इस पोस्ट में हमलाेेग बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिन्दी वर्णिका के पाठ दो ‘ढहते विश्वास (Dhahte vishwash Subjective questions) को पढेंगें |
Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 2 ढहते विश्वास (उड़िया कहानी, कहानीकार- सातकोड़ी होता)
प्रश्न 1. महानन्दा का पानी कहाँ ठहर जाता है?
उत्तर महानन्दा का पानी जोब्रा आनिकट में ठहर जाता है।
प्रश्न 2. देवी-देवताओं पर से विश्वास कब टूटता है?
उत्तर– घोर विपत्ति में भी सहारा न मिलने पर देवी-देवताओं पर से विश्वास टूटता है।
Dhahte vishwash Subjective questions
प्रश्न 3. लक्ष्मी क्यों पिछड़ गई?
उत्तर- लक्ष्मी के साथ दो छोटी बच्चियाँ, गोद में बच्चा और माथे पर चिउड़ा बर्तन और कपड़े भरे बोरी थी। अतः वह पिछड़ गई।
प्रश्न 4. विपत्ति अकेले न आकर संगी साथियों के साथ आती है, कहानी के आधार पर स्पष्ट करें।
उत्तर- कहानी में उल्लिखित उपर्युक्त उक्ति सत्य है। तुफान के बाद सूखा और उसके बाद बाढ़ का प्रकोप ही सिद्ध करता है कि विपत्ति अकेले नहीं आकर संगी-साथियों के साथ आती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. क्या ‘ढहते विश्वास’ कहानी के शीर्षक सार्थक है? विचार करें। (2014A, 2016C, 2017A)
अथवा, सातकोड़ी होता ने अपनी कहानी का शीर्षक ‘ढहते विश्वास’ क्यों रखा? (2018C)
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Dhahte vishwash Subjective questions
उत्तर- घटित घटना के आधार पर ही लेखक ने कहानी का शीर्षक ‘ढहते विश्वास’ रखा है। इस भयंकर बाढ़ के समय लोग बड़ी आशा और उम्मीद से माँ मुंडेश्वरी की शरणागत हुए, जहाँ चैत की संक्रान्ति में देवी की पूजा होती थी, बलि दी जाती थी। पर आज भगवान, शिव और माँ मुंडेश्वरी कोई सहायता नहीं कर सके। अब लोगों को किसी पर भरोसा नहीं रह गया। देवी-देवताओं पर से विश्वास उठने लगा है। अतः कहानी का शीर्षक सटीक और सत्य है।
प्रश्न 2. लक्ष्मी कौन थी? उसकी पारिवारिक परिस्थिति का चित्र प्रस्तुत कीजिए। (TBQ, 2011C, 2012C, 2013A, 2014C, 2016A)
उत्तर- लक्ष्मी एक दीन महिला थी जिसके पति कलकत्ता में रहकर नौकरी करता था। वह जो पैसा भेजता था, उससे बच्चों के साथ लक्ष्मी का भरण-पोषण संभव नहीं था। उसके पास मात्र एक बीघा भूखंड था। प्रकृति के प्रकोप के कारण उसमें हल चलवाने के पैसे भी बेकार जाते थे। अत: तहसीलदार के यहाँ काम-काज करके वह जीविका चलाती थी । उसका बड़ा बेटा अच्युत, दो बेटियाँ तथा एक नन्हा मुन्ना और अपने स्वयं का भरण-पोषण की सारी जिम्मेवारी उसी पर थी। अतः उसका पारिवारिक स्थिति दयनीय थी।
प्रश्न 3. लक्ष्मी के व्यक्तित्व पर विचार करें। (TBQ, 2012A, 2013C)
अथवा, ‘ढहते विश्वास’ कहानी की लक्ष्मी का चरित्र चित्रण करें। (2015A)
उत्तर- लक्ष्मी इस कहानी का प्रमुख पात्र है। उसके व्यक्तित्व में कूट-कूटकर दृढ़ता और साहस भरा है। गाँव में मात्र एक बीघा उसकी भू-खंड है, पर पूर्व अनुभव के आधार पर न उसने घर छोड़ी और न गाँव। अच्युत को भी समाज रक्षा में लगा दिया। उसके हृदय में मातृत्व की जलधारा बहती है। अच्युत के लिए तो उसने विलम्ब किया हो मूर्छा से जागने पर एक मुर्दे बच्चे को छाती से भींच लेती है। इस प्रकार लक्ष्मी के व्यक्तित्व में नारी सुलभ मातृत्व के साथ-साथ दृढ़ता और साहस का अच्छा मिश्रण है।
प्रश्न 4. कहानी के आधार पर प्रमाणित करें कि उड़ीसा का जन-जीवन बाढ़ और सूखा से काफी प्रभावित रहा है। (TBQ, 2015A)
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Dhahte vishwash Subjective questions
उत्तर- उड़ीसा के जन-जीवन का सफल चितेरा सातकोड़ी होता ने अपनी इस कहानी में उड़ीसा की बाल और सूखा का प्रत्यक्ष प्रतिबिम्ब प्रस्तुत किया है। तूफान के बाद सूखा और उसके बाद बाढ़ वहाँ के जनजीवन को अस्त-व्यस्त करके हर समय बेसहारा बना देता है। महानदी का हीराकुंड बाँध और अयाति द्वारा निर्मित पत्थर का बाँध भी उन्हें रक्षा नहीं कर पाते। सूखे में बिजड़े तक सूख जाते हैं और बाढ़ में असंख्य धन जन की हानि होती रहती है।
प्रश्न 5. कहानी में आये बाढ़ के दृश्यों का चित्रण अपने शब्दों में प्रस्तुत करें? (TBQ, 2016A)
उत्तर- दलेई बाँध पर काफी श्रम करके भी लोग सफल न हो सके और बांध टूट ही गया। सूचना मिलते ही लोग टीले की ओर दौड़ पड़े पर पानी का बहाव तेज था। कुछ लोग रास्ते में बह गया। स्कूल भी पानी से भर गया। घूटने भर पानी में लोग छत पर खड़े रहे पर कमरे वालों को क्या गति हुई यह किसी को मालूम नहीं। लक्ष्मी आदि कुछ लोग वृक्ष की जटा और डाल पकड़ कर लटक गए। चण्डेश्वरी चबुतरा भी पानी से भर गया। लोग अफरा-तफरी में जान बचाने को आकुल-व्याकुल थे पर कोई देव-शक्ति उन्हें राक्षा नहीं कर सकी। इस विभीषिका में गाँव का विनाश हो गया।