कक्षा 10 हिंदी दही वाली मंगम्मा | dahi wali mangamma ka subjective question

इस पोस्‍ट में हमलाेेग बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिन्‍दी वर्णिका के पाठ एक ‘दही वाली मंगम्मा (Dahi wali mangamma class 10 objective question)  को पढेंगें |

Dahi wali mangamma class 10 objective question

Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 1 दही वाली मंगम्मा (कनड कहानी कहानीकार श्री निवास)

प्रश्न 1. रंगप्पा कौन था और वह मंगम्मा से क्या चाहता था? (2012C, 2013C, 2015A, 2015C)

उत्तर- रंगप्पा गाँव का लंपट और जुआड़ी था। वह मंगम्मा से धन चाहता था। इतना ही नहीं वह मंगम्मा को अनाथ समझकर उसकी इज्जत भी लूटना चाहता था ।

प्रश्न 2. कथावाचक ने सास और बहु की उपमा किस-किससे दी?

उत्तर- कथावाचक ने पानी में खड़े बच्चे का पाँव खींचनेवाले मगरमच्छ से बहू को और ऊपर से बाँह पकड़कर बचनेवाला रक्षक की उपमा सास को दी है।

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Dahi wali mangamma class 10 objective question

प्रश्न 3. ‘दही वाली संगम्मा’ कहानी का सन्देश स्पष्ट करें।

उत्तर- यह कहानी आधुनिक बहुओं को सन्देश देती है कि वे आवेश देखाकर सभी सदस्यों को मिलाकर रखें। इसके लिए बुद्धि का प्रयोग करना ‘नंजम्मा’ के चरित्र से सीखें।

प्रश्न 4. इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर- इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को बुढ़ापे में अधिकार के पचड़े में न पड़कर योग्य उत्तराधिकारी को स्वयं अधिकार सौंप देना चाहिए, जिससे न समाज में उपहास हो और न मुखों की दाल ही गले ।

प्रश्न 5. शीर्षक की सार्थकता सिद्ध करें।

उत्तर- इस कथा का मुख्य पात्र हैं “मंगम्मा” उसी को लेकर माँ जी कहानी प्रारंभ करती है और सर्वत्र वह बनी रहती है। उसकी दही बेचने की क्रिया भी अद्योपान्त है। अत: दही वाली मंगम्मा बहुत उचित शीर्षक है।

प्रश्न 6. ‘मंगम्मा’ कहानी का कथावाचक कौन है? उसका परिचय दीजिए। (TRO, 2014C)

अथवा, ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी का कथावाचक कौन है? उसका परिचय दीजिए। (2016)

उत्तर- इस कहानी का कथावाचक बेंगलूर की रहनेवाली एक संभ्रान्त महिला थी जिसे मंगम्मा माँ जी कहती थी। वह अंधविश्वासों से दूर और समझदार थी तथा सांसारिक परिस्थितियों को भलीभाँति समझती थी।

प्रश्न 7. मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था?

(TBQ, 2012A,20144, 2017A)

Dahi wali mangamma class 10 objective question

संस्‍कृत कक्षा 10 प्रथमः पाठः मङ्गलम् का भावार्थ

उत्तर- मंगम्मा का अपनी बहू के साथ अधिकार को लेकर विवाद था। मंगम्मा अपने बेटे, पोते और बहू पर भी अपना अधिकार बनाये रखना चाहती थी, जिसे उसकी बह मानने को तैयार नहीं थी और यही विवाद का कारण था ।

 

प्रश्न 8. मंगम्मा का चरित्र-चित्रण कीजिए। (TBQ, 2011A,2013C, 2014A,)

उत्तर- मंगम्मा गाँव की सीधी सादी नारियों का प्रतिनिधित्व करती है। आज गाँव-शहर सभी जगह मंगम्मा का प्रतिमूर्ति मिलती है। वह अपमान और कष्ट सहकर भी प्रतिष्ठा से रहना चाहती है। वह बेटे-बहू और पोते पर अपना स्वत्व सर्वदा बनाये रखना चाहती हैं। इस प्रकार वह एक भारतीय नारी है जो सम्मान के साथ जीना चाहती है।

प्रश्न 9. मंगम्मा और नंजम्मा में कौन अधिक बुद्धिमती है?

उत्तर- दोनों नारियाँ अधिकार के लिए झगड़ती हैं, किन्तु नंजम्मा अपनी नाटकीय योजना से उसे परास्त कर यहाँ तक कि दही बेचने वाला आय का साधन भी उसके हाथ से खुशी-खुशी ले लेती है। अत: इस व्यवहार से कथाकार ने नंजम्मा को मंगम्मा से अधिक बुद्धिमती बना दिया है ।

प्रश्न 10. मंगम्मा की बहू ने विवाद निपटाने में पहल क्यों की? (2018A)

उत्तर- मंगम्मा को बेटा एवं बहु से अलग करते हुए अकेली जानकर रंगप्पा उसके धन और प्रतिष्ठा पर गिद्ध दृष्टि जमाये हुए था। बहु की पैनी निगाहों ने ताड़ लिया कि हमारी सास का अलग रहना ठीक नहीं है। इसलिए बहु ने अपनी बुद्धिमानी से विवाद निपटाने का पहल शुरू कर दिया।

Dahi wali mangamma class 10 objective question

प्रश्न 11. बहू ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया? (TBQ, 2011C, 2013A)

अथवा, ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी में बहु ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया? (2015A. 2013C)

उत्तर- बहू बुद्धिमती थी। उसने सोच समझकर बच्चे को दादी के पास भेज दिया । बच्चा जब दादी के साथ बाजार जाने को मचल रहा था, तो बेटा-बहू ने उसे समझाया अपनी गलती भी उन्होंने स्वीकार की। पोता ही समझौते का जरिया बन गया, जो वह की योजना थी।

दीर्घ-उत्तरीय प्रश्‍न

प्रश्न 1. कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर— मंगामा अवलूर के समीप वेंकटपुर के रहनेवाली थी और रोज दही बेचने बेंगलूर आती थी। मंगष्मा का पति नहीं था और बेटा-बहू से गृह कलह के कारण अलग हो गई। प्रत्यक्ष में तो झगड़े का कारण पोते की पिटाई थी किन्तु मूल रूप में सास-बहु की अधिकार सम्बन्धी ईर्ष्‍या थी।

औरत को अकेली जानकर कुछ अवांछित तत्त्व के लोग उसके धन और प्रतिष्ठा पर भी आँखें उठाते। रंगप्पा भी ऐसा ही किया, जिसे बहु की पैनी निगाहों ने ताल लिया। उसने पोते को उसके पास भेजने का एक नाटक किया। अब मंगम्मा पोते के लिए मिठाई भी बाजार से खरीदकर ले जाने लगी। एक दिन कौवे ने उसके माथे से मिठाई का दाना ले उड़ा । अंधविश्वास के कारण मंगम्मा भयभीत हो उठी।

बहू के द्वारा नाटकीय ढंग से पोते को दादी के पास भेजने का बहू का मंत्र बड़ा कारगर हुआ। दुरी बढ़ने से भी प्रेम बढ़ता है। मानसिक तनाव घटता है। हुआ भी ऐसा ही । मंगम्मा को भी बहू में सौहार्द, बेटे और पोते में स्नेह नजर आने लगी। बड़े-बुढ़ा ने भी समझाया। बाद में मंगम्मा का काम अपने जिम्मे ले लिया।

बहू ने बड़ी कुशलता से पुनः परिवार में शान्ति स्थापित कर लिया और पूर्ववत रहने लगी।

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