Bihar Board Class 6 Social Science Ch 6 स्‍थानीय सरकार | Sthaniya Sarkar Class 6th Solutions

इस पोस्‍ट में हमलोग कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान के पाठ 5. स्‍थानीय सरकारर (Sthaniya Sarkar Class 6th Solutions)के सभी टॉपिकों के बारे में अध्‍ययन करेंगे।

Sthaniya Sarkar Class 6th Solutions 1

6. स्‍थानीय सरकार

पाठ के अन्दर आये प्रश्न तथा उनके उत्तर

( पृष्ठ 63 )

प्रश्न 1. संजना की बहन जिसकी उम्र 22 वर्ष है शादी के बाद पास के गाँव में रहती है । क्या उसका नाम मतदाता सूची में लिखा जाएगा ?
उत्तर- संजना की बहन जिस गाँव में जन्म ली है, उस गाँव की मतदाता सूची में नाम नहीं लिखा जाएगा। अब विवाहोपरांत जिस गाँव में वह रह रही है उस गाँव की मतदाता सूची में उसका नाम लिखा जाएगा ।

प्रश्न 2. मतदाता सूची की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर— मतदाता के लिए मतदाता सूची की आवश्यकता पड़ती है। यदि किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में नहीं है और वह भले ही वर्षों से वहाँ रह रहा हो, उसे मतदान करने से रोक दिया जाएगा। न केवल मतदाता सूची में नाम ही नहीं, साथ में फोटो पहचान पत्र की आवश्यकता पड़ती है। हालाँकि इसके लिए कई विकल्प भी हैं

( पृष्ठ 64 )

प्रश्न 1. आरक्षण व्यवस्था क्यों आवश्यक है ? कक्षा में शिक्षक के साथ चर्चा करें
उत्तर—देश में कुछ लोगों को हजारों हजार वर्षों से दबाकर रखा गया है । शैक्षिक और आर्थिक रूप से ये अत्यन्त पिछड़े हैं। इनको समाज में बराबरी का हक देने के लिए आरक्षण देना आवश्यक समझा गया । संविधान में ही इस बात का उल्लेख कर दिया गया है ।

प्रश्न 2. पंचायत के क्षेत्र को वार्डों में क्यों बाँटो जाता है ?
उत्तर – पंचायत के क्षेत्र को वार्डों में इसलिए बाँटा जाता है ताकि पूरे गाँव को बराबर प्रतिनिधित्व मिल सके । यदि ऐसा न हो तो सम्भव है गाँव के किसी एक-दो टोले के लोग ही सभी स्थानों पर कब्जा जमा सकते हैं । अतः प्रतिनिधित्व पूरे गाँव को बराबर-बराबर मिल सके इसलिए पंचायत क्षेत्र को वार्डों में बाँटा गया है ।

प्रश्न 3. मुखिया का चुनाव कैसे होता है ?
उत्तर – मुखिया का चुनाव पंचायत के सभी वार्डों के मतदाता मिलकर करते हैं । अर्थात् यह पूरे गाँव से चुना जाता है और पूरे पंचायत का प्रतिनिधित्व करता है ।

चर्चा करें :

( पृष्ठ 67 )

प्रश्न 1. क्या पुलिस थाना में सभी लोग अपनी समस्या को लेकर जा सकते हैं? शिक्षक से चर्चा कीजिए ।
उत्तर – पुलिस थाना में सभी लोग अपनी समस्या लेकर जा सकते हैं, लेकिन सभी तरह की समस्या नहीं । केवल झगड़ा झंझट, मार-पीट, चोरी-डकैती इत्यादि के अलावा फसाद बढ़ने की आशंका सम्बन्धी मामले ही पुलिस थाना में ले जाया जा सकता है। पुलिस उस पर रोकथाम की कार्रवाई करती है ।

प्रश्न 2. पुलिस के क्या-क्या काम हैं ? सूची तैयार कीजिए ।
उत्तर – पुलिस के निम्नलिखित काम हैं :

