BSEB Bihar Board Class 6 Social Science History Chapter 3. प्रारंभिक समाज | Prarambhik Samaj Class 6th Solutions

Bihar Board Class 6 Social Science प्रारंभिक समाज Text Book Questions and Answers Prarambhik Samaj Class 6th Solutions 

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3. प्रारंभिक समाज

अभ्यास प्रश्न तथा उनके उत्तर

आइए याद करें :
1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

(क) भारतीय उपमहाद्वीप में आरंभिक मानव के निशान किस राज्य से अधिक मिला है ?
(i) बिहार
(ii) उत्तर प्रदेश
(iii) मध्य प्रदेश
(iv) गुजरात

(ख) प्रारंभिक औजार अधिकांशत: किस चीज से बने होते थे ?
(i) लोहा
(ii) पत्थर
(iii) ताँबा
(iv) काँसा

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(ग) आरंभिक मानव बस्तियों से जुड़ा पैसरा नामक स्थान बिहार के किस जिले में अवस्थित है ?
(i) गया
(ii) गोपालगंज
(iii) मुंगेर
(iv) दरभंगा

(घ) पाषाण काल को कितने भागों में बाँटा जाता है ?
(i) चार
(ii) पाँच
(iii) तीन
(iv) सात

उत्तर—(क) → (iii), (ख) → (ii), (ग)→ (iii), (घ) → (iii). 

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2. खाली स्थान को भरें :
(क) भीमवेतका …………. राज्य में है ।
(ख) आरंभिक मानव का मुख्य बसेरा ……………… था ।
(ग) पापाण काल के लोग मनोरंजन के लिए चित्र बनाते और ……………. करते थे ।
(घ) …………… साल पहले दुनिया की जलवायु गर्म होने लगी ।

उत्तर : (क) मध्य प्रदेश, (ख) गुफा, (ग) नृत्य, (घ) चौदह हजार ।

3. आइए विचार करें :

प्रश्न (i) मानव के आरंभिक काल को पापाण काल क्यों कहा जाता है ?
उत्तर— मानव के आरंभिक काल को पाषाण काल इसलिए कहा जाता है कि उस समय का मानव पत्थरों का ही उपयोग अधिक करता था । उसका निवास पत्थर निर्मित पहाड़ों की गुफाओं में ही होता था । शिकार करने में वे जिन हथियारों का उपयोग करते थे वे सभी पत्थर के बने होते थे । जीवन-यापन में पत्थर का महत्वपूर्ण स्थान था । पत्थर का पर्याय पापाण ही होता है। इसी कारण उस काल को पापाण काल कहा जाता है ।

प्रश्न (ii) आरंभिक मानव इधर-उधर क्यों घूमते रहते थे ?
उत्तर – आरंभिक मानव इधर-उधर घूमते रहते थे क्योंकि
(i) किसी एक खास स्थान पर फल-फूल, जानवर आदि की उपलब्धता समाप्त हो जाने की स्थिति में इनकी तलाश में इन्हें वहाँ से दूसरे स्थान को जाना पड़ता था ।
(ii) जानवर अपना चारा ढूँढ़ने यदि कहीं चले जाते थे जो आरंभिक मानव भी उनको खोजने के लिए घूमा करता था ।
(iii) फल या फूल मौसमानुसार ही होते थे । फलतः उपयुक्त मौसम की तलाश या वैसे फल-फूलों की तलाश में आरंभिक मानव को घूमते रहना पड़ता था ।

प्रश्न (iii) मध्यपाषाण काल में क्या बदलाव आए ?
उत्तरमध्य पाषाण काल में पर्यावरणीय बदलाव आना शुरू हो गया । प्रमुख बदलाव यह आया कि तापमान में वृद्धि होने लगी । इसका परिणाम यह हुआ कि गेहूँ, जौ, मडुआ आदि अन्न के पौधे आपोआप उत्पन्न हो गए। अब माँस के साथ लोग अन्न भी खाने लगे। घास के मैदान भी निकल आए, जिससे शाकाहारी पशुओं की वृद्धि होने लगी । अब पत्थरों के औजार और अधिक सुगढ़, नुकीले और धारदार बनने लगे । पत्थर के औजारों में लकड़ी के बेंट लगने लगे थे ।

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4. आइए करके देखें :

प्रश्न (i) आरंभिक मानव पत्थर के औजारों से जो काम लेते थे, उनकी एक सूची बनाइए । क्या आपके घर में पत्थर के औजार का इस्तेमाल होता है? यदि होता है तो इससे क्या काम लिया जाता है ?
उत्तरआरंभिक मानव के औजार अधिकांश पत्थर के हुआ करते थे । पत्थर के अलावा जानवरों तथा मछलियों की हड्डियों का उपयोग औजार के रूप में होता था । औजारों से वे निम्नलिखित काम लिया करते थे :
(i) माँस काटने में, (ii) जमीन खोदकर कंद और मूल निकालने में, (iii) चित्र बनाने में, (iv) छेद करने में, (v) शिकार पकड़ने और मछली पकड़ने के भी औजार होते थे ।
हाँ, हमारे घर में आज भी पत्थर के औजार का इस्तेमाल होता है । इनसे दो काम लिये जाते हैं : एक तो चक्की से अनाज पीसने का काम लिया जाता है, दूसरा सिल और बट्टे से मसाला पीसा जाता है । अभी हाल हाल तक पत्थर के बाट- बटखरों का उपयोग होता था ।

