BSEB Bihar Board Class 9 Social Science Chapter 4. चुनावी राजनीति | Chunavi Rajniti Class 9th Political Science Solutions

Bihar Board Class 9 Political Science चुनावी राजनीति Text Book Questions and Answers 

4. चुनावी राजनीति

प्रश्नावली के प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. चुनाव क्यों जरूरी है? इस बारे में कौन-सा वाक्य सही नहीं है?
(क) लोग चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं ।
(ख) चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर प्रदान करता है ।
(ग) चुनाव लोगों की आकांक्षाओं को फलीभूत होने का अवसर प्रदान करता है ।
(घ) चुनाव न्यायपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप करने का अवसर प्रदान करता है।

उत्तर : (घ)

प्रश्न 2. भारत के चुनाव लोकतांत्रिक हैं, यह बताने के लिए इनमें से कौन-सा वाक्य उपर्युक्त कारण नहीं देता ?
(क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता हैं ?
(ख) भारत में चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष है ।
(ग) भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र का हर व्यक्त मतदाता है ।
(घ) भारत में चुनाव हारने वाली पार्टियाँ जनादेश को स्वीकार कर लेती हैं उत्तर : (क)

प्रश्न 3. निम्नलिखित में मेल ढूँढें ।

(क) सार्वभौम वयस्क मताधिकार                              (1) हर चुनाव क्षेत्र में लगभग बराबर मतदाता ।
(ख) कमजोर वर्गों का प्रतिनिधित्व                            (2) 18 वर्ष और उससे ऊपर के सभी को मताधिकार प्राप्त है।
(ग) खुली राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता                               (3) सभी को पार्टी बनाने या चुनाव लड़ने की आजादी है ।
(घ) एक मत, एक मोल                                          (4) अनुसूचित जातियों के लिए सीटों का आरक्षण है।

उत्तर : (क) → (2), (ख) → (4), (ग) → (3), (घ) → (1).

प्रश्न 4. इस अध्याय में वर्णित चुनाव सम्बंधी सभी गतिविधियों की सूची बनाएँ और इसे चुनाव में पहले से लेकर आखिर तक के क्रम में सजाएँ ।
वोटों की गिनती, मतदाता सूची का निर्माण, चुनाव परिणाम, नामांकन पत्र दाखिल करना, चुनाव प्रक्रिया की घोषणा, चुनाव घोषण पत्र जारी करना, चुनाव अभियान ।

उत्तर :
(i) मतदाता सूची का निर्माण
(ii) चुनाव प्रक्रिया की घोष
(iii) चुनाव घोषणापत्र जारी करना, चुनाव अभियान चलाना
(iv) नामांकन पत्र दाखिल करना
(v) मतदान
(vi) वोटों की गिनती
(vii) चुनाव परिणाम |

प्रश्न 5. चुनाव के समय चुनाव आयोग की किन भूमिकाओं से आप असहमत हैं ?
(क) फोटो पहचान पत्र एवं अन्य निर्धारित पहचानों के आधार पर ही मतदान हो ।
(ख) चुनाव में सरकारी तंत्र के दुरुपयोग पर रोक लगाना ।
(ग) चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के द्वारा उम्मीदवार तय करने में हस्तक्षेप करना चाहिए ।
(घ) चुनाव आयोग मतदाताओं के साथ-साथ मतदान अधिकारियों की भी सुरक्षा करे ।

उत्तर : (ग) ।

प्रश्न 6. इस अध्याय से प्राप्त जानकारियों के आधार पर निम्नलिखित राय के पक्ष में दो तथ्य प्रस्तुत कीजिए ।

(क) सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना आसान होता है।
उत्तर – इस राय के पक्ष में मैं नहीं हूँ । यदि ऐसा होता तो 1977 में इन्दिरा गाँधी को हार का मुँह नहीं देखना पड़ता ।

(ख) चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र हों इसके लिए जनता की भागीदारी होनी चाहिए ।
उत्तर – चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र हों, यह काम चुनाव आयोग का है, फिर भी इसमें यदि जनता की भागीदारी भी साथ मिल जाय तो निश्चय ही चुनाव निष्पक्ष होगा ।

(ग) चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त अधिकार नहीं है।
उत्तर- इस कथन से मैं सहमत नहीं हूँ । यदि चुनाव आयोग सख्ती से काम करे तो उसके पास पर्याप्त अधिकार हैं। उसके पास अधिकारों की कमी नहीं ।

(घ) हमारे देश के चुनाव में लोगों की जबर्दस्त भागीदारी होती है।
उत्तर- हमारे देश के चुनाव में लोगों की जबर्दस्त भागीदारी तो नहीं होती, लेकिन भागीदारी तो होती ही है । जनता की जबर्दस्त भागीदारी जयप्रकाश जी के आन्दोलन के बाद हुए चुनाव में देखी गई थी !