(i) अपने थाना क्षेत्र में अमन-चैन कामय रखना । (ii) चोरी-डकैती न होने पावे, इसका प्रबंध करना । (iii) कोई किसी के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होने पाये । (iv) दो व्यक्तियों या पक्षों में किसी बात को लेकर तनाव की आशंका हो तो उस पर विभिन्न धाराओं का उपयोग उसे रोकने का प्रयास करना। थाना क्षेत्र में कोई मेला लगे, किसी की सभा हो वहाँ पहुँचकर शान्ति स्थपनार्थ व्यवस्था करना ।

प्रश्न 3. क्या प्रकाश मोहन तथा रामजी के विवाद को सुलझाने का और कोई तरीका हो सकता था ?
उत्तर – हाँ, इस विवाद को ग्राम पंचायत में ले जाया जा सकता था । या गाँव के कुछ गणमान्य लोगों से पंचायती कराया जा सकता था ।

( पृष्ठ 71 )

प्रश्न 1. शहर कैसे बनते हैं ? आसपास के उदाहरण के साथ चर्चा करें
उत्तर- गाँव धीरे-धीरे बाजार बनता है। बाजार बाद में कस्बा बन जाता है यदि वह जिले का सदर मुकाम बन गया तो शहर बन जाता है। राज्य की राजधानी नगर बन जाती है। कहीं कारखाना खुल गया तो वहाँ शहर बन जाता है, जैसे बोकारो। खान के चारों ओर शहर बस जाते हैं, जैसे झरिया, धनबाद। धार्मिक स्थान भी शहर का रूप ले लेते हैं। जैसे : वाराणसी या काशी ।

प्रश्न 2. नगर पंचायत और नगर निगम में क्या अंतर है ? पता करें ।
उत्तर – वैसे कस्बाई बाजार जो नगर का रूप लेने लगते हैं वहाँ नगर पंचायत की स्थापना की जाती है। बड़े नगरों में नगर निगम स्थापित किये जाते हैं। नगर पंचायत के प्रधान को अध्यक्ष कहा जाता है, जबकि नगर निगम के प्रधान को महापौर या मेयर कहते हैं ।

( पृष्ठ 73 )

प्रश्न 1. पार्षद को चुनाव द्वारा क्यों चुना जाता है ?
उत्तर—प्रजातंत्र में चुनाव द्वारा ही प्रतिनिधियों को संसद या विधान मंडल में भेजा जाता है। अतः प्रतिनिधि चुनने का सर्वाधिक उचित उपाय चुनाव ही है। इसी कारण पार्षद को भी चुनाव द्वारा चुना जाता है ।

प्रश्न 2. नगर निगम के पार्षद और कर्मचारी के काम में क्या अंतर है?
उत्तर – नगर निगम के पार्षद जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं, जबकि कर्मचारी वैतनिक कामगार होता है। पार्षद का निर्वाचन केवल पाँच वर्षों के लिए होता है, जबकि कर्मचारी स्थायी होते हैं । रिटायर होने तक ये काम करते रहते हैं। पार्षद नियम बनाते हैं जिनका पालन कर्मचारियों को करना पड़ता है ।

प्रश्न 3. अलग-अलग समितियाँ बनाने की जरूरत क्यों है?
उत्तर- अलग-अलग समितियाँ बनाने की जरूरत इसलिए है कि सभी काम सुचारू रूप से होता रहे। अपने विभाग के कामों को पूरा कराना समितियों की जिम्मेदारी होती है।

प्रश्न 4. क्या इन परिषदों से स्थानीय समस्याओं का हल हो सकता है ? अपने इलाके के उदाहरण से समझाएँ ।
उत्तर- इन परिषदों से स्थानीय समस्याओं का हल निश्चिय ही हो सकता है और होता भी है । ये परिषद काम न करें तो नगर में कूड़ों का अम्बार लग जाए । नालियों का पानी सड़कों पर बहने लगे। हाँ, कभी-कभी हड़ताल आदि के कारण किंचित कष्ट होता ही है। लेकिन नगरों में इनके सिवाय कोई चारा भी तो नहीं है।

