BSEB Class 8 Social Science Chapter 3. ग्रामीण जीवन और समाज | Gramin Jivan Aur Samaj Class 8th History Solutions

Bihar Board Class 8 Social Science भारत में अंग्रेजी राज्‍य की स्‍थापना (Gramin Jivan Aur Samaj Class 8th History Solutions) Text Book Questions and Answers

Gramin Jivan Aur Samaj Class 8th History Solutions

3. ग्रामीण जीवन और समाज

अध्याय में अंतर्निहित प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. लगान वसूली का अधिकार मिलने से गाँवों में क्या परिवर्तन आया होगा ? आपकी नजर में भूमि का मालिक कौन हो गया ? (पृष्ठ 44)
उत्तर – लगान वसूली का अधिकार मिलने से गाँवों में यह परिवर्तन आया कि किसान जमींदारों पर निर्भर हो गये । उन्हें किस वर्ष कितना लगान देना होगा, यह जमींदार निर्धारित करते थे। इस अर्थ में किसान मजबूर थे । अब भूमि के मालिक वे जमींदार हो गये, जिन्हें लगान वसूलने का अधिकार मिला था ।

प्रश्न 2. रिकार्डों के मत के अनुसार बड़े और सम्पन्न किसानों की आय पर आय कर लगाना क्या उचित होगा ? सोचें । (पृष्ठ 47)
उत्तर – नहीं, किसी भी तरह किसी किसान पर आय कर लगाना उचित नहीं होगा। जमीन पर हमेशा बराबर ही उपज होगी या नहीं होगी, इसका ठिकाना नहीं, अतः कैसे निश्चत होगा कि किसपर कितना कर लगाया जाय। फिर बड़े जोत वाले किसान आज रहे कहाँ ? उनकी जमीन तो गरीबों में बांट दी गई है और बांटी जा रही है । अतः कर का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता ।

प्रश्न 3. महालवारी व्यवस्था में पूरे गाँव से एक परिवार द्वारा लगान वसूलने में किस प्रकार की कठिनाई आती होगी ? (पृष्ठ 48)
उत्तर – कोई कठिनाई नहीं आती होगी । कर्मचारी रखकर तो अनेक गाँवों का राजस्व वसूला जा सकता है । यहाँ तो एक गाँव की बात है। कोई कठिनाई नहीं आती होगी ।

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

आइये फिर से याद करें :
प्रश्न 1. सही विकल्प को चुनें :

(i) बिहार में अंग्रेजों के समय किस तरह की भूमि व्यवस्था अपनाई गई ?
(क) स्थायी बंदोबस्त
(ख) रैयतवारी व्यवस्था
(ग) महालवारी व्यवस्था
(घ) इनमें से कोई नहीं

(ii) अंग्रेजों के आने के पहले भूमि का मालिक कौन होता था ?
(क) जमींदार
(ख) व्यापारी
(ग) किसान
(घ) राजा

(iii) रैयतवारी व्यवस्था में जमीन का मालिक किसे माना गया ?
(क) किसान
(ख) जमींदार
(ग) गाँव
(घ) व्यापारी

(iv) अंग्रेजी शासन द्वारा भारत में अपनाई गई नई भूमि व्यवस्थाओं का प्रमुख उद्देश्य क्या था ?
(क) अपनी आय बढ़ाना
(ख) भारतीय गाँवों पर अपने शासन को मजबूत करना
(ग) व्यापारिक लाभ प्राप्त करना
(घ) किसानों का समर्थन प्राप्त करना

उत्तर– (i) – (क), (ii) -(घ), (iii) -(क), (iv) – (क) ।

प्रश्न 2. निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ :
(क) महालवारी                                  (क) 1793
(ख) नील दर्पण                                  (ख) बिहार
(ग) नकदी फसल                              (ग) दीनबंधु मित्र
(घ) स्थायी भूमि व्यवस्था                    (घ) पंजाब

उत्तर :
(क) महालवारी                              (घ) पंजाब
(ख) नील दर्पण                              (ग) दीनबंधु मित्र
(ग) नकदी फसल                           (ख) बिहार
(घ) स्थायी भूमि व्यवस्था                 (क) 1793

आइए विचार करें :

प्रश्न (i) अंग्रेजी शासन के पहले भारतीय भूमि व्यवस्था एवं लगन प्रणाली के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर – अंग्रेजी शासन के पहले भारतीय भूमि व्यवस्था एवं लगान प्रणाली के विषय में मैं यह जानता हूँ कि हर गाँव में एक व्यक्ति होता था जिसे राजा द्वारा काफी भूमि दी जाती थी। वही व्यक्ति जमींदार के रूप में किसानों से लगान वसूलता था और उस रकम को अपने पास रख लेता था । इसके एवज में वह जमींदार राजा को अनेक प्रकार से सेवा करता था । राजा द्वारा जो आदेश दिया जाता था, उसे पूरा करना उस जमींदार का कर्तव्य होता था ।