प्रश्न 7. श्यामलाल को एक आपराधिक मामले में आजीवन कारावास की सजा मिलती है । मोहनलाल को अपनी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने के जुर्म में दोषी पाया है। दोनों को अदालत ने चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दिया है । क्या फैसला लोकतांत्रिक चुनावों के बुनियादी सिद्धान्तों के खिलाफ जाता है ? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए ।
उत्तर – श्यामलाल को अपराधिक मामले में सजा मिल चुकी है और वह जेल में है। उसने ऊँची अदालत में अपील भी नहीं की है। इस स्थिति में चुनाव आयोग यदि चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं देता तो चुनाव आयोग का फैसला किसी प्रकार लोकतांत्रिक चुनावों के बुनियादी सिद्धान्त के खिलाफ नहीं जाता। कारण कि संविधान में ही इस बात का उल्लेख कर दिया गया है कि किसी गंभीर अपराध में सजायाफ्ता व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता ।

प्रश्न 8. वीरा सिंह एवं सैफुद्दीन ऐसे उम्मीदवार हैं, जो आपराधिक मामले में अदालत के आदेश से जेल में बंद हैं। न्यायालय के अंतिम फैसले के नहीं आने से उसकी उम्मीदवारी को चुनाव आयोग को वैध मानना पड़ता है । ऐसी स्थिति में लोगों को क्या करना चाहिए :

(क) उसे चुनाव में विजयी बनाकर दोष मुक्त कर देना चाहिए ।
उत्तर—यह मतदाओं की इच्छा पर है। यदि वे सोचते हों कि वीरा सिंह और सैफुद्दीन दोनों वाकई दोषी हैं तो उन्हें चुनाव में हरा देना चाहिए । यदि यह सोच हो कि उन्हें जानबूझकर फँसाया गया है तो उन्हें विजयी बना देना चाहिए चुनाव में विजयी बनने के बावजूद वे दोषमुक्त नहीं हो पाते । दोषमुक्त करना तो न्यायालय का काम है ।

(ख) उनकी अपराधिक छवि होने के कारण लोगों को मत नहीं देना चाहिए ।
उत्तर—यदि वाकई वे आपराधी छवि वाले हैं तब तो उन्हें वोट नहीं ही देना चाहिए ।

(ग) चुनाव के समय उसे लोगों से मिलने देना चाहिए ।
उत्तर – कैदी से मिलने का जो सामान्य नियम है, उस तरह तो उनसे मिला ही जा सकता है। उन्हें खुले आम मिलने की अनुमति नहीं होनी चाहिए ।

(घ) (1) अगर हाँ तो क्या लोकतंत्र का अपमान नहीं है ?.
उत्तर – यदि उसे खुलेआम मिलने-जुलने दिया गया तो निश्चय ही यह लोकतंत्र का अपमान है ।

(2) अगर नहीं तो उसे क्यों सदन की कार्रवाई में शामिल होने का मौका दिया जाता है ।
उत्तर – चूँकि वे अपराधी करार दिए गए हैं किन्तु अपील पर हैं और जमानत नहीं मिला है, इस आधार पर जीत जाने के बावजूद उन्हें संसद की कार्रवाई में भाग लेने का मौका नहीं दिया जाता । जमानत मिलने पर ही कोई संसद की कार्रवाई में भाग ले सकता है।

(3) अगर यह भारतीय लोकतंत्र के लिए चुनौती है तो इस संबंध में आपकी राय क्या है ?
उत्तर – निश्चय ही यह भारतीय लोकतंत्र के लिए चुनौती है, लेकिन न्यायालय उनका साथ देता है तो इसमें जनता क्या कर सकती है ।

कुछ मुख्य प्रश्न तथा उनके उत्तर

( पृष्ठ 78 )

प्रश्न 1. क्या बिहार की तरह अन्य राज्य भी महिलाओं के लिए आधी सीटें आरक्षित कर सकते हैं?
उत्तर- हाँ, ये राज्य कर चुके हैं। बिहार ने बाद में आरक्षण किया है ।

प्रश्न 2. क्या लोकसभा एवं विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित नहीं हो सकती हैं ?
उत्तर – हो सकती हैं। इसकी माँग भी बहुत दिनों से होती रही है। लेकिन पुरुष बहुल सभा के कारण कोई-न-कोई अडंगा लगाकर उसको टालते जाया जा रहा है। लेकिन कभी-न-कभी तो होगा ही ।

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