प्रश्न 5. ग्राम एवं नगर दोनों जगह वार्ड बनाए गए हैं। ऐसा क्यों ?
उत्तर— ग्राम एवं नगर दोनों जगहों पर एक ही समस्या है कि गाँव या नगर के सभी क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व हों जाय ।

प्रश्न : आपके आसपास के शहरों में सफाई की सुविधा कैसी है ? आपस में चर्चा करें । (पृष्ठ 74 )
उत्तर – मेरे आसपास के शहरों में सफाई की सुविधा है तो अवश्य लेकिन उतनी अच्छी नहीं, जितनी होनी चाहिए ।

प्रश्न 1. कर की आवश्यकता क्यों है ? ( पृष्ठ 75 )
उत्तर—कर की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि कर की आय से ही सभी कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है । परिषदों के व्यय का एकमात्र जरिया कर है ।

प्रश्न 2. पता करें कि नगर निगम/नगर परिषद/नगर पंचायत को लोगों द्वारा कर के रूप में आय उपलब्ध हो पाता है या नहीं? ( पृष्ठ 75 )
उत्तर –पता लगाने पर मालूम हुआ कि लोगों द्वारा दिए कर के रूप में निगम को निश्चित रूप से आय उपलब्ध होता है। यदि आय न हो तो निगम का कोई काम ही न हो ।

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 2. अपने क्षेत्र यां अपने पास के ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत द्वारा किए गए किसी एक काम का उदाहरण दीजिए और उसके बारे में निम्नलिखित बातों का पता कीजिए :
(i) यह काम क्यों किया गया ?
(ii) पैसा कहाँ से आया ?
(iii) काम पूरा हुआ या नहीं ?

उत्तर- हमारे गाँव के घरों की नालियों के पानी का निकास नहीं था । सबके घरों के आस-पास नाली का पानी फैला रहता था, जिसमें मच्छर पलते रहते थे । गलियाँ कच्ची थीं, जिससे बरसात में चलना कठिन हो जाता था। हमारे ग्राम पंचायत के मुखिया ने प्रखंड पदाधिकारी और पंचायत प्रमुख से मिलकर इस समस्या की ओर ध्यान देने की बात कहीं। योजना बनाई गई। योजना बनी कि गाँव भर की नालियों को एक साथ जोड़ कर गाँव से बाहर पानी को गिराया जाय और गलियों को पक्का किया जाय। 25000 रुपए के खर्च का अनुमान लगा । प्रखंड पदाधिकारी एवं पंचायत, प्रमुख ने मिलकर जिलाधिकारी से बात की । रुपए की व्यवस्था हो गई । सब काम पूरा हो गया। इस प्रकार हम देखते हैं कि :
(क) यह काम इसलिए किया गया कि गाँव साफ-सुथरा रहे और लोगों को चलने-फिरने में कठिनाई नहीं हो ।
(ख) पैसा सरकार की ओर से आया ।
(ग) काम पूरा हो गया।

प्रश्न 2. पंचायत सचिव कौन होता है ? पंचायत सचिव और ग्राम पंचायत के कार्यों में क्या अन्तर हैं ?
उत्तर — पंचायत सचिव सरकार द्वारा नियुक्त एक सरकारी कर्मचारी होता है । यह ग्राम पंचायत के साथ ही ग्राम सभा का भी सचिव होता है पंचायत सचिव और ग्राम पंचायत के कार्यों में यह अन्तर है कि ग्राम पंचायत जो भी काम करती है उसका विवरण पंचायत सचिव रजिस्टर में दर्ज करता है ग्राम पंचायत के सभी कामों का ब्योरा पंचायत सचिव के पास उपलब्ध रहता है । ग्राम पंचायत कृषि, पशुपालन, सिंचाई, मछली पालन आदि को बढ़ावा देने का यदि निर्णय लेती है तो पंचायत समूह मुखिया को यह सुझाव देता है कि यह काम कैसे पूरा होगा । पंचायत सचिव ग्राम पंचायत के आय-व्यय का लेखा भी रखता है ।

