21%

(v) भूटान की साक्षरता दर कितना प्रतिशत हैं ?
(क) 30%
(ख) 40%
(ग) 42%
(घ) 50%

उत्तर— (i)→ (ग), → (ii) (ख), (iii) (ग), (iv) → (ग), (v)→ (ग)।

II. लघु उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. भूटान के धरातल का विवरण दीजिए ।
उत्तर—भूटान 26°45′ एवं 20°20′ उत्तरी अक्षांश तथा 89° 45′ एवं 92°05′ पूर्वी देशांतर के मध्य अवस्थित है । भूटान का क्षेत्रफल 46,500 वर्ग किमी है। भूटान के दक्षिणी किनारे पर लगभग 16 किमी चौड़ी मैदानी संकरी पट्टी है, जिसको ‘द्वार’ कहते हैं, जो 600 मीटर ऊँची है। इस मैदान के उत्तर में निचला हिमालय पर्वत है, जिसकी ऊँचाई 1500 से 3000 मीटर के बीच है। भूटान में सर्वाधिक ऊँचा स्थान 7574 मीटर है।

प्रश्न 2. भूटान के आर्थिक संसाधनों का संक्षेप में वर्णन कीजिए ।
उत्तर — भूटान के मात्र 10% भाग में कृषि कार्य होता है । कृषि कार्य आंतरिक घाटियों तथा मध्यम ढालों पर होता है। देश के पूर्वी भाग में स्थानांतरी कृषि होती है । यहाँ चावल, गेहूँ, जौ, मक्का, आलू और अन्य सब्जियाँ उपजाई जाती हैं । कठोर और ऊँची-नीची धरातलीय स्थिति के कारण यातायात के साधनों का विकास नहीं हो सका है। यद्यपि भूटान उद्योग में पिछड़ा है, फिर भी कुछ लघु और कुटीर उद्योगों का विकास हुआ है । यहाँ प्लाईवुड, पैकिंग की लकड़ी, शराब, रेजिन तथा तारपीन के तेल का उद्योग विकसित है। पर्यटन उद्योग का विकास तेजी की ओर अग्रसर है।

III. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. भूटान का संक्षिप्त परिचय दीजिए ।
उत्तर-संकेत : पृष्ठ 51 पर ‘पाठ की मुख्य बातें’ देखें और लिखें ।

प्रश्न 2. भूटान की जलवायु की विशेषताओं का व्याख्या कीजिए ।
उत्तर— भूटान की जलवायु पर्वतीय मॉनसूनी है। ऊँचाई के साथ ही तापमान प्रभावित होने लगता है। सालों भर कड़ी सर्दी पड़ती है। जनवरी महीने का औसत तापमान 4°C तथा जुलाई का 17°C रहता है। मई से सितम्बर के बीच 185 सेमी से भी अधिक वर्षा होती है, लेकिन वार्षिक वर्षा का औसत 250 सेमी है। मैदानी भाग, जिसे ‘द्वार’ भी कहते हैं, की जलवायु उष्ण कटिबंधीय है । इस भाग में जनवरी महीना अपेक्षाकृत अधिक ठंडा रहता है। लगभग 1.050 मीटर से 2250 मीटर ऊँचे पर्वतीय भागों में जलवायु शीतोष्ण है । देश की अधिकांश आबादी इसी भाग में निवास करती है । जहाँ की ऊँचाई इससे अधिक है, वहाँ की जलवायु बहुत ठंडी है । ये प्रायः बर्फ से अच्छादित रहते हैं । ऊँचे पठारी भागों में भी कम लोग निवास करते हैं । वहाँ प्राकृतिक वनस्पति का अभाव है और है भी तो नाम मात्र की। अधिक वर्षा पर्वतों के दक्षिणी ढलानों पर होती है, जो किसी- किसी वर्ष 500 सेमी से 750 सेमी तक रिकॉर्ड की जाती है । जलवायु के अनुरूप ही वनस्पतियाँ पाई जाती हैं । ‘द्वार’ प्रवेश में चौड़ी पत्तीवाले उष्ण कटिबंधीय वन, 1200  से 2200 गीटर ऊँचे क्षेत्र में चीड़ के वृक्ष तथा 1500 से 3000 मीटर की ऊँचाई पर चीड़ के साथ ओक, मेपल, पोपल, वालनट आदि के वृक्ष मिलते हैं। इससे अधिक ऊँचाई पर फर, बर्च किस्म की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। भूटान के कुल क्षेत्रफल के 68 प्रतिशत भाग वनों से भरे हुए हैं।

