BSEB Social Science Geography कक्षा 9 पाठ 12. सामान्य आपदाएँ : निवारण एवं नियंत्रण | Samanya Aapda Nivaran Evam Nirdharan Class 9th Solutions

इस पोस्‍ट में हमलोग कक्षा 9 भूगोल के पाठ 12. सामान्य आपदाएँ : निवारण एवं नियंत्रण (Samanya Aapda Nivaran Evam Nirdharan Class 9th Solutions)’ के महत्‍वपूर्ण टॉपिकों के बारे में अध्‍ययन करेंगें। 

Samanya Aapda Nivaran Evam Nirdharan Class 9th Solutions

12. सामान्य आपदाएँ : निवारण एवं नियंत्रण

अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
निर्देश: नीचे दिए गए प्रश्नों में चार संकेत चिह्न हैं, जिनमें एक सही या सबसे उपयुक्त है। प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रश्न- संख्या के सामने वह संकेत चिह्न (क, ख, ग, घ) लिखे, जो सही अथवा सबसे उपयुक्त हों ।

1. सामान्य आपदाओं को कितने वर्गों में रखा जाता है ?
(क) 1
(ख) 2
(ग) 3
(घ) 4

2. तीव्र ज्वर का क्या कारण है ?
(क) जीवाणु
(ख) विषाणु
(ग) फंगस
(घ) इनमें से कोई नहीं

3. नगरों में सड़क कहाँ से पार करनी चाहिए ?
(क) जहाँ जेब्रा का चिह्न नहीं बना हो
(ख) जहाँ जेब्रा का चिह्न बना हो
(ग) अपनी इच्छा के अनुसार
(घ) इनमें से कोई नहीं

4. पैदल चलते समय सड़क पर चलना आदर्श है
(क) दायीं तरफ
(ख) बीच से
(ग) बायीं तरफ
(घ) स्वेच्छा से

5. रेल यात्रा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
(क) रेलफाटकों को पार करते समय दायीं बायीं ओर नहीं देखना चाहिए ।
(ख) रेल यात्रा के दौरान ज्वलनशील पदार्थ नहीं ले जाना चाहिए ।
(ग) बच्चों को रेलवे लाइन पार करने के नियमों की जानकारी नहीं होनी चाहिए ।
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर 1. (ख), 2. (क), 3. (ख) 4. (ग), 5. (ख) ।

II. लघु उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. हवाई यात्रा करते समय सुरक्षा के कौन – सा नियम ध्यान मैं रखना चाहिए ?
उत्तर :
(i) यात्री – सुरक्षा सम्बंधी नियमों को पढ़ लेना और याद रखना चाहिए ।
(ii) सीट पर बैठें तो सीट बेल्ट बाँधे रखें और संकेतों का पालन करना चाहिए ।
(iii) आपातकालीन द्वारा के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें ।
(iv) यात्रियों तथा सामानों की जाँच में अड़चन नहीं डालें ।

प्रश्न 2. रेलवे फाटक पार करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर—रेलवे फाटक पार करते समय पार करने के पहले थोड़ी देर रुककर दाएँ- बाएँ दोनों ओर सावधानीपूर्वक देख लेना चाहिए । जब यह निश्चित हो जाय कि कोई गाड़ी नहीं आ रही है तभी रेल पटरी को पार करना चाहिए । फाटक रहे या न रहे, दोनों ही स्थितियों में यह आवश्यक है । सम्भव हो कि फाटक तो हो और उसे बन्द करनेवाला बन्द नहीं किया हो । बिना फाटकवाले समपार पर तो यह सावधानी रखनी ही है ।

प्रश्न 3. सड़क यात्रा के दौरान किन महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान रखा जाना चाहिए ?
उत्तरसड़क पर यदि पैदल चल रहे हैं तो सदा बाईं ओर से चलना चाहिए। बड़े नगरों में सड़क पार करने के लिए जेब्रा चिह्न बने होते हैं। वहीं से सड़क के इस पार से उस पार जाना चाहिए । कार हो या ट्रक- दोनों के चालकों को ट्राफिक नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। ध्यान सदैव सड़क के सामने रहना चाहिए ।

