कक्षा 10 विज्ञान भाग 2 पाठ 4 कार्बन एवं उसके यौगिक | Carbon Evam Uske Yogik in Hindi solution

इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 10 विज्ञान के पाठ 4 ‘ कार्बन एवं उसके यौगिक (Carbon Evam Uske Yogik in Hindi solution )’ को पढ़ेंगे।

4. कार्बन एवं उसके यौगिक

पाठ में दिए गए प्रश्‍नो के उत्तर

(पृष्‍ठ: 68)

प्रश्‍न 1.  CO2 सुत्र वाले कार्बन डाइऑक्‍साइड की इलेक्‍ट्रोन बिंदु संरचना क्‍या होगी ?

उत्तर –    CO2 इलेक्‍ट्रोन बिंदु संरचना निम्‍नलिखित है:

प्रश्‍न 2. सल्‍फर के आठ परमाणुओं से बने सल्‍फर के अणु के इलेक्‍ट्रॉन बिंदु संरचना क्‍या होगी ? (संकेत: सल्‍फर के आठ प्रमाणु एक अँगूठी के रूप में आपस में जुडे होते है।)

उत्तर –  SO2

(पृष्ठ : 76 )

प्रश्‍न 1. प्रन्‍टेन के लिए आप कितने संरचनात्‍मक समावयवी का चित्रण कर सकते हैं ?

उत्तर – प्रन्‍टेन के लिए हम तीन संरचनात्‍मक समावयवी का चित्रण कर सकते है।

प्रश्‍न  2. कार्बन के दो गुणधर्म कौन से है जिनके कारण हमरे चारो ओर कार्बन यौगिको कि‍ विशाल संख्‍या दिखाई देती है?

उत्तर – कार्बन यौगिको के विशाल संख्‍या के दो कारण है जो निम्‍नलिखित है:
कार्बन प्रमाणुओं की श्रृंखला तथा कार्बन परमाणु की चार सयोजकता ।
इस गुण के कारण कार्बन परमाणु सीधी शाखित तथा चक्रिय श्रृंखलाएँ बनाता है चार संयोजकता के कारण कार्बन अपने प्रमाणुओ के साथ एकल बंधन द्विबन्‍धन तथा त्रि बन्‍धन बनाते है।
इन्‍ही दो कारणो से कार्बन बहुत अधिक संख्‍या में यौगिको का निर्माण करता है, जिसके कारण हमारे चारो ओर कार्बन यौगिको विशाल संख्‍या दिखाई देती है

  प्रश्‍न 3. साइक्‍लोपेन्‍टन का सुत्र तथा इलेक्‍ट्रॉन बिंदु संरचना क्‍या होंगे ?

उत्तर – साइक्‍लोपेन्‍टेन का सुत्र  C5 H10 होता है और बिंदु संरचना नीचे है:

(पृष्ठ : 79 )

प्रश्न 1. एथनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं ?

उत्तर – एथेनॉइक अम्ल में एथेनॉल की अपेक्षा ऑक्सीजन के एक परमाणु अधिक तथा हाइड्रोजन के दो परमाणु कम होते हैं ।
जिस अभिक्रिया में ऑक्सीजन की वृद्धि और हाइड्रोजन की कमी होती है उस रासायनिक अभिक्रिया को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं । इसी कारण एथनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं ।

प्रश्न 2. ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है । क्या आप बता सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता ?

उत्तर – चूँकि वायु में निष्क्रिय गैसें तथा नाइट्रोजन गैस होती हैं, जिसके कारण एथाइन के दहन में ऑक्सीजन की अधिकता के कारण दहन ठीक से नहीं होती । इसी कारण एथाइन के दहन के लिए वायु का उपयोग नहीं किया जाता है ।

प्रश्‍न 1. प्रयोग द्वारा आप ऐल्‍कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्‍ल में कैसे अंतर कर सकते है?

