• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer

ECI TUTORIAL

Everything about Bihar Board

  • Home
  • Class 12th Solution
  • Class 10th Solution
  • Class 9th Solution
  • Bihar Board Class 8th Solution
  • Bihar Board Class 7th Solutions
  • Bihar Board Class 6th Solutions
  • Latest News
  • Contact Us

5.Samajik karyam sanskrit class 8 | कक्षा 8 सामाजिक कार्यम् (सामाजिक कार्य)

July 31, 2022 by Tabrej Alam Leave a Comment

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 8 संस्‍कृत के कहानी पाठ पाँच ‘सामाजिक कार्यम् (सामाजिक कार्य)’ (Samajik karyam)’ के अर्थ को पढ़ेंगे।

Samajik karyam sanskrit class 8

पञ्चमः पाठः
सामाजिक कार्यम् (सामाजिक कार्य)

पाठ-परिचय–व्यक्तियों के समूह को समाज कहते हैं। व्यक्ति के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना तथा संकट के समय सबकी सहायता करना समाज का लक्ष्य होता है। किंतु इस भौतिकवादी युग में स्वार्थवश लोग ऐसे पवित्र लक्ष्य को भूलते जा रहे हैं। फिर भी ऐसी बहुत-सी संस्थाएँ तथा कुछ व्यक्ति भी समाजोपयोगी कार्य में लगे हैं। किसी भी संकट का सामना करना, असहायों की मदद करना इस संस्था तथा व्यक्तियों का उद्देश्य है। प्रस्तुत पाठ में इसी विषय पर प्रकाश डाला गया है।

विज्ञानस्य विकासेन अद्य संसारः यद्यपि नाना सुविधाः लभते किन्तु मनुष्येषु सामाजिकः सम्पर्कः क्रमश: अल्पीकृतः । स्वगृहे एव जनः अनेकानि विज्ञानोपकरणानि प्रयुञ्जानः अन्यान् तुच्छान् मन्यते । कदाचित् एतेषाम् उपकरणानाम् अभावे परिवारे सदस्याः एव उपकारकाः अभवन् । क्रमेण मानवस्य एकाकित्वेन स्वार्थवादः उदितः । इदानीं मनुष्यः स्वकीयं हितमेव सर्वोपरि मन्यते । किन्तु समाजस्य सदस्यरूपेण सर्वेषां कर्त्तव्यं वर्तते यत् एकैकस्य जनस्य हिताहितं चिन्तयेयुः। कश्चित् संकटापन्नः वर्तते, कश्चिन्मार्गे दुर्घटनाग्रस्तः, क्वचित् जलपूरेण सम्पूर्णस्य ग्रामस्य विनाशः, क्वचित् निर्धनः जनः परिवारपालने असमर्थः, क्वचित् वृद्धाः जनाः उपेक्षिताः, कदाचित् गृहेषु अग्निदाहः, क्वचित् यातायातमार्गः अवरुद्धः, क्वचित् मार्गे वृक्षाः पतिताः, क्वचित् अनाथा: शिशवः, दुर्बलाः महिलाश्च सहायताम् अपेक्षन्तेइत्येवं समाजे नाना समस्याः जनस्य ध्यानाकर्षणाय वर्तन्ते ।

अर्थ-वैज्ञानिक विकास से आज संसार यद्यपि अनेक प्रकार की सुविधाओं से युक्त है, लेकिन लोगों में सामाजिक प्रेम का भाव धीरे-धीरे घट गया है। अपने घर में ही लोग अनेक प्रकार के वैज्ञानिक उपकरणों (टी. वी., रेफ्रीजरेटर, वाशिंग मशीन) का प्रयोग करते हुए दूसरों को हीन मानते हैं। कभी इन साधनों के अभाव में परिवार का सदस्य ही उपकार करने वाले हो गए । क्रमशः व्यक्ति के अकेलापन के कारण स्वार्थपरता आ गई। इस समय व्यक्ति अपनी जरूरत को ही महत्वपूर्ण (आवश्यक) मानते हैं। किन्तु समाज की इकाई (अंग) होने के कारण हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि हरेक व्यक्ति के कल्याण-अकल्याण के विषय में सोचे, क्योंकि कोई विपत्ति में होता है, कहीं कोई राह चलते दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है, कहीं किसी गाँव का बाढ़ से विनाश हो जाता है, कहीं गरीबी से त्रस्त परिवार अपना भरण-पोषण करने में लाचार हैं, कहीं बूढ़े उपेक्षित हैं तो कभी घर में आग लग जाती है, कहीं यातायात रुका हुआ है, कहीं सड़क पर पेड़ गिरा हुआ है तो अनाथ बच्चे और कमजोर स्त्रियाँ सहायता की अपेक्षा रखते हैं। इस प्रकार समाज में अनेक प्रकार की समस्याएँ हैं जिस ओर ध्यान देना आवश्यक है। Samajik karyam sanskrit class 8

जनैः  अपेक्षितं भवति । नेदं यत् सामाजिक कार्य संकटकाले एव भवति प्रत्युत समाजस्य विकासाय स्वग्रामस्य नगरस्य वा गौरवाय अपि इदं क्रियते । यथा काचित् सामाजिकी संस्था सम्पूर्ण ग्राम स्वच्छं कुर्यात्, मार्गेषु वृक्षारोपणम्, कूपतडागदिजलाशयानां व्यवस्थाम्, रिक्तेषु क्षेत्रेषु उद्यानानां विन्यासम्, क्वचित् पुस्तकालयस्य, व्यायामशालायाः सामुदायिकभवनस्य वा प्रबन्धनं कुर्यात् । यदि ग्रामे मार्गव्यवस्था नास्ति तदा ग्रामजनानां स्वैच्छिक-श्रमेण मार्ग निर्मातुं प्रभवन्ति सामाजिकसंस्थाः । तदर्थम् एकोऽपि मनुष्यः कार्यारम्भे समर्थः ।।

अर्थ—ये सब स्वार्थवादियों द्वारा संभव नहीं है, अपितु परोपकारी व्यक्ति अथवा कल्याणकारी संस्था द्वारा ही किया जाता है। हमेशा सुख या खुशहाली नहीं रहती है, किसी को भी कहीं भी समस्या (संकट) उत्पन्न हो सकती है। इस समय समाज के लोगों की जरूरत पड़ती है। यह नहीं कि विपत्ति में ही समाज की आवश्यकता होती है, अपितु सामाजिक विकास तथा अपने गाँव तथा नगर के गौरव बढ़ाने के लिए भी होता है। जैसे कोई सामाजिक संस्था गाँव को साफ करे, कोई राह के किनारे वृक्षारोपण करे, कोई कुआँतालाब आदि जलाशय की व्यवस्था करे, तो कोई गाँव की खाली जगहों में बाग लगवाये। इसी प्रकार कोई पुस्तकालय, व्यायामशाला तथा सामुदायिक भवन का निर्माण करावे। यदि गाँव में सड़क नहीं है तो अपना-अपना योगदान देकर सड़क का निर्माण करावें। उसमें एक भी व्यक्ति काम आरंभ करने में समर्थ हो सकता है।

संकटकाले तु सुतरां वर्धते सामाजिक कार्यम् । क्वचित् निर्धने परिवारे विवाहयोग्यानां किशोरीणां किशोराणां च सामूहिको विवाहोऽपि सार्वजनिकस्थलेषु आयोज्यते । तब विवाहस्य सरला रीतिः आडम्बरविहीना दृश्यते। किञ्च काश्चित् संस्थाः निर्धनान् छात्रान् प्रतियोगितापरीक्षार्थ प्रस्तुवन्ति निःशुल्कम्। तदपि महत्त्वपूर्ण कार्यम् । किञ्च क्वचित् यानानां दुर्घटनासु सत्वरं सहायतार्थ समागच्छन्ति, आहतान् चिकित्सालयं प्रापयन्ति, अनाथीभूतान् बालकान् उचितं स्थान प्रापयन्ति काश्चित् संस्थाः । भारते वर्षे नदीनां जलपूरेण यदा विनाशलीला दृश्यते, विशेषेण विहारराज्ये, तदानीमपि सामाजिकसंस्था: दूरस्थाः अपि समागत्य विविधा सहायतां धनजनसामग्रीरूपां कुर्वन्ति । एकैकेनापि पुरुषेण यदि अपरस्योपकारः क्रियते तदा जीवनं सफलं मन्येता भारतस्य प्राचीन: आदर्शः आसीत्

 अर्थ-संकट काल में तो सामाजिक सहयोग की जरूरत बहुत होती है। कहीं गरीब परिवार के विवाहयोग्य लड़कियों और लड़कों का सामूहिक विवाह का आयोजन सार्वजनिक स्थानों पर किया जाता है। वहां विवाह आडम्बर रहित एकदम आसान तरीके से करते हुए देखे जाते हैं। इसके अतिरिक्त कोई संस्था छात्रों को निःशुल्क प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करवाती है तो कहीं वाहन दुर्घटना में घायलों को अतिशीघ्र अस्पताल पहुँचाती है। कोई संस्था अनाथ हुए बच्चों को उचित स्थान पर ले जाती है।

भारतवर्ष में बाढ़ से जब विनाश लीला होती है, खासकर बिहार प्रांत में, उस समय सामाजिक संस्थाएँ दूर रहने पर भी आकर शरीर तथा धन से विभिन्न तरह से सहायता करती हैं। एक-एक व्यक्ति के द्वारा भी यदि दूसरों का उपकार किया जाता है तो जीवन सफल हो जाता है। भारत का प्राचीन आदर्श था :

“कामये दुःखतप्तानां प्राणिनामातिनाशनम्”। Samajik karyam sanskrit class 8

अर्थ-दुःखीजनों का कष्ट दूर करने की कामना करता हूँ। तात्पर्य कि जिनमें मानवता होती है, वे पीड़ित, दुःखित तथा असहायों की सेवा करके अपनी मानवता का परिचय देते हैं। यह मानव तन दूसरों का उपकार करने के लिए ही मिलता है। जो ऐसा करते हैं, उनका जीवन धन्य हो जाता है।

 यत्र भारते सर्वे प्राणिनः सहायतां संकटकाले लभन्ते तत्र सम्प्रति मनुष्याः अवश्यमेव उपकर्त्तव्याः ।

अर्थ-जिस भारत वर्ष में सभी प्राणियों को संकटकाल में सहायता की जाती थी, ___ उस देश के लोगों को आज अवश्य ही उपकृत करना चाहिए। Samajik karyam sanskrit class 8

Read more- Click here
Read class 9th sanskrit- Click here
Manglam class 8th Sanskrit arth YouTube- Click here

Post Views: 478

Filed Under: Sanskrit

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Class 10th Solutions Notes

  • Class 10th Hindi Solutions
  • Class 10th Sanskrit Solutions
  • Class 10th English Solutions
  • Class 10th Science Solutions
  • Class 10th Social Science Solutions
  • Class 10th Maths Solutions

Class 12th Solutions

  • Class 12th English Solutions
  • Class 12th Hindi Solutions
  • Class 12th Physics Solutions
  • Class 12th Chemistry Solutions
  • Class 12th Biology Objective Questions
  • Class 12th Geography Solutions
  • Class 12th History Solutions
  • Class 12th Political Science Solutions

Search here

Social Media

  • YouTube
  • Instagram
  • Twitter
  • Facebook

Recent Comments

  • Aman reja on Class 10th Science Notes Bihar Board | Bihar Board Class 10 Science Book Solutions
  • Aman reja on Class 10th Science Notes Bihar Board | Bihar Board Class 10 Science Book Solutions
  • Aman reja on Class 10th Science Notes Bihar Board | Bihar Board Class 10 Science Book Solutions

Recent Posts

  • Bihar Board Class 9th Maths Book Solutions in Hindi Medium
  • BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.5
  • BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.4
  • BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.3
  • BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.2

Connect with Me

  • Email
  • Facebook
  • Instagram
  • Twitter
  • YouTube

Most Viewed Posts

  • Bihar Board Text Book Solutions for Class 12th, 11th, 10th, 9th, 8th, 7th, 6th
  • Bihar Board Class 12th Book Notes and Solutions
  • Patliputra Vaibhavam in Hindi – संस्‍कृत कक्षा 10 पाटलिपुत्रवैभवम् ( पाटलिपुत्र का वैभव )
  • Bihar Board Class 10th Sanskrit Solutions Notes पीयूषम् द्वितीयो भाग: (भाग 2)
  • Ameriki Swatantrata Sangram Class 9 | कक्षा 9 इतिहास इकाई-2 अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम

About Me

Hey friends, This is Tabrej Alam. In this website, we will discuss all about bihar board syllabus.

Footer

Most Viewed Posts

  • Bihar Board Text Book Solutions for Class 12th, 11th, 10th, 9th, 8th, 7th, 6th
  • Bihar Board Class 12th Book Notes and Solutions
  • Patliputra Vaibhavam in Hindi – संस्‍कृत कक्षा 10 पाटलिपुत्रवैभवम् ( पाटलिपुत्र का वैभव )

Class 10th Solutions

Class 10th Hindi Solutions
Class 10th Sanskrit Solutions
Class 10th English Solutions
Class 10th Science Solutions
Class 10th Social Science Solutions
Class 10th Maths Solutions

Recent Posts

  • Bihar Board Class 9th Maths Book Solutions in Hindi Medium
  • BSEB Bihar Board Class 9 Maths Solutions Chapter 2 बहुपद Ex 2.5

Follow Me

  • YouTube
  • Instagram
  • Twitter
  • Facebook

Quick Links

  • Home
  • Bihar Board
  • Books Downloads
  • Tenth Books Pdf

Other Links

  • About us
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer

Copyright © 2022 ECI TUTORIAL.