प्रश्न 4. आग से उत्पन्न आपदा क्या है ?
उत्तर आग से उत्पन्न आपदा कभी तो मानवीय भूल के कारण होती है या उत्तेजना के कारण भी लोग आग लगा देते हैं, जिससे भारी हानि होती है। धन का नुकसान तो होता ही है, कभी-कभी जान का भी नुकसान हो जाता है । लोग आग लगे मकान के अन्दर ही फँसे रह जाते हैं और अन्दर ही जल मरते हैं। बाढ़ जैसी आपदा से तो कुछ बच जाता है, लेकिन आग से उत्पन्न आपदा से तो सबकुछ नष्ट हो जाता है ।

प्रश्न 5. साम्प्रदायिक दंगों से बचाव के किन्हीं तीन उपायों का वर्णन कीजिए ।
उत्तरसाम्प्रदायिक दंगों से बचाव के तीन उपाय निम्नांकित हो सकते हैं :
(i) साम्प्रदायिक हिंसा से बचना है तो हमें न तो अफवाह फैलाना चाहिए और न अफवाहों पर विश्वास करना चाहिए ।
(ii) यदि कोई अफवाह फैला रहा हो तो इसकी सूचना तुरत निकटवर्ती पुलिस स्टेशन को दी जाय ।
(iii) साम्प्रदायिक दंगों में लगे लोगों को किसी भी तरह पनाह नहीं दें ।

प्रश्न 6. आतंकवादी आपदा से बचाव के किन्हीं तीन उपायों का वर्णन कीजिए ।
उत्तरआतंकवादी आपदा से बचाव तीन उपाय निम्नांकित हो सकते हैं :
(i) अचानक कहीं अनजान लावारिस, ग, अटैची या गठरी मिले तो उसे हर्गिज हाथ नहीं लगाया जाय और पुलित को खबर किया जाय ।
(ii) यदि किसी व्यक्ति की गतिविधि पर संदेह हो तो तुरत पुलिस को फोन किया जाय या निकटतम थाने में खबर कर दिया जाय। इसमें आलस्य समाज के लिए मँहगा पड़ सकता है।
(iii) मकान में किरायेदार रखते समय उसका पूरी तरह शिनाख्त कर लिया जाय तथा उसका फोटो सहित पुलिस को सूचित कर दिया जाय ।

III. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. आग से उत्पन्न आपदा के अंतर्गत आग लगने के कारणों तथा रोकथाम के उपायों का विस्तृत वर्णन करें ।
उत्तर प्रायः मानव भूल के कारण ही आग लगने की घटनाएँ होती हैं और उस आपदा को एक परिवार या कभी-कभी पूरे समाज को झेलना पड़ता है। आग लगने के अनेक कारण होते हैं। जैसे :
(i) खाना पकाते समय लगनेवाली आग, (ii) हीटर से लगनेवाली आग. (iii) अतिभारण (शार्ट सर्किट) से लगनेवाली आग (iv) वीड़ी-सिगरेट से लगनेवाली आग, (v) कूड़ा-कर्कट से फैलनेवाली आग, (vi) कारखाने में रखी पैकिंग सामग्री से लगनेवाली आग तथा (vii) रासायनिक वस्तु, पेंट, तरल गैस, किरासन या पेट्रोल के भंडारण से लगनेवाली आग |