प्रश्न (ii) आरंभिक मानव के खाद्य पदार्थों की सूची बनाएँ और आज के भोजन सामग्री से उसकी तुलना करने पर आपको क्या बदलाव दिखता है ।
उत्तरआरंभिक मानव के भोजन में निम्नलिखित खाद्य पदार्थ शामिल थे :
(i) शिकार किए गए पशुओं के मांस ।
(ii) मछली और ऐसे ही अन्य जलीय जन्तु ।
(iii) कन्द, मूल और फल ।
(iv) पहले तो वे कच्चा माँस ही खाते थे, किन्तु आग के आविष्कार के बाद वे माँस को पकाकर या भून कर खाने लगे ।

आज के लोगों की भोजन सामग्री से उसकी तुलना करते हैं तब पाते हैं कि अब लोग शिकार नहीं करते बल्कि माँस-मछली खरीद कर खाते हैं। कन्द, मू और फल खोजे नहीं जाते बल्कि उपजाए जाते हैं तथा सामान्य लोग उन्हें बजार से खरीद कर खाते हैं। फल-मूलों में अब विविधता आ गई है। जहाँ आरंभिक मानव सेंक-पकाकर माँस खाता था वहीं आज अच्छी तरह तेल-मसाले और नमक मिलाक स्वादिष्ट बनाकर उन्हें खाया जाता है। अब खाद्यान्नों में भी विविधता आई है और उनके साथ दालों का भी उपयोग करते हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि आरंभिक मानव और आज के मानव के भोजन में काफी बदलाव आ गया है

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प्रश्न (iii) आज के जीवन में इस्तेमाल किये जाने वाले औजारों की तुलना आरंभिक मानव के औजारों से करें और दोनों में क्या अन्तर और क्या समानता है ? बताएँ ।
उत्तर – आज के जीवन में अग्नेयास्त्रों का उपयोग होता है जबकि आरंभिक मानव पत्थरों से बने हथियार उपयोग करता था। हालाँकि दो अढ़ाई सौ वर्ष पहले तक तीर-तलवार, लाठी और भाले का उपयोग होता था, जो अब बेकार हो गये हैं । अब तो ऐसे-ऐसे शस्त्रास्त्र उपयोग होते हैं कि काफी दूरी से मिनटों में हजारों दुश्मनों को मारा जा सकता है । बम तो इनसे भी भयानक हैं । अतः आज के जीवन में इस्तेमाल किये जाने वाले औजारों और आरंभिक मानव के औजारों की हो सकती । अब के और तब के औज़ारों में आकाश-पाताल का अंतर है ।

कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. आदि मानव अर्थात आरंभिक मानव कौन था ?
उत्तर करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी पर जीवन का आविर्भाव हुआ और उसका आकार क्रमशः बदलता रहा। आज मनुष्य जिस रूप में है वह क्रमबद्ध विकास का परिणाम है। सबसे पहले पृथ्वी पर उत्पन्न होने वाले मानव की प्रजाति का नाम ‘नियंडरथल’ था, जिनका आज से लगभग 35000 वर्ष पहले समूल नाश हो गया । उसके बाद जिस मानव की उत्पत्ति हुई, वह अंततः होमोसेपियन्स था, जिसे ज्ञानी मानव भी कहते हैं । वास्तव में यही आदि मानव था, जिसे आरंभिक मानव भी कहा जाता है ।

प्रश्न 2. आरंभिक मानव अपने विचार दूसरे व्यक्ति के सामने कैसे प्रकट करता था ? इसकी एक सूची बनाइए। आप अपने विचार दूसरों के सामने कैसे रखते हैं?
उत्तर आरंभिक मानवों में होमोइरेक्टस और नियंडरथल बोल नहीं सकते थे, लेकिन होमोसेपियन्स लोगों ने बोलने की कला विकसित कर ली थी। भाषा के नहीं रहने से वे अपने विचार चित्रों के सहारे व्यक्त करते थे । ऐसे चित्र जो मैंगनीज ऑक्साइड, गेरू, लकड़ी के कोयले से बनाए जाते थे । प्राकृतिक वस्तुओं को दर्शाने के लिए भूरे, पीले, लाल और काले रंग बनाए जाते थे। पशुओं में वे अधिकांश, बैल, गाय, भैंस, हिरण, मछली, पक्षी आदि के चित्र बनाते थे। पहाड़ की खोहों मै दीवारों और छत पर आज भी वे चित्र मौजूद हैं ।

प्रश्न 3. भारतीय उपमहाद्वीप पर लगभग 20 लाख वर्ष पहले रहनेवालों. को आज किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप पर लगभग 20 लाख वर्ष पहले जो लोग रहते थे उन्हें आज हम शिकारी-खाद्य-संग्राहक के नाम से जाना जाता है ।

प्रश्न 4. शिकारी खाद्य-संग्राहकों के भोजन के मुख्य स्रोत क्या थे ?
उत्तरशिकारी-खाद्य-संग्राहकों के भोजन के मुख्य स्रोत थे पशु-पक्षी, गाछ-वृक्षों के फल-फूल तथा जमीन के अंदर से कन्दमूल ।

प्रश्न 5. शिकारी खाद्य-संग्राहक जल प्राप्ति के लिए क्या करते थे ?
उत्तर शिकारी-खाद्य-संग्राहक जल प्राप्ति के लिए नदियों, झरनों या किन्हीं जलाशयों, झीलों के आस-पास ही रहने का प्रयास करते थे।

प्रश्न 6. शिकारी-खाद्य-संग्राहकों के हथियार किस वस्तु के बने होते थे
उत्तरशिकारी-खाद्य-संग्राहकों के हथियार पत्थरों के बने होते थे।

प्रश्न 7. शिकारी-खाद्य-संग्राहकों का काल क्या माना जाता है ?
उत्तरशिकारी-खाद्य-संग्राहकों का काल 20 लाख वर्ष पहले से लेकर 14,000 वर्ष पहले के बीच के काल को माना जाता है।  

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