प्रश्न 3. गाँव में भूमि विवाद है लेकिन आपस में झगड़ा नहीं हो। इसके लिए इस विवाद को कैसे सुलझाएँगे? इसमें हल्का कर्मचारी की क्या भूमिका होगी?
उत्तर — गाँव में भूमि विवाद है तो निबटाने का सरल उपाय है कि पहले इसकी सूचना पुलिस को दी जाय। पुलिस उस स्थान की जाँच करेगी कि और कोई विधि सम्मत धारा लगांकर काम रोकवा देगी, जबतक परस्पर विवाद सुलझ न जाय । बाद में ग्राम पंचायत का मुखिया हल्का कर्मचारी से जाँच और नापी करवाकर यह निश्चित करता है कि किसकी जमीन कहाँ से कहाँ तक है। उतने पर यदि दोनों पक्ष सहमत हो जाते हैं तब पुलिस को सूचित कर उसके द्वारा लगाया गया रोक हटवाना पड़ता है और नहीं तो मामला न्यायालय के सुपुर्द कर दिया जाता है। फैसला आने तक दोनों पक्षों को इंतजार करना पड़ता है

प्रश्न 4. ‘एक बिटिया की चाहकविता में किस मुद्दे को उठाने की कोशिश की गई है? क्या आपको यह मुद्दा महत्वपूर्ण लगता है ? क्यों?
उत्तर – ‘एक बिटिया की चाह’ शीर्षक कविता में इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की गई है, जिससे पुत्रियों को भी पैत्रिक सम्पत्ति में हिस्सा मिल सके । बिटिया को केवल अपनी चिंता ही नहीं है उसे अपनी माँ की भी चिंता है, क्योंकि पैत्रिक सम्पत्ति का बँटवारा केवल पुत्रों के बीच ही होता है। बेचारी माँ उन पुत्रों- की दया पर ही निर्भर रहती है। इसी कारण ‘बिटिया’ चाहती है कि पैत्रिक संपत्ति में मुझे तो हिस्सा मिले ही, मेरी माँ को भी मिले। भले ही दहेज में सोना-चाँदी मिले या नहीं मिले।

हाँ, यह मुद्दा मुझे महत्वपूर्ण लगता है । एक ही कोख से समान कष्ट झेलकर पुत्र-पुत्रियों को जन्म दिया जाता है तो फिर मैत्रिक सम्पत्ति में बेटियों के साथ अन्याय क्यों ? फिर कष्ट सहकर जन्म देनेवाली माँ को किसी की दया के भरोसे क्यों छोड़ा जाय ।

प्रश्न 5. नगर परिषद् एवं नगर पंचायत में क्या अंतर है?
उत्तर—नगर परिषद की स्थापना उन मध्यम स्तर के शहरों में की जाती है जहाँ की आबादी चालीस हजार से लेकर दो लाख तक या इनके बीच होती है, वहीं नगर पंचायत की स्थापना उन कस्बाई बाजारों में की जाती है जो क्रमशः अब कस्बा से शहर बनने की ओर अग्रसर हैं या शहर बन चुके हैं। शहर बनने के लिए यह आवश्यक माना जाता है कि वहाँ से अधिकांश लोग कृषि के अतिरिक्त अन्य साधनों से अपनी रोजी चलाते हैं। नगर परिषद की आय के साधन अधिक हैं। वहीं नगर पंचायत के पास कम। नगरपरिषद को अधिक काम करने होते हैं, जबकि नगर पंचायत पर काम का अधिक बोझ नहीं रहता ।

प्रश्न 6. नगर निगम के आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है और उसके कार्य क्या है?

उत्तर- नगर निगम के आयुक्त की नियुक्ति बिहार सरकार करती है। निगम आयुक्त उन सारे कामों को करता है, जो नगर निगम को करना चाहिए । निर्वाचित महापौर केवल जनता के प्रति जिम्मेवार होता है