प्रश्न 3. भूटान की कृषि की विशेषता तथा वहाँ के औद्योगिक विकास का वर्णन कीजिए ।
उत्तर— भूटान की कुल भूमि के मात्र 10 प्रतिशत भाग पर ही कृषि कार्य होता है । अधिकतर नदियों की आतंरिक घाटियों एवं मध्यम ढालों पर सीढ़ीदार खेत बनाकर कृषि कार्य किया जाता है। भूटान के दक्षिण-पश्चिम भागों में कृषि का अधिक विकास हुआ है । देश के पूर्वी भाग में आज भी स्थानांतरी कृषि कार्य होता है, जबकि विश्व के अधिक: भाग में इस पर रोक लग गई हैं । फसलों की उपज पर्वतीय ढाल की ऊँचाई के अनुसार होती है। चावल, गेहूँ, जौ, मक्का, आलू तथा अन्य सब्जियाँ उपजाई जाती हैं ।
उद्योग की दृष्टि से भूटान एक पिछड़ा देश है। कारण कि एक तो यहाँ खनिजों का अभाव है और भूमि के ऊँची-नीची होने के कारण यातायात के साधनों का विकास न के बराबर हुआ है । जहाँ-तहाँ लघु और कुटीर उद्योगों का विकास हुआ है । कुछ बड़े उद्योगों में प्लाईवुड, पैकिंग की लकड़ी तैयार करने, शराब बनाने, रेजिन और तारपीन का तेल बनाने के उद्योग हैं । यहाँ का पर्यटन उद्योग विकास की ओर गतिशील है ।
भूटान की भौगोलिक स्थिति एवं भौतिक संरचना के कारण यातायात के साधनों का पर्याप्त विकास नहीं हो सका है। खनिज पदार्थ हैं तो सही लेकिन बहुत कम । जो थोड़े खनिज मिलते भी हैं तो उनके सहायक खनिजों के अभाव से वे काम में नहीं आ पाते. और उद्योगों का विकास कठिन होता है । यहाँ बड़े उद्योग तो हैं ही नहीं । लघु और कुटीर उद्योग के रूप में कुछ खास-खास उद्योगों के साथ पशुपालन और कृषि पर आधारित उद्योगों का कुछ विकास हो सका है। यहाँ का पर्यटन उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में विशेष सहायक हो रहा है। वास्तव में यह भारत के सहयोग के बिना आर्थिक विकास कर ही नहीं सकता। अभी हाल के वर्षों में भारत के सहयोग से यहां अनेक जल विद्युत परियोजनाएँ पूरी की गई हैं। इन परियोजनाओं से भारत को भी बिजली मिलती है ।

IV. परियोजना कार्य :

प्रश्न 1. भूटान का अक्षांशीय एवं देशान्तरीय विस्तार ज्ञात कीजिए ।
उत्तर— भूटान 26°45′ एवं 20°20′ उत्तरी अक्षांश तथा 89° 45′ एवं 92°05′ पूर्वी देशांतर के बीच अवस्थित है ।

प्रश्न 2. विश्व मानचित्र पर भूटान की स्थिति को दर्शाएँ ।
प्रश्न 3. ग्लोब पर भूटान की स्थिति को स्पष्ट करें ।
उत्तर-संकेत : परियोजना कार्य स्वयं कीजिए। यदि आवश्यकता समझें तो शिक्षक की सहायता लीजिए ।

(स) बांग्‍लादेश

अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
निर्देश : नीचे दिए गए प्रश्नों में चार संकेत चिह्न हैं, जिनमें एक सही या सबसे उपयुक्त है। प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रश्न- संख्या के सामने वह संकेत चिह्न (क, ख, ग, घ) लिखें, जो सही अथवा सबसे उपयुक्त लगे।

(i) बांग्लादेश का पूर्व का नाम क्या था ?
(क) पूर्वी पाकिस्तान
(ख) पूर्वी बंगाल
(ग) पाकिस्तान
(घ) मुजीबनगर

(ii) भारत के साथ बांग्लादेश की स्थलीय सीमा कितनी लम्बी है ?
(क) 4018 किमी.
(ख) 4096 किमी.
(ग) 4180 किमी.
(घ) 4009 किमी.