ऐल्‍कोहॉल कार्बोक्सिलिक
जब एल्‍कोहॉल तथा सोडियम कार्बोनेट की अभिक्रिया करने पर कोई गैस नही न‍कलती है। एथेनॉइक अम्‍ल की सोडियम कार्बोनेट से अभिक्रिया करने पर CO2  गैस देता है। जो चुने के पानी को दुधिया कर देता है।

प्रश्न 2. ऑक्सीकारक क्या है ?

उत्तर ऑक्सीकारक वह प्रक्रम है जो स्वयं अपघटित होकर दूसरे को ऑक्सीकृत करता है उदाहरण: KMnO4 , SO4, आदि ऑक्सीकारक हैं ।

प्रश्न 1. क्या आप डिटरजेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है अथवा नहीं ?

उत्तरनहीं, चूँकि डिटरजेंट कठोर तथा मृदु दोनों के साथ अधिक झाग देता अतः उसका उपयोग कर हम नहीं बता सकते कि जल कठोर है अथवा नहीं।

प्रश्न 2. लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं । सामान्यत: साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटंकते हैं, डंडे से पीटते हैं, बुश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं । कपड़ा साफ़ करने के लिए उसे रगड़ने की क्यों आवश्यकता होती है ?

उत्तर – साबुन से कपड़े धोकर साफ करते वक्त रगड़ना अथवा पटकना जरूरी है, क्योंकि जल का Mg तथा Ca के लवणों के साथ साबुन से प्रतिक्रिया करके अघुलनशील पदार्थ दही के समान अवक्षेप बनाता है जो कपड़ों के साथ चिपका रहता है । यह रगड़ने से ही कपड़े से अलग हो पाता है ।

प्रश्न 1. एथेन का आण्विक सूत्र :  है । इसमें :

(a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं               
(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं
(c) 8 सहसंयोजक आबंध हैं               
(d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं

उत्तर(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं ।

Carbon Evam Uske Yogik in Hindi solution

प्रश्न 2. ब्यूटेनोन चतुर्कार्बन यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह है :

(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल               
(b) ऐल्डिहाइड
(c) कीटोन                           
(d) ऐल्कोहॉल

उत्तर- (c) कीटोन ।

प्रश्न 3. खाना बनाते समय यदि बरतन की तली बाहर से काली हो रही है इसका मतलब है कि :

(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है               
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा
(c) ईंधन आर्द्र है                               
(d)  ईंधन पूरी तरह से जल रहा है

उत्तर- (b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है ।

प्रश्‍न 4.  CH3Cl में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध प्रकृत समझाइए ।

उत्तर  – CH3Cl कि आबंध संरचना है:  
इस संरचना में तीन हाइड्रोंजन परमाणु कार्बन से सहसंयोजक बंधन द्वरा जुडे कार्बन तथा क्‍लारीन के बिच भी सहसंयोजक आबंधन है लेकिन कार्बन की अपेक्षा क्‍लारिन के अधिक ऋणात्‍म है, इसलिए यह एक ध्रवीय सहसंयोजक बंधन बनाता है।

प्रश्‍न 5. निम्‍नलिखित के इलेक्‍ट्रॉन बिंदु संरचना बनाए :

(a)  एथेनॉल अम्‍ल  (b)  H2S     (c) प्रोपेनॉन    (d) F

प्रश्‍न 6. भौतिक एवं रसायनिक गुणधर्मो के आधार पर एथेनॉल एवं एथेनॉइक अम्‍ल में आप कैसे अंरेगे ?

उत्तर – भौतिक गुण में अंतर

एथेनॉल अम्‍ल

एथेनॉइक अम्‍ल

(i) इसका एक विशेष प्रकार का गन्‍ध हाता है।
(ii) इसका क्‍वथनांक 351 K होता है।
(iii) इसका गलनांक 156 k हाता है।
(i) इसका गन्‍ध सिरके के समान होता है।
(ii) इसा क्‍वथनांक 391 K होता है ।
(iii) इसका गलनांक 290 K होता है।

प्रश्न 7. जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है ? क्या एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा ?

