इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 12 हिन्दी के प्रतिपूर्ति के पाठ तीन ‘पेशगी (Peshgi Kahani Class 12th Hindi)’ के व्याख्या सारांश सहित जानेंगे।
‘पेशगी’ शीर्षक कहानी के रचयिता हेनरी लोपेज (1937) हैं । अफ्रीकी देश कांगो में जन्मे हेनरी लोपेज हमारे समय के अत्यन्त समर्थ लेखक हैं। उन्होंने अपने लेखकीय कर्म को गम्भीरता से निभाया है। उनका लेखन विकसित या विकासशील दुनिया तथा अविकसित अफ्रीका के बीच की दूरी को दिखाता है । इस तरह उनका लेखन न केवल अफ्रीका बल्कि दुनिया की वृहत्तर आबादी, उसके जीवन और उसकी पीड़ा का रचनात्मक साक्ष्य बनकर प्रस्तुत होता है ।”
‘पेशगी’ समाज द्वारा शोषण का अत्यन्त संवेदनशील चित्र प्रस्तुत करता है । सम्पन्नता और विपन्नता में आसमान-जमीन का अन्तर है । मालकिन सम्पन्न वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है तो उसकी नौकरानी विपन्न वर्ग की ।
‘पेशगी’ अफ्रीकी देश कांगो के सामाजिक जीवन की विसंगति प्रस्तुत करती है।
घर की मालकिन अपने पति के साथ बैठक में थी । वह ब्रिज खेलने के लिए आमंत्रित मित्रों का मनोरंजन कर रही थी । वह पहले ही कई बार कारमेन को मना कर चुकी थी कि जब वह ‘अपनी कंपनी’ में होती हैं, तो उसे तंग नहीं करे। ऐसे में कारमेन भला यह साहस जुटा पाती कि उन लोगों की मौज-मस्ती में खलल डाले । उसे फटकार सुनने का डर नहीं था। वह मानती थी कि लोग ऊँची आवाज में बोलकर खुद का तनाव दूर करते हैं ।
चौकीदार फर्डिनांड के अनुसार, चूँकि मैडम का पति उसे पीटता था। वह अपना गुस्सा नौकरों पर उतारती थी ।
मैडम को एक बुरी आदत थी। वह बच्ची के साथ इस तरह बात करती मानो वह वयस्क हो । बच्ची को लोरी सुनाकर सुलाती थी । कारमेन का बेटा गुजर गया । उसे दवा पैसे के अभाव में नहीं दिया जा सका।
अंतोन ने सामाजिक विषमता का अत्यन्त मार्मिक चित्रण इस ‘पेशगी’ कहानी में प्रस्तुत किया है । Peshgi Kahani Class 12th Hindi
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