BSEB Class 6 Science Chapter 16. जल | Jal Class 6th Science Solutions

Bihar Board Class 6 Science जल (Jal Class 6th Science Solutions) Text Book Questions and Answers 

Jal Class 6th Science Solutions

16. जल

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :
(क) जल को वाष्प में बदलने की क्रिया को …………. कहते हैं ।
(ख) जलवाष्प को जल में बदलने की क्रिया को …………… कहते है ।
(ग) एक वर्ष या इससे अधिक समय तक वर्षा न होने से उस क्षेत्र में …………. होने की आशंका होगी ।
(घ) अत्यधिक वर्षा से ……………… आती है ।

उत्तर- (क) वाष्पीकरण, (ख) संघनन, (ग) सूखाड़, (घ) बाढ़ ।

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से प्रत्येक का सम्बन्ध क्या वाष्पन अथवा संघनन से है ?
(क) गीले कपड़ों पर स्त्री करने पर भाप का ऊपर उठना ।
(ख) सर्दियों में प्रातः काल कोहरे का दिखना ।
(ग) गीले कपड़े से पोंछने के बाद श्यामपट्ट कुछ समय बाद सूख जाता है ।
(घ) गर्म छड़ पर जल छिड़कने से भाप का ऊपर उठना ।

उत्तर—(क) वाष्पीकरण, (ख) संघनन, (ग) वाष्पीकरण, (घ) वाष्पीकरण |
(नोट : वाष्पीकरण के लिए ‘वाष्पन’ भी लिख सकते हैं ।)

प्रश्न 3. बादल कैसे बनता है ?
उत्तर—पृथ्वी से जलवाष्प सदैव आसमान की ओर अग्रसर होते रहता है। जैसे- जैसे जलवाष्प ऊपर जाता है वैसे-वैसे ठंडक बढ़ती जाती है। एक समय ऐसा आता है कि ठंडी पाकर जलवाष्प संघनित होकर जल की छोटी बन्दों के रूप में बदल जाते हैं। वे बून्दे पृथ्वी पर से बादल के रूप में दिखाई देती हैं।

प्रश्न 4. गाँव में जल का संग्रहण कैसे करेंगे ?
उत्तर – देखा गया है कि प्रायः किसी भी गाँव की बसावट ऐसी होती है कि वर्षा जल किसी एक ओर ही बहकर जाता है । अर्थात एक ओर की जमीन ढालुआँ रहती . है । ढालू जमीन की दिशा में गाँव से बाहर एक या अधिक तालाब बनवाया जाएगा।
उसी या उन्हीं तालाबों में वर्षा जल का संग्रहण होगा। उस तालाब में मछली पालन भी हो सकता है। जल की कमी के समय उसी जल से काम चलाया जाएगा।

प्रश्न 5. वर्षा के मौसम में कपड़े जल्दी क्यों नहीं सूखते हैं?
उत्तर—वर्षा के मौसम अर्थात् बरसात में वायुमंडल में जलवाष्प की वृद्धि हो जाती है। फलतः वाप्पन बहुत कम हो पाता है। इसी कारण इन दिनों कपड़े जल्दी नहीं सूखते ।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. मान लीजिए आप अपनी स्कूल यूनिफार्म को वर्षा वाले दिन शीघ्र सुखाना चाहते हैं। क्या इसे किसी अंगीठी या हीटर के पास फैलाने पर इस कार्य में सहायता मिलेगी ? यदि हाँ, तो कैसे ?
उत्तर—हाँ, अंगीठी या हीटर के पास भींगे यूनिफार्म या किसी भी कपड़े को फैलाने पर सूखने मे सहायता मिलेगी। कारण कि अंगीठी या हीटर के आसपास की हवा गर्म रहती है। इससे कपड़े शीघ्र सूख जाएँगे ।

प्रश्न 2. जल भरी एक ठंडी बोतल रेफ्रिजरेटर से निकालिए और इसे मेज पर रखिए। कुछ समय पश्चात् आप बोतल के चारों ओर जल की गड्डमड्ड बूँदें देखेंगे। क्यों ?
उत्तर—बोतल के अन्दर ठंडे जल के सम्पर्क में बोतल के आस-पास की वायु में उपस्थित जलवाष्प संघनित होकर बोतल के चारों ओर बून्दों के रूप में दिखाई देने लगते हैं। वे बून्हें बाद में एकत्र हो चूकर मेज पर ईधर-उधर फैल जाते हैं, जिसे पाठ्यपुस्तक में ‘गड्ड-मड्ड’ लिखा है।.

प्रश्न 3. चश्मों के लेंस साफ करने के लिए लोग उस पर फूँक मारते हैं तो लैंस भींग जाते हैं। लैंस क्यों भींग जाते हैं? समझाइए |
उत्तर – मुँह की हवा में जलवाष्प की अधिकता रहती है। इस कारण लैंसों पर फूक मारने से हवा के जलवाप्प संघनित होकर लैंसों को भींगो देते हैं। फ्रँक मारने से लेंसों के भींगने का यही कारण है।

प्रश्न 4. सूखा कब पड़ता है ?
उत्तर— जब एक-दो वर्षों तक वर्षा नहीं होती और भूमि पर का सारा जल वाप्पित होकर उड़ जाता है तब सूखा पड़ जाता है। सूखा से कृषि को भारी नुकसान होता है। पेय जल की भी कमी पड़ जाती है।

प्रश्न 5. निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए :
(1) जलचक्र – जलचक्र वैसा प्रक्रम है जो जल पृथ्वी के ऊपरी सतह से जलवाष्प के रूप में वायु में जाता है तथा वर्षा ओला एवं हिम के रूप में वापस लौटता है और अन्त रहता में नदियों से होते हुए महासागरों में वापस लौट आता है। यह प्रक्रम सदैव चलते है । इसी प्रक्रम को जलचक्र कहते हैं ।
(2) वाष्पोत्सर्जन — सभी पौधों को वृद्धि के लिए जल की आवश्यकता होती है। पौधे इस जल की कुछ मात्रा का उपयोग अपना भोजन बनाने में करते हैं तथा कुछ मात्रा को भिन्न-भिन्न भागों में सुरक्षित रखते हैं। जल का कुछ शेष भाग वाष्पोत्सर्जन प्रक्रम द्वारा जलवाष्प के रूप में वायु में मिला देते हैं ।
(3) संघनन — जल को पृथ्वी की सतह पर पुन: वापस लाने में संघनन – प्रक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। जलवाष्प को संघनित होने से ही बादल वर्षा के रूप में जल बरसाते हैं ।
(4) जलकणिका— जैसे-जैसे हम पृथ्वी की सतह से ऊपर जाते हैं वैसे-वैसे वायु ऊपर उठती जाती है जिससे तापमान कम होते जाता है और वह ठंडी होती जाती है। पर्याप्त ऊँचाई पर वायु इतनी ठंडी हो जाती है कि इसमें उपस्थित जलवाष्प संघनित होकर छोटी-छोटी जल की बून्दों में परिणत हो जाता है। इन्ही बून्दों को जलकणिका कहते हैं।
(5) भौम जल – वर्षा के जल का कुछ भाग भूमि द्वारा सोख लिया जाता है । यह. जल मृदा में विलुप्त हो जाता है। शेष जल धीरे-धीरे भूमि के नीचे रिसता रहता है । इस जल का अधिकांश भौम जल के रूप में प्राप्त होता है ।

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