उत्तर – साबुन के अणु के दो गुणधर्म होते हैं— एक जो जल में विलेय हैं उसे जलरागी कहते हैं और दूसरा, जो हाइड्रोकॉर्बन में विलेय होता है उसे जलविरागी कहते हैं । जब साबुन जल की सतह पर होता है तब उसके अणु अपने को इस प्रकार व्यवस्थित कर लेते हैं कि इसका आयनिक सिरा जल के अन्दर होता है। इसके विपरीत हाइड्रोकार्बन पूँछ जल के बाहर होती है । जल के अन्दर इन अणुओं की एक विशेष व्यवस्था होती है, जिससे इसका हाइड्रोकार्बन सिरा जल के बाहर बना होता है। अणुओं का बड़ा गुच्छा बनने के कारण ऐसा होता है, जिसमें जलविरागी पूँछ गच्छेद के आंतरिक हिस्से में होता है जबकि उसका आयनिक सिरा गुच्छे की सतह पर होता है । इस संरचना को मिसेल कहते हैं। एथेनॉल एक अध्रुवीय विलायक है, इसलिए इसमें जलरागी भाग के लिए आकर्षण भी नहीं होता । इस कारण एथेनॉल में साबुन घोलने पर मिसेल नहीं बनाता है ।

प्रश्‍न 8. कार्बन एवं उसके यौगिको का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोंगों में ईंधन के रूप में क्‍यों किया जाता है?

उत्तर – चुँकी कार्बन और इसके यौगिक अधिक उष्‍मा देता है इनका प्रज्‍वलन ताप भी समान्‍य होता है इनके रख रखाव में भी सुविधा होती है। इनके दहन को नियन्त्रित किया जा सकता है इसलिए कार्बन और उसके यौगिको का उपयोग ईधन के रूप में किया जाता है

प्रश्‍न 9. मक्‍खन एवं खाना बनानेवाले तेल के बिच रसायनिक अंतर समझाने के लिए एक परिक्षण बताइए ।

उत्तर :

मक्‍खन संतृप्‍त हाइड्रोकार्बन खाद्य तेल असंतृप्‍त हाइड्रोकार्बन
जब मक्‍खन का गर्म करके उसमे थोडा ब्रोमीन जल डालते है तो उसका रंग नही उडता है । इससे पता चलता है की मक्‍खन संतृप्‍त है । जब खाद्य तेल में थोडा ब्रोमीन जल डालते है तो थोडा समय के बाद ब्रोमीन जल का रंग उड जाता है । इससे पता चलता है कि खाद्य तेल असंतृप्‍त यौगिक है।

प्रश्‍न 15. साबुल कि सफई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए ।

उत्तर – साबुन के एक अणु में दो भाग होते है । एक भाग हाइड्रोकार्बन का है और दुसरा भाग –COONa समुह का है । हाइड्रोकार्बन जल विकर्षक होते है। कपडे का मैल साबुन का अणु के हाइड्रोकार्बन से चिपक जाते है । –COONa भाग जो जल से चिपक जाता है, कपडे कि सतह से मैल को दुर कर देता है। इससे कपडा साफ हो जाता है ।
साबुन को जल में घोलने पर यह मिसेल्‍स का निर्माण करता है, जिसमें साबुन का अणु त्रिज्‍यक रूप में व्‍यवस्थित हा जाते है । साबुन हाइड्रोकार्बन वाल भाग केन्‍द्र की ओर और दुसरा भाग जो जल आकर्षक हाता है वह बाहर की ओर होता है । साबुन से भीगे हुए कपडे की सतह पर उपस्थित मैल के कणों को ये मिसेल्‍स घेरकर खीच लेते है।

Carbon Evam Uske Yogik in Hindi solution

Read more- Click here
You Tube – Click here

Leave a Comment