(iii) बांग्लादशे कब स्वतंत्र हुआ ?
(क) 17 दिसम्बर, 1970
(ख) 18 अक्टूबर, 1971
(ग) 17 दिसम्बर, 1971
(घ) 18 मार्च, 1981

(iv) बांग्लादेश एशिया महाद्वीप के किस भाग में हैं ?
(क) पश्चिमी भाग
(ख) दक्षिणी भाग
(ग) उत्तरी भाग
(घ) पूर्वी भाग

(v) ब्रह्मपुत्र नदी को बांग्लादेश में किस नाम से जाना जाता है ?
(क) मेघना
(ख) जमुना
(ग) सूरमा
(घ) कर्णफूली

उत्तर— (i)→(क), (ii) → (ख), (iii) → (ग), (iv)→ (ख), (v)→ (ख)।

II. लघु उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. ढाका नगर की स्थिति एवं महत्व पर प्रकाश डालें ।
उत्तर- ढाका नगर देश के लगभग बीचोबीच पद्मा नदी के तट पर अवस्थित है । इस नगर का महत्व इस बात पर निर्भर है कि यह बांग्लादेश की राजधानी है ।

प्रश्न 2. बांग्लादेश के धरातल का विवरण दीजिए ।
उत्तर— बांग्लादेश 20° उत्तरी अक्षांश तथा 27° उत्तरी अक्षांश और 85° पूर्वी देशांतर तथा 93° पूर्वी देशांतर के बीच अवस्थित है। बांग्लादेश एक डेल्टाई क्षेत्र हैं। मैदानी क्षेत्र की समुद्रतल से ऊँचाई कहीं भी 25 मीटर से कम ही है। डेल्टा क्षेत्र होने के कारण यहाँ का धरातल काफी उपजाऊ है। मुख्य उपज धान है ।

प्रश्न 3. बांग्लादेश के आर्थिक संसाधनों का संक्षेप में वर्णन करें ।
उत्तर — बांग्लादेश का मुख्य आर्थिक आधार कृषि है । यहाँ की 80% जनता कृषि में लगी हुई है। एकल घरेलू उत्पाद का एक-तिहाई भाग कृषि से प्राप्त होता है। मैग्रोव वनों में सुन्दरी वृक्ष की अधिकता से लकड़ी उद्योग विकसित है । यद्यपि यहाँ खनिजों का अभाव है फिर भी कुछ महत्व का कोयला, चूना पत्थर, नमक, काँच का बालू, लोहा तथा प्राकृतिक गैस प्राप्त होते हैं, जो अर्थव्यवस्था को मदद पहुँचाते हैं । बांग्लादेश में आधुनिक उद्योग-धंधों का कोई खास विकास नहीं हो सका है ।

III. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. बांग्लादेश का भौगोलिक वर्णन विस्तार से कीजिए ।
उत्तर — बांग्लादेश की सीमा पश्चिम, उत्तर और पूर्व की ओर भारत की सीमा से सटी हुई है। इसकी लम्बाई 4,096 किलोमीटर है। इसके पूरब में म्यांमार (बर्मा) तथा दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। उत्तर में भारतीय राज्य असम और मेघालय, पूरब में त्रिपुरा तथा मिजोरम एवं पश्चिम बंगाल राज्य अवस्थित हैं । बांग्लादेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 1,48,393 वर्ग किलोमीटर है। यह 20° उत्तरी अक्षांश से 27° उत्तरी अक्षांश और 85° पूर्वी देशांतर से 93° पूर्वी देशांतर के बीच फैला हुआ है। बांग्लादेश एक डेल्टाई क्षेत्र है, जो विश्व की सर्वाधिक बड़ी नदियों गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के डेल्टा के मध्य अवस्थित है। इस देश के मैदानी भाग की ऊँचाई कहीं भी समुद्रतल से 25 मीटर से अधिक नहीं, बल्कि कम ही है। डेल्टा क्षेत्र में नदियों की ढाल कम रहने के कारण उनके प्रवाह की गति धीमी पड़ जाती है, फलतः वितरिकाओं की संख्या अधिक हैं। बिना नदी पार किए कहीं आना-जाना कठिन है। चूँकि वर्ष- प्रति वर्ष यहाँ बाढ़ में लाई मिट्टी की परत जमती जाती है, जिससे डेल्टा भाग काफी उपजाऊ क्षेत्र है। नदियों या वितरिकाओं द्वारा जमा की गई मिट्टी से स्थान-स्थान पर टापू-से बन गए हैं। वहाँ भी आने-जाने के लिए नावों का ही सहारा लेना पड़ता है । तटवर्ती क्षेत्र दलदली है। कॉक्स बाजार विश्व प्रसिद्ध ‘बीच’ है। भौगोलिक दृष्टि से बांग्लादेश को नौ भागों में बाँटा जा सकता है वे भाग हैं : (i) चटगाँव तथ सिलहट की पहाड़ियाँ, (ii) प्राचीन जलोढ़ वेदिकाएँ, (iii) टिपरा धरातल, (iv) रेतीला जलोढ़ पंख प्रदेश, (v) मोरी बन्द डेल्टा, (vi) स्थिर डेल्टा, (vii) दलदलीगर्त, (viii) गुम्फित नदीय. ‘ज्वार भूमि’ तथा (ix) ज्वारीय डेल्टा पर्वतीय क्षेत्र केवल पूर्वी तथा दक्षिणी-पूर्वी भाग में हैं। ये पहाड़ियाँ समुद्रतल से औसतल 200 मीटर से 300 मीटर की ऊँचाई वाली हैं ।

