BSEB Bihar Board Class 6 Social Science History Chapter 8. नये प्रश्‍न, नवीन वचिार | Naye Prashn, Naye Vichar Class 6th Solutions

Bihar Board Class 6 Social Science नये प्रश्‍न, नवीन वचिार Text Book Questions and Answers Naye Prashn, Naye Vichar Class 6th Solutions

8. नये प्रश्‍न, नवीन वचिार

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

आइए याद करें :
1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

(क) गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ था ?
(i) 563 ई० पू० .
(ii) 463 ई० पू०
(ii) 540 ई० पू०
(iv) 551 ई० पू०

(ख) जैन धर्म के संस्थापक कौन थे ?
(i) पार्श्वनाथ
(ii) ऋषभदेव
(iii) महावीर
(iv) गौतमबुद्ध

(ग) महावीर ने कब निर्वाण (निधन ) प्राप्त किया ?
(i) 438 ई० पू०
(ii) 468 ई० पू०
(iii) 322 ई० पू०
(iv) 298 ई. पू.

(घ) जल मंदिर कंहाँ अवस्थित है ?
(i) पावापुरी
(ii) राजगृह
(iii) नालन्दा
(iv) वैशाली

उत्तर(क) → (i), (ख)→ (ii), (ग)→(ii), (घ)→(i).

2. खाली स्थानों को भरिए :
(i) महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया । यह घटना …………… कहलाती है ।
(ii) बुद्ध ने जीवन जीने के लिए …………अपनाने की सलाह दी ।
(iii) नचिकेता की कहानी …………….से ली गई है ।
(iv) उपनिषदों में …………….. विषयों पर चर्चा मिलती है
(v) महावीर के लिए ……………… शब्द का प्रयोग हुआ है
(vi) बौद्ध और जैन संघों के अनुयायी ………………… मांग कर खाते थे ।

उत्तर : (i) धर्म चक्र प्रवर्तन, (ii) अष्टांगिक मार्ग या मध्यम मार्ग, (iii) कठोपनिषद, (iv) दार्शनिक, (v) जिन, (vi) भिक्षा ।

3. निम्नलिखित का उचित मिलान कीजिए ।
(i) बोधगया                            (क) बौद्ध धर्म का अनुयायी
(ii) गार्गी                               (ख) उपनिषद्
(iii) त्रि-रत्न                           (ग) एक प्रमुख स्त्री विचारक
(iv) विचारों का संकलन       (घ) जैन धर्म
(v) बिम्बिसार                      (ङ) महात्मा बुद्ध

उत्तर—(i)→(ङ), (ii) → (ग), (iii) → (घ), (iv)→ (ख), (v) → (क) ।

प्रश्न 4. गौतम बुद्ध के अनुसार दुःख क्यों होता है ?
उत्तर गौतम बुद्ध के जो वृद्धि है। एक इच्छा की पूर्ति के बाद मनुष्य और की कामना करने लगता है, अनुसार, दुःख का कारण इच्छाओं और लालसाओं की गलत है। उन्होंने ऐसी इच्छा को तृष्णा कहा है ।

प्रश्न 5. महावीर के उपदेशों को लिखें ।
उत्तर : महावीर के मुख्य उपदेश निम्नलिखित हैं :
(i) सत्य जानने की इच्छा रखने वालों को अपना घर छोड़ देना चाहिए, चाहे वह पुरुष हो या स्त्री ।
(ii) अहिंसा के नियमों का पालन कड़ाई से करना चाहिए ।
(iii) किसी भी जीव की न तो हत्या करनी चाहिए और न उसे कोई कष्ट देना चाहिए । (अहिंसा का यही मूलमंत्र है )
(iv) महावीर का मानना था कि सभी जीव जीना चाहते हैं और सभी को अपना जीवन प्रिय है ।

प्रश्न 6. उपनिषद में किन विचारों का उल्लेख है ?
उत्तरउपनिपदों के विचारक कठिन प्रश्नों का उत्तर देना चाहते थे । उनका मानना था कि विश्व में कुछ तो ऐसा है, जो कि स्थायी है और मृत्यु के बाद भी बचा रहता है । वास्तव में ये मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में जानना चाहते थे । इन्हीं में कुछ यज्ञों की उपयोगिता पर विचार करना चाहते थे । अंततः इन्होंने सिद्ध किया कि आत्मा और ब्रह्म में कोई अंतर नहीं है। ये एक ही हैं। इसी को ‘अद्वैतवाद’ कहा जाता है ।

बातचीत कीजिए / आइए चर्चा करें :

प्रश्न 7. क्या वास्तव में बुरे या अच्छे काम से कोई अंतर नहीं पड़ता है ? आप अपने आस-पास के उदाहरणों को ध्यान में रखकर चर्चा कीजिए ।
उत्तरनहीं, किसी भी तरह विचारें तो अच्छे काम और बुरे काम में अन्तर पड़ता है । कोई बबूल बोकर आम की इच्छा करे, यह उसकी नादानी है। आम के लिए आम ही बोना पड़ेगा। लेकिन लोगों में स्वार्थ की प्रवृत्ति इतनी अधिक हो गई है कि सब जानते – बूझते हुए भी क्षणिक लाभ के लिए गलत काम कर बैठते हैं । इसका कारण धर्म का कुछ अवसान भी है और लोगों में आवश्यकता की वृद्धिं भी है । अफसर करोड़ों-करोड़ घुस में लेते हैं और सम्पत्ति एकत्र करते हैं । और अचानक एक दिन निगरानी विभाग का छापा पड़ता है, तब सब चल और अचल सम्पत्ति राज्य के खजाने में चली जाती है। अफसर ऐसा होते रोज देखते हैं, फिर भी घुसखोरी करते हैं। लगता है घुसखोरी वायरस की बीमारी की तरह फैल गई है।

