BSEB Class 6th Hindi Solutions Chapter 3 चिड़िया

Class 6th Hindi Text Book Solutions

3.चिड़िया
(आरसी प्रसाद सिंह)
सप्रसंग व्याख्या/आश्य

चिड़िया बैठी प्रेम-प्रीति की,

रीति हमें सिखलाती है।

वह जग के बंदी मानव को

मुक्ति-मंत्र बतलाती है।

व्याख्या- प्रस्तुत पंक्तियाँ कविवर आरसी प्रसाद सिंह द्वारा रचित कविता ‘चिड़िया‘ शीर्षक पाठ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि ने लोगों को प्रम के साथ रहने के महत्त्व पर प्रकाश डाला है।

कवि का कहना है कि चिड़िया हमें हर मानव से प्रम करने की सलाह देती है तथा अपने समान सारे बंधनों को तोड़कर स्वतंत्रतापूर्वक जीने का संदेश देती है। कवि चिड़िया के माध्यम से यह बताना चाहता है कि पराधीनता से बढ़कर कोई दुःख नहीं है। इसलिए सारे देशवासी संगठित होकर परतंत्रता के बंधन से मुक्त होने का प्रयास करें और पक्षियों की भाँति स्वच्छंद होकर विचरण करें।

वे कहते हैं- मानव! सीखो,

तुम हमसे जीना जग में।

हम स्वच्छन्द और क्यों तुमने

डाली है बेड़ी पग में।

आशय- प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि आरसी प्रसाद सिंह द्वारा लिखित ‘चिड़िया‘ शीर्षक कविता से उद्धृत हैं। इनमें कवि ने चिड़िया के माध्यम से मानव-समाज को यह संदेश दिया है कि मानव स्वार्थ के कारण गुलाम है। मानव को स्वार्थ त्यागकर पक्षी की भाँति मिलजुलकर स्वतंत्र वातावरण में जीने का प्रयास करना चाहिए। वे स्वार्थ के कारण लड़ते-झगड़ते हैं और फिरंगियों के गुलाम बने हुए हैं।

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