प्रश्न 2. बांग्लादेश की कृषि का आर्थिक महत्व बताते हुए प्रमुख व्यापारिक फसलों का वर्णन करें ।
उत्तर—बांग्लादेश के अर्थतंत्र की रीढ़ की हड्डी कृषि ही है। देश की लगभग 80 प्रतिशत लोग कृषि कार्य में लगे हैं। लगभग 63% भूमि पर कृषि कार्य होता है ! कृषि में यहाँ अन्नोत्पादन, पशुपालन, मछली पकड़ना तथा वानिकी का अधिक महत्व है। सकल घरेलू उत्पाद का लगभग एक तिहाई योगदान कृषि का है। विदेश व्यापार में भी 50% निर्यात कृषिगत वस्तुओं का ही होता है । देश की कुल कृषि योग्य भूमि के 82% भाग में से 6% पर जूट, 4% पर गेहूँ तथा अन्य 10% भाग पर सब्जी, फल तथा अन्य नकदी फसलें बोई जाती हैं। शेष पर धान की खेती होती है। इस प्रकार हम देखते हैं कि बांग्लादेश में कृषि का इतना आर्थिक महत्व है कि उसका शब्दों में बयान करना कठिन है ।
बांग्लादेश की प्रमुख व्यापारिक फसलें हैं जूट, चाय, गन्ना, तम्बाकू, फल, गेहूँ, मछली तथा खाल ।

(i) जूट — डेल्टाई भूमि तथा नदियों की अधिकता के कारण बांग्लादेश में प्रायः सर्वत्र जूट उपजाया जाता है। जूट से बने सामानों का तो निर्यात होता ही है, जूट का भी निर्यात कर दिया जाता है। जूट बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था का एक मुख्य आधार है ।

(ii) चाय — चटगाँव और सिलहट की पहाड़ियों की ढलानों पर चाय उपजाई जाती हैं। चाय की खेती करना अंग्रेजों ने आरम्भ किया था, जो आज भी चालू है। चाय का कुछ भाग तो देश में ही खप जाता है लेकिन शेष का यूरोपीय देशों को निर्यात कर दिया जाता है। निर्यातक बंदरगाह चटगाँव है ।

(iii) गन्ना— गन्ना एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है। चीनी मिलों को गन्ना दिया जाता है, जिससे चीनी बनती है। घरेलू खपत से बची चीनी निर्यात कर दी जाती है ।

(iv) तम्बाकू — तम्बाकू एक चौथी नगदी फसल है। देश में खैनी (सूरती) के रूप में इस्तेमाल होता है और बीड़ी बनती ही है । बचे तम्बाकू विदेशों को निर्यात कर दिया जाता है ।

IV. मानचित्र कार्य :

प्रश्न 1. बांग्लादेश के मानचित्र पर प्रमुख नदियों एवं नगरों को प्रदर्शित करें ।
उत्तर- संकेत : यह परियोजना र्का है। छात्र इसे स्वयं करें ।

कुछ अन्य प्रमुख प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा कौन है और वह कहाँ है ?
उत्तर—विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा गंगा – ब्रह्मपुत्र का डेल्टा है । यह इन दोनों नदियों के मुहाने पर अवस्थित है। इस डेल्टा का कुछ भाग तो बांग्लादेश में है और कुछ भारत (पश्चिम बंगाल) में है ।

प्रश्न 2. ब्रह्मपुत्र नदी को बांग्लादेश में किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर – ब्रह्मपुत्र नदी को बांग्लादेश में ‘जमुना’ नाम से जाना जाता है ।

प्रश्न 3. सुन्दरी नामक वृक्ष कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर—सुन्दरी नामक वृक्ष सुन्दरवन में पाया जाता है जो गंगा-ब्रह्मपुत्र नदियों के डेल्टा क्षेत्र में अवस्थित है ।

प्रश्न 4. मैग्रोव वन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर—मैग्रोव वन उस वन को कहते हैं, जो ज्वारीय क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से उगते हैं। भारत के पश्चिम बंगाल तथा बांग्लादेश में सम्मिलित रूप से पाए जानेवाले वन मैग्रोव वन ही हैं। वहाँ इन वन को सुन्दरवन के नाम से जाना जाता है। इस वन में सुन्दरी नामक विश्व प्रसिद्ध वृक्ष मिलते हैं तथा विश्व प्रसिद्ध ‘बाघ’ (बंगाल टाइगर) भी इसी वन में मिलते हैं।

(द) श्रीलंका
अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
निर्देश : नीचे दिए गए प्रश्नों में चार संकेत चिह्न हैं, जिनमें एक सही या सबसे उपयुक्त है। प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रश्न- संख्या के सामने वह संकेत चिह्न (क, ख, ग, घ) लिखें, जो सही अथवा सबसे उपयुक्त हो ।

1. श्रीलंका की आकृति कैसी है ?
(क) आयताकार
(ख) अंडाकार
(ग) त्रिभुजाकार
(घ) वृत्तकार

2. पिदुरतालगाला श्रीलंका का एक प्रमुख स्थलाकृति है
(क) नदी
(ख) झील.
(ग) शिखर
(घ) गर्त

3. श्रीलंका की राजधानी है
(क) कैंडी
(ख) कोलंबो
(ग) जाफना
(घ) अनुराधानगर

4. भारत से श्रीलंका को अलग करता है
(क) पाक जलसंधि
(ख) श्रीलंका जलसंधि
(ग) हरमुज जलसंधि
(घ) इनमें से कोई नहीं

5. श्रीलंका में लोकतंत्र की स्थापना कब हुई ?
(क) 1948 में
(ख) 1949 में
(ग) 1955 में
(घ) 1956 में

उत्तर- 1. (ख), 2. (ग), 3. (ख), 4. (क), 5. (घ) ।

II. लघु उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. श्रीलंका की जलवायु किस प्रकार की है ?
उत्तर — श्रीलंका की जलवायु मॉनसूनी प्रकार की है । विषुवत रेखा इसके निकट से ही गुजरती है। इस कारण यहाँ सालों भर गर्मी का मौसम बना रहता है। वर्षा भी लगभग सालों भर पड़ती है। लेकिन यहाँ जाड़े की ऋतु नहीं आती । तटीय भागों में 200 सेमी तक तथा पर्वतीय क्षेत्रों में 500 सेमी से भी अधिक वर्षा होती है। श्रीलंका में मात्र 5°C से 7°C तक ही वार्षिक तापांतर दर्ज किया जाता है। शीत ऋतु में देश का औसत तापमान 22°C रहता है वहीं पहाड़ी भागों में 20°C रहता है।

प्रश्न 2. ‘पूर्व का मोती’ श्रीलंका को क्यों कहते हैं ?
उत्तर— एक प्रकार से श्रीलंका रत्नों का भंडार है । यहाँ अनेक प्रकार के कीमती रत्न प्रचुरता से पाये जाते हैं । मुख्य रूप से यहाँ नीलम, रक्तमणि, पुखराज, गोमेद आदि पाए जाते हैं। ‘सीलोनी गोमेद’ बड़े महत्व का माना जाता है। समुद्र से मोती भी काफी मात्रा में निकाले जाते हैं । इसी कारण श्रीलंका को ‘पूर्व का मोती (Pearl of the East) कहा जाता है ।

प्रश्न 3. श्रीलंका में किस प्रकार की वनस्पति पायी जाती है ?
उत्तर – विषुवत रेखा के निकट होने के कारण श्रीलंका में मुख्य रूप से विषुवतीय प्रकार की वनस्पति पायी जाती है। सूर्य का प्रकाश पाने की होड़ में विषुवतीय वनों के वृक्ष लम्बा-से-लम्बा होते जाते हैं, वन उतने ही सघन भी होते हैं। वनों में मुख्य रूप से रबर, सिनकोना, गटापार्चा और चेरू के वृक्ष पाए जाते हैं । गटापर्चा और चेरू क्रमशः भारतीय सखुआ और सागवान की तरह होते हैं। कुल भूमि के 30% भाग में वन फैले हैं । सघन वन मध्यवर्ती पठारों पर पाये जाते हैं ।

III. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. श्रीलंका की जलवायु का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – किसी भी देश की जलवायु पर वहाँ की स्थलाकृति की संरचना भी प्रभावी रहती है। इसी कारण श्रीलंका की जलवायु का वर्णन करने के लिए हमें यहाँ की स्थलाकृति की संरचना को थोड़ा समझ लेना आवश्यक है। श्रीलंका प्रायद्वीपीय भारत की दक्षिण ओर भारत से लगभग 50 किलोमीटर दूरी पर हिन्द महासागर में अवस्थित तात्पर्य कि श्रीलंका चारों ओर समुद्र से घिरा है। इससे वहाँ प्रमुख रूप से पूरे श्रीलंका में समुद्री प्रभाव को देखा जाता है । मध्यवर्ती भाग पर्वतीय है तथा तटीय भाग समतल मैदानी है। अन्य पर्वत शिखर रमण, बुद्ध पद, आदम आदि प्रमुख हैं। ऐसा लगता है कि बुद्ध पद का नामकरण भगवाद बुद्ध तथा आदम का श्रीराम के नाम पर आधारित है। समुद्र के बीच अवस्थिति तथा लगभग द्वीप के बीच में पर्वतों की स्थिति वहाँ मॉनसूनी जलवायु को कायम करने में बड़ी भूमिका अदा करती हैं। विषुवत रेखा के नजदीक होने के कारण सालों भर गर्मी पड़ती रहती है। मुख्यतः यहाँ दो ही ऋतु दृष्टिकोचर होते हैं— ग्रीष्म और वर्षा । शीतऋतु नाममात्र की आती है जिस समय 20°C से 22°C के बीच तापमान रहता है। 20°C तापमान रहता भी है तो पर्वतीय भागों में । तटीय भागों में औसत वार्षिक वर्षा 200 सेमी तथा पर्वतीय भागों में 500 सेमी के लगभग होती है। लंका में वार्षिक तापांतर समझ में नहीं आता क्योंकि वह मात्र 5°C से 7°C के बीच रहता है ।

प्रश्न 2. श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर—श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करनेवाले कारक हैं :
(i) कृषि, (ii) खनन तथा (iii) उद्योग |

(i) कृषि — श्रीलंका में खाद्यान्न तो कम ही उपजाए जाते हैं, अधिकतर व्यवसायिक कृषि को प्राथमिकता दी जाती है। व्यावसायिक कृषि की मुख्य उपज है : (i) चाय, (ii) काली मिर्च, (iii) दाल चीनी, (iv) कहवा (कॉफी), (v) तम्बाकू, (vi) केला, (vii) अनानास, (viii) पान, (ix) सुपारी, (x) गन्ना एवं (xi) काजू । इनमें से कुछ मात्रा को घरेलू खपत में उपयोग होता है तथा शेष का निर्यात कर दिया जाता है। गन्ना से चीनी बनती है। चीनी का भी कुछ अंश निर्यात किया जाता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि कृषि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी निभाती है।

(ii) खनन – श्रीलंका में खनिजों का प्रायः अभाव है, फिर भी अल्पमात्रा में ग्रेफेटाइट, मोनाजाइट, अवरख और लौह-अयस्क प्राप्य हैं। इनका खनन होता है। फिर खनन योग्य कुछ मूल्यवान पत्थर मिल जाते हैं, उनमें प्रमुख और सबसे मूल्यवान नीलम, रक्तमणि, पुखराज, गोमद जैसे रत्न हैं । इनका खनन होता है और निर्यात कर दिया जाता है । समुद्र से मोती निकालने का काम होता है, वह भी भारी मात्रा में । फलतः श्रीलंका प्राकृतिक मोती का एक मुख्य निर्यातक देश है। यहाँ इतने अधिक मोती मिलते हैं कि श्रीलंका का नाम ही ‘पूर्व का मोती’ (Pearl of East ) पड़ गया

 (iii) उद्योग – श्रीलंका का उद्योग का आधार कृषि और खनिज दोनों हैं। दोनों के सम्मिलित उत्पाद के उद्योग चलाए जाते हैं । यहाँ शक्ति के साधनों का अभाव है, इसलिए कोई बड़े उद्योग स्थापित नहीं हो सके हैं। नूना-पत्थर के मिलने से वहाँ का सबसे बड़ा उद्योग सीमेंट उत्पादन है। अधिक उद्योग कृषि पर आधारित ही हैं। यहाँ चाय संस्करण, अन्य खाद्य संस्करण, मछली उद्योग तथा मसाला उद्योग विकास की ओर अगरार है। चीनी उद्योग और रबर उद्योग भी मुख्य उद्योगों में आते हैं तथा ये श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के आधार हैं।

IV. मानचित्र कार्य :

प्रश्न 1. श्रीलंका के मानचित्र पर एटलस की सहायता से महत्त्वपूर्ण नगरों को दिखायें ।
उत्तर-संकेत : यह परियोजना कार्य है। छात्र इसे स्वयं करें ।

कुछ अन्य प्रमुख प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. ‘मोतियों का द्वीप’ किस द्वीप को कहा गया है ? क्यों ?
उत्तर— श्रीलंका द्वीप को मोतियों का द्वीप कहा गया है क्योंकि वहाँ विश्व का सर्वाधिक मोती निकाला जाता है और वह भी उत्तम कोटि का ।

प्रश्न 2. श्रीलंका कव स्वतंत्र हुआ ?
उत्तर- श्रीलंका 1948 में स्वतंत्र हुआ।

प्रश्न 3. विषुवत रेखीय वनस्पति काफी लम्बे क्यों होते हैं?
उत्तर- विषुवत रेखीय वनस्पति काफी बनी होती है। इस कारण सूर्य का प्रकाश मिलने में वनस्पतियों को कठिनाई होती है। प्रकाश पाने की उनमें प्रतियोगिता होती है और इसी क्रम में वे लम्बा-से-लम्बा होते जाता है।

(य) पाकिस्तान
अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
निर्देश : नीचे दिए गए प्रश्नों में चार संकेत चिह्न हैं, जिनमें एक सही या सबसे उपयुक्त है। प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रश्न- संख्या के सामने वह संकेत चिह्न (क, ख, ग, घ) लिखें, जो सही अथवा सबसे उपयुक्त हो ।

1. पाकिस्तान का सबसे बड़ा हवाई अड्डा कहाँ है ?
(क) इस्लामाबाद.
(ख) कराँची
(ग) स्यालकोट
(घ) मुल्तान

2. खेल का सामान बनाने में विश्व प्रसिद्ध है :
(क) कराची
(ख) रावलपिण्डी
(ग) स्यालकोट
(घ) लाहौर

3. पाकिस्तान की सबसे प्रसिद्ध चोटी तख्त सुलेमान की ऊँचाई क्या है ?
(क) 3750 मीटर
(ख) 3770 मीटर
(ग) 3700 मीटर
(घ) 4400 मीटर

4. सिंधु नदी बहती है
(क) दक्षिण से उत्तर
(ख) पूरब से पश्चिम
(ग) उत्तर से दक्षिण
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1. (क), 2. (ग), 3. (ख), 4. (ख ) ।

II. लघु उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. पाकिस्तान को ‘सिंधु की देन’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर—पाकिस्तान की मुख्य नदी सिंधु है । इसकी सहायक नदियों में ‘पंचनद’ प्रमुख है, जिनमें झेलम, चिनाव, रावी, सतलज एवं व्यास मुख्य हैं। सिंधु सहित सभी नदियों का उद्गम भारतीय क्षेत्र हिमालय है । ये सभी सहायक नदियाँ तो सिंधु में मिल जाती हैं, लेकिन सिंधु अरब सागर में गिर जाता है । यह अपने लम्बे रास्ते में हजारों वर्षों से अवसाद जमा करते रहा है, जिससे पाकिस्तान का मैदानी भाग बना है, जो काफी उपजाऊ है। यह मैदान पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित करता है। इसी कारण ‘पाकिस्तान को सिंधु नदी की देन’ कहा जाता है ।

III. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. पाकिस्तान की जलवायु की विशेषताओं की व्याख्या करें ।
उत्तर—पाकिस्तान की जलवायु मॉनसूनी तथा उष्ण मरुस्थलीय है । यहाँ गर्मी के मौसम में भारी गर्मी पड़ती है तो ठीक इसके उलट जाड़े के मौसम में जाड़ा भी काफी पड़ता है। गर्मी के दिनों में औसत तापमान 45°C तक पहुँच जाता है, बल्कि जैकोबाबाद में इससे भी अधिक 55°C तक। जाड़े में औसत तापमान 7°C रहता है । पर्वतीय भाग में कहीं-कहीं बर्फ भी जम जाता है । पूर्वी मरुस्थलीय भाग में धूलभरी आँधियाँ चलती हैं, जिससे जनजीवन तबाह हो जाता है। यह बात अलग है कि यह भाग अल्प जनसंख्या वाला है। जैकोबाबाद की गर्मी के विषय में कहा जाता है कि यह पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि एशिया का सबसे गर्म स्थान है । मरुस्थलीय भागों में चारों ओर रेत के टीले दिखाई देते हैं, जिन टिलों को भूगोल की भाषा में ‘बलुआ टिब्बा’ कहा जाता है।
पाकिस्तान में वर्षा का वितरण असमान है। उत्तर के पर्वतपदीय क्षेत्रों में 75 से 80 सेमी के बीच तथा पूर्व के मैदानी क्षेत्र में 35 से 50 सेमी के बीच वर्षा होती है । लेकिन पश्चिमी क्षेत्र में मात्र 10 से 25 सेमी के बीच तक ही वर्षा हो पाती है। कुल मिलाकर हम देखते हैं कि पूरे पाकिस्तान में औसत वर्षा मात्र 35 सेमी ही हो पाती है ।
पाकिस्तानी जलवायु पर वहाँ की नदियों का भी प्रभाव पड़ता है। पहाड़ भी अपना प्रभाव डालते हैं ।

प्रश्न 2. पाकिस्तान में खनन एवं उद्योगों के विकास का वर्णन कीजिए ।
उत्तर—पाकिस्तान में खनिज पदार्थों का प्रायः अभाव-सा है। फिर भी निम्न कोटि का कोयला मिल जाता है। कोयला के अलावे खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, क्रोमाईट, जिप्सम, लोहा, सेंधा नमक, चूना पत्थर, बॉक्साइट एवं गंधक की भी प्राप्ति होती है खनिज तेल बलाकासार, खैरपुर, अटक, चाकवाल में निकाला जाता है। इसकी खनन मशीनों को लगाने में अमेरिका ने मदद दी थी। कोयला खनन का काम रावलपिण्डी, मलराबल, हैदराबाद के अनेक क्षेत्रों में किया जाता है । लौह अयस्क की प्राप्ति अटक, सरगोधा, जितरल और मियाँवाली क्षेत्र में होती है। बलूचिस्तान की जोब घाटी में क्रोमियम का भण्डार है और वह भी काफी मात्रा में । मैंगजनीम लासबेला और कोहाट क्षेत्र में मिलता है। प्राकृतिक गैस का मुख्य प्राप्ति स्थान सूई, खैरपुर और लायलपुर हैं ।
पाकिस्तान खासकर कृषि और रसायन से सम्बन्धित उद्योगों का विकास अधिक हुआ है । कृषि से सम्बद्ध उद्योग हैं सूती वस्त्र, ऊनी वस्त्र, चीनी, खेल के सामान, कागज उद्योग रसायन से सम्बद्ध उद्योग तो विकसित हैं ही दियासलाई उद्योग को भी वहाँ प्रमुख उद्योग माना गया है। खनिजों पर आधारित उद्योगों में प्रमुख उद्योग हैं: सीमेंट उद्योग, तेल शोधन और प्राकृतिक गैस उत्पादन उद्योग । वनों पर आधारित उद्योगों में मुख्य उद्योग है खेल के सामान बनाना, जिसके लिए सियालकोट प्रसिद्ध है ।
मुलतान, करांची, लायलपुर, लाहौर, उकाड़ा आदि सूत एवं सूती वस्त्र उद्योग के लिए प्रमुखता रखते हैं । हरनाई, बन्नू एवं कादिराबाद ऊनी वस्त्र के केन्द्र हैं। नौशेरा और रहवाली में उत्तम कोटि के कागज और दफ्ती बनते हैं और ये बाँस पर आधारित हैं। चारसद्दा, मारदान औहराबाद में चीनी बनाने के कारखाने हैं ।

IV. मानचित्र कार्य :

प्रश्न 1. पाकिस्तान का रेखाचित्र बनाकर उसके प्रमुख औद्योगिक एवं खनिज केन्द्रों को दर्शाएँ :
उत्तर- संकेत : यह परियोजना कार्य है। छात्र इसे स्वयं करें ।

कुछ अन्य प्रमुख प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. 14 अगस्त, 1947 को पाकिस्तान के बनने के पश्चात वह कितने भागों में था और कौन-कौन ?
उत्तर—पाकिस्तान बनने के समय वह दो भागों में था । एक पश्चिम की ओर पश्चिम पाकिस्तान और दूसरा पूर्व की ओर पूर्वी पाकिस्तान । दोनों के बीच भारत का विशाल क्षेत्र था। इस कारण दोनों में काफी दूरी थी ।

प्रश्न 2. जब पाकिस्तान दो भागों में था तो अब वह केवल पश्चिम पाकिस्तान अर्थात एक भाग ही क्यों हो गया ?
उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में पंजाबियों का बोलबाला था और पूर्व पाकिस्तान के लोग बंगला भाषी थे। पंजाब के लोग सदा उनपर अपना दबदबा बनाए रखते थे । फलतः बंगालियों में चेतना आई और उन्होंने युद्ध का एलान कर दिया। युद्ध में वे विजयी रहे और 1971 में वह स्वतंत्र होकर बांग्लादेश के नाम से अलग देश बन गया । फलतः पाकिस्तान केवल पश्चिम पाकिस्तान में ही सिमट कर रह गया ।

प्रश्न 3. ‘दोआब’ किसे कहते हैं? कोई एक उदाहरण दें।
उत्तर—दो नदियों के बीच के क्षेत्र को ‘दोआब’ कहते हैं । भारत उपमहाद्वीप का प्रसिद्ध दोआब है गंगा और जमुना का दोआब है, जो काफी उपजाऊ है ।

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