कुछ करके देखिए / आओ करके देखें ।

प्रश्न 8. कुछ ऐसे विचारों का पता लगाइये जिन्होंने सुख सुविधाओं का त्याग कर समा के लोगों को एक नई दिशा दी ।

प्रश्न 9. उपद् में वर्णित कुछ ऐसी कहानियाँ का संकलन करें जिनके प्रमुख पात्र आके जैसा कोई बालक था ।

संकेत: दोनों प्रश्नों के उत्तर छात्रों को शिक्षक से मिलकर स्वयं करना है।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. बुद्ध कौन थे और उनका पहला नाम क्या था ?
उत्तर बुद्ध एक शक्यवंशी राजा के पुत्र थे। इनका पहला नाम गौतम था ।

प्रश्न 2. गौतम को क्यों गृहत्याग करना पड़ा ?
उत्तर गौतम सत्य की खोज करना चाहते थे। ये चाहते थे कि पता चले कि मोक्ष की प्राप्ति कैसे हो सकती है।

प्रश्न 3. गौतम को कहाँ पर और कैसे ज्ञान प्राप्त हुआ ?
उत्तरगया नगर के निकट एक पीपल वृक्ष के नीचे बैठ कर गौतम ने घोर तपस्या की । शरीर सूखकर हड्डियों का ढाँचा मात्र रह गया। तभी उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और तबसे वे बुद्ध कहलाने लगे । जिस वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई, उसे बोधिवृक्ष कहा जाता है। उस स्थान का नाम बोध गया हो गया।

प्रश्न 4. बुद्ध को किस बात का ज्ञान प्राप्त हुआ ?
उत्तरबुद्ध को मोक्ष प्राप्ति के तरीके का ज्ञान प्राप्त हुआ। इस बात को वे घूम कर उपदेश द्वारा लोगों को समझाने लगे। उनका कहना था कि मोक्ष प्राप्ति का एक ही तरीका है कि जितना अपने पास हो, उतने से ही संतोष प्राप्त किया जाय। झूठ नहीं बोला जाय। किसी भी जीव को सताया नहीं जाय ।

प्रश्न 5. महावीर कौन थे ? इन्होंने किस धर्मे का प्रचार- प्रसार किया ?
उत्तरमहावीर जैनों के चौबीसवाँ तीर्थकर थे। इन्होंने जैन-धर्म का प्रचार प्रसार

प्रश्न 6. बौद्ध धर्म और जैन धर्म में क्या अन्तर था ?
उत्तर – बौद्ध धर्म सीधा-सादा और सबकी समझ में आने वाला धर्म था। इसलिए इसके समर्थकों की संख्या शीघ्र ही बढ़ गई। जैन धर्म थोड़ा कठिन था । इसलिए यह कुछ व्यापारियों तक ही सीमट कर रह गया।

प्रश्न 7. बौद्ध और जैन धर्म की शिक्षाओं में आप क्या समानता पाते हैं । चर्चा कीजिए ।
उत्तर बौद्ध और जैन धर्म की शिक्षाओं में कोई असमानता नहीं है, है तो केवल समानता ही समानता है ।
अहिंसा, अस्तेय जैसी बातें दोनों में समान हैं। अंतर यह है कि भगवान बुद्ध अपनी शिक्षाएँ विस्तार से दी है जिसे अष्टांगिक मार्ग कहते हैं, वहीं महावीर ने संक्षेप में अपनी शिक्षाओं की बात कही जिसे ‘त्रिरत्न’ कहा जा जाय ।

प्रश्न 8. वैदिक धर्म के रहते हुए बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म फैल गया ?
उत्तर—वैदिक धर्म में अनेक रूढियाँ प्रवेश कर गई थीं। ऊँच-नीच और छूआ- छूत का बर्ताव ऐसा था जैसे कि मनुष्य मनुष्य न होकर कोई घृणित है। अश्वमेध यज्ञ में घोड़े को मार दिया जाता था। धीरे-धीरे यज्ञ में पशुबलि की प्रथा इतनी बढ़ गई थी कि कोई गरीब किसी यज्ञ को करने का साहस ही नहीं कर सकता था । पशुबलि से लोग ऊब भी गए थे। इधर बौद्ध धर्म और जैनधर्म किसी जीव को मारना पाप समझता था। ये दोनों धर्म अहिंसा का पालन करने वाले थे। ये छुआ-छूत को भी गलत समझते थे। इस कारण लोग जल्द ही बौद्ध या जैन धर्म से प्रभावित हो जाते थे। वैदिक धर्म छोड़ने वालों और इन दोनों नए धर्मों को मानने वालों की संख्या बढ़ने लगी। इस प्रकार बौद्ध और जैन धर्म का शीघ्र ही फैलाव हो गया।

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