आग लगने की रोकथाम के लिए निम्नलिखित उपाय हैं :
(i) वर के अन्दर कभी अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ न रखा जाय ।
(ii) सभी घरों में अग्निशमन यंत्र रखा जाय और उसके व्यवहार करने की सीख परिवार के सभी लोगों को दी जाय ।
(iii) घर से बाहर निकलते समय बिजली के सभी उपकरणों को बन्द कर दिया जाय और यदि अधिक दिनों तक घर बंद रखना है तो मेन स्वीच ऑफ कर दिया जाय |
(iv) यदि किसी कारणवश घर में आग लग ही जाय तो घर से बाहर निकलने का आपातकालीन द्वारा को सदैव याद रखा जाय ।
(v) भोजन तैयार हो जाने के पश्चात गैस सिलिंडर को बन्द कर दिया जाय ।
(vi) एक ही साकेट में अधिक विद्युत उपकरण न लगाए जाएँ ।
(vii) जिस घर में धुआँ फैल चुका हो उस घर से जमीन पर रेंगकर बाहर निकला जाय ।
(viii) आग लगते ही दमकल विभाग को तुरंत सूचित किया जाय और उसको सही और आसान मार्ग का पता दिया जाय ।
(ix) बिजली से लगी आग पर पानी बिल्कुल न डाला जाय, इससे करंट फैलने की आशंका रहती है ।
(x) बच्चों के हाथ में दियासलाई त्योहार पर पटाखें आदि घर जायें। बच्चों के साथ बड़े दें और न रहने दें। दिवाली या अन्य किसी दूर और वह भी पूरी सावधानी के साथ छोड़े उपस्थित रहें ।

प्रश्न 2. आतंकवाद क्या है ? आतंकवादी आपदा से बचाव के उपायों का विस्तृत वर्णन कीजिए ।
उत्तर- आतंकवाद ऐसी मानवीय आपदा है जो हिंसात्मक मार्ग से राजनीतिक उद्देश्यों. की पूर्ति चाहता है। यह पूर्णतः राजनीतिक प्रेरित हिंसा होती है। इसका एकमात्र उद्देश्य होता है कि वर्तमान शासन को समाप्त कर अपने मन का शासन स्थापति किया जाय। ये आतंकवादी उस देश में हैं कि उससे बाहर हैं, इसका पता नहीं चलता। यह संभव है कि देश के शासन का ही कोई तंत्र अन्दर – अन्दर आतंकियों को बढ़ावा देता हो, उन्हें धन मुहैया कराता हो ।

आतंकवादी आपदा से बचाव के निम्नलिखित उपाय हैं
जैसा कि सभी जान चुके हैं कि आतंकवादी हमलों में अधिकतर बमों और ग्रेनेडों का उपयोग किया जाता है। इसके लिए कुछ आत्मघाती हमलावरों का भी उपयोग किया जाता है। इनसे बचाव के निम्नलिखित उपाय हो सकते हैं.
(i) यदि अचानक कोई गठरी मिल जाय तो उसे छूएँ नहीं, बल्कि तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दे दें !
(ii) यदि कहीं पर लावारिस एंटैची, थैला या टिफिन कैरियर दिखाई दे तो उन्हें हर्गिज़ हाथ नहीं लगाएँ और तुरंत पुलिस को सूचना दे दें।
(iii) यदि किसी व्यक्ति की गतिविधि संदिग्ध लगे तो उसे फौरन पुलिस से पकड़वाने की व्यवस्था की जाय। यह ध्यान रहे कि वह भागने नहीं पाए ।
(iv) किसी अनजान व्यक्ति को अपने घर में किरायेदार के रूप में न रखें। पूरी छान-बीन और पुलिस को सूचना देकर उसको मकान किराये पर दिया जाय ।
(v) यदि कोई युवक सामज से बहक गया हो तो सरकार को चाहिए कि उसे माफ करने और रोजगार मुहैया कराने का आश्वासन दे और आत्मसमर्पण करने को प्रेरित करे ।
(vi) विद्यालय के छात्रों को आतंकवाद और उसकी हानियों से अवगत कराया जाय ।
(vii) प्रत्येक गाँव, टोले, शहर, शहरी मुहल्ले में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया जाय और इसके लिए समितियाँ गठित की जायें।

प्रश्न 3. विद्यालय स्तरीय आपदा प्रबंधन की जानकारी का वर्णन कीजिए ।
उत्तरविद्यार्थी अनेक साधनों से विद्यालय पहुँचते हैं । जैसे कोई अपनी सायकिल से आता है तो कोई स्कलू बस से । कुछ विद्यार्थी पैदल ही आते हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रां में। सभी को परिवहन सम्बंधी दुर्घटनाओं की जानकारी दी जानी चाहिए कि सड़क पर कैसे चलें । पैदल चलनेवालों के लिए भी कुछ नियम हैं, जिनका पालन आवश्यक है ।
दुर्घटनाओं से बचने के लिए छात्र निम्नलिखित बातों का पालन करें ।
(i) सड़क पर सदैव बाईं ओर से चलें ।
(ii) यदि सड़क पार करनी हो तो लाल बत्ती की प्रतीक्षा करें और सदैव जेब्रा क्रॉसिंग पर ही सड़क पार करें ।
(iii) सड़क पर बने गतिअवरोधक के पास से यदि सड़क पार किया जाय तो दुर्घटना की आशंक नहीं रहती या कम रहती है। वाहन चालकों को भी चाहिए कि वे गति अवरोधक के पास अपने हन की चाल धीमी कर दें ।
(iv) परिवहन मार्ग और दुर्घटना से जुड़े कुछ चित्रात्मक मॉडल का प्रदर्शन विद्यालय में किया जाय और ऐसा मॉडल विद्यार्थियों से बनवाए भी जाएँ ।
(v) विद्यालय का बस चालक पूरा प्रशिक्षित हो तथा सहचालक छात्रों को हिदायत देता रहे कि वे खिड़की से हाथ बाहर न रखें तथा बस के पूरा रूक जाने पर ही उससे नीचे उतरें ।
(vi) बस में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होनी चाहिए तथा चालक और सहचालक को इसकी पूरी जानकारी रहनी चाहिए।
(vii) विद्यालय में भी प्राथमिक उपचार का बक्सा रहना चाहिए, ताकि खेल-कूद के समय कहीं कट-फट जाय तो प्राथमिक मरहम-पट्टी की जा सके ।
(viii) विद्यालय में छात्रों को बताना चाहिए कि शरीर के किसी अंग के जलने की स्थिति में तुरत उसपर ठंडा जल डाला जाय । यदि उपलब्ध हो तो बर्फ के टुकड़ों को भी जले स्थान पर रखना चाहिए ।
(ix) बच्चों को इस बात की जानकारी दी जाय कि यदि किसी व्यक्ति के कपड़ों में आग पकड़ ले तो उसे कम्बल से ढँक दिया जाय ।

प्रश्न 4. लघु स्तरीय आपदाओं के कारणों एवं उनसे बचाव के तरीकों का विस्तृत वर्णन कीजिए ।
उत्तर – लघु स्तरीय आपदाओं के कारणों पर जब हम ध्यान देते हैं तो पाते हैं कि इसकी जड़ में गरीबी और बेरोजगारी ही है। गरीबी के कारण देश के एक बड़े तबका को उचित और पौष्टिकर भोजन समय पर नहीं मिल पाता । सामाजिक जाकरुकता की भी कमी है। स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है और आये दिन बीमारियाँ महामारी का रूप धारण कर लेती हैं । गरीबों के लिए तो ये आपदाएँ मौत के संदेश के समान होती हैं । ऐसी बीमारियों के अंतर्गत कुपाचन, कै, दस्त, हैजा, प्लेग, कालाजार, मलेरिया, तीव्र ज्वर महामारी का रूप लेकर आती हैं । साफ-सफाई के अभाव में चेचक भी अपना जोर दिखाने में पीछे नहीं रहता ।
यदि ऊपर बताई गई बीमारियाँ हो भी जायँ तो उनकी रोकथाम तथा उनसे बचाव के उपाय करना नितांत आवश्यक है। प्रारंभिक प्रबंधन की व्यवस्था तो परिवार से ही आरम्भ होनी चाहिए। यदि कै, दस्त या डायरिया हो जाय तो नमक और चीनी का हल्का घोल बीमार व्यक्ति को देते रहना चाहिए। पानी में नमक और चीनी की मात्रा बहुत ही कम रखी जाती है, जिससे उनका हल्का स्वाद भर आए। कागजी नींबू का रस चूसने या दाँत के नीचे लौंग रखना भी लाभदायक होता है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक प्रबंधन अधिक कारगर सिद्ध होता है । सरकार को चाहिए कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केन्द्र अवश्य स्थापित कराए और वहाँ डॉक्टर सदैव उपलब्ध रहें। घर-घर में इलेक्ट्रॉल पाउडर रहे तो अच्छा है।

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