प्रश्न (ii) स्थायी बन्दोबस्ती की विशेषताओं को बताएँ ।
उत्तर—स्थायी बंदोबस्त की विशेषताएँ निम्नांकित थीं :
(i) जमींदारों की नियुक्ति – अंग्रेजों ने क्षेत्र विशेष के राजाओं, तालुकेदारों तथा बाहुबलियों को जमींदार के रूप में नियुक्त कर दिया। यह निश्चित कर दिया गया कि एक खास क्षेत्र का वे लगान वसूलें और एक निश्चित राशि कंपनी के खाते में जमा कर दें। शेष बची राशि को वे अपनी आय मानें।
(ii) कृषि का विकास- कंपनी के अफसरों को विश्वास था कि जमींदार अपनी आय से कृषि में विकास करेंगे। नहर, कुएँ, पइन आदि खुदवाएँगे जिससे उपज बढ़ेगी । उपज बढ़ने से जमींदारों की आय भी बढ़ सकती थी। लेकिन जमींदारों ने ऐसा नहीं किया ।
(iii) कंपनी की आय का निश्चित होना—स्थायी बन्दोबस्त से कंपनी की आय निश्चित हो गई। इधर जमींदारों की आय में इजाफा पर इजाफा होता गया। किसानों से वे मनमाना लगान वसूलने लगे और उनसे बेगारी भी कराने लगे। सभी जमींदार कुछ लठीधर बाहुबली रखने लगे, जिनसे किसान डरे-सहमे रहते थे ।
(iv) किसानों का नुकसान – कंपनी की आय तो निश्चित हो गई और जमींदार भी मौज-मस्ती से रहने लगे। लेकिन किसानों की स्थिति दयनीय रहने लगी। बाढ़ या सूखा जैसी आपदाओं के कारण फसल भारी जाने की स्थिति में भी उनसे लगान वसूला जाता था। नहीं देने पर उनका खेत निलाम कर दिया जाता था ।

प्रश्न (iii) अंग्रेजी सरकार द्वारा बार-बार भूमि राजस्व व्यवस्था में किये जाने वाले परिवर्तनों को आप किस रूप में देखते हैं ? अपने शब्दों में बताएँ ।
उत्तर — अंग्रेजी सरकार द्वारा भूमि राजस्व व्यवस्था में इसलिये बार-बार परिवर्तन किया जाता था, ताकि उनकी आय में वृद्धि हो । वे अधिक-से-अधिक लाभ चाहते थे, कारण कि उसी रकम से उन्हें माल खरीद कर अपने देश भेजना पड़ता था । एक बात यह भी है भारत के सभी क्षेत्रों में एकबार में ही उनका शासन स्थापित नहीं हुआ । जैसे- जैसे इनका विस्तार हुआ, क्षेत्र विशेष में वैसे-वैसे राजस्व वसूली का तरीका बदलता रहा है। इन बातों में भी लाभ बढ़ाने की मंशा थी ।

प्रश्न (iv) अंग्रेजों की भूमि राजस्व व्यवस्था आज की व्यवस्था से कैसे अलग थी ? संक्षेप में बताएँ ।
उत्तर — अंग्रेजों की भूमि राजस्व व्यवस्था ऐसी थी कि वे लगान वसूलने के लिये जमींदार नामक मध्यस्थ रखते थे जबकि आज की व्यवस्था यह है कि सरकार सीधे अपने कर्मचारियों के द्वारा किसानों से राजस्व वसूलती है ।

प्रश्न (v) नई राजस्व नीति का भारतीय समाज पर क्या असर हुआ ?
उत्तर— नई राजस्व नीति का भारतीय समाज पर यह असर हुआ कि किसानों और सारकार का परस्पर निकट का सम्बंध स्थापित हा गया । जमींदार पहले किसानों को सताया करते थे, नजराना लेते थे । इस मनमानी से भारतीय समाज को मुक्ति मिल गई ।

प्रश्न (vi) नील की खेती की प्रमुख समस्याओं की चर्चा करें ।
उत्तर-नील की खेती से जमीन अनुर्वरु हा जाती थी । इस कारण किसान नील उपजाना नहीं चाहते थे। लेकिन अंग्रेजों के कारिन्दे किसानों से जबरन नील की खेती कराते थे। किसान मजबूर थे । नील की खेती से किसानों को मुक्त कराने के लिये ही चम्पारण में गाँधीजी को बीच-बचाव करना पड़ा था ।

आइए करें देखें :
(i) अंग्रेजी राज के समय उत्पादित फसलों में से कौन-कौन आज भी उत्पादित होती है ? वर्ग में सहपाठियों से चर्चा करें ।
(ii) खेती करने के तौर-तरीकों में पहले की अपेक्षा आज किस तरह का बदलाव आया है ? बुजुर्गों से पता करें |
संकेत : यह परियोजना कार्य है। छात्र स्वयं करें ।

कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. अंग्रेजों ने दीवानी किससे और कब प्राप्त की थी ?
उत्तर—अंग्रेजों ने एक कमजोर और बक्सर युद्ध में हारे हुए मुगल बादशाह से 12 अगस्त 1765 में दीवानी प्राप्त की थी ।

प्रश्न 2. कंपनी के दीवान बनने के बाद किसान गाँव छोड़कर क्यों भागने लगे ?
उत्तर—कारण यह था कि किसानों से जबरन लगान वसूला जाता था, लेकिन कृषि की उपज बढ़ाने का कोई उपाय नहीं किया जाता था। अब किसान अपने खाने और लगान चुकाने तक के लिए अन्न प्राप्त नहीं कर पाते थे । इसी से वे गाँव छोड़ कर भागने लगे ।

प्रश्न 3. लगान वसूलने के लिए स्थायी बन्दोबस्त व्यवस्था कहाँ लागू की गई ?,
उत्तर – पश्चिमी बंगाल सूबे (आज के बिहार, झारखंड और उड़ीसा) में लगान वसूलने के लिए स्थायी बन्दोबस्त व्यवस्था लागू की गई ।

प्रश्न 4. किसान अफीम की खेती क्यों नहीं करना चाहते थे ?
उत्तर—अफीम का मूल्य किसानों को बहुत कम दिया जाता था, जबकि उसे चीन में महँगे भाव पर बेचा जाता था ! मेहनत के मुकाबले अफीम की खेती से आमदनी बहुत कम होती थी। इसी कारण किसान अफीम की खेती करना नहीं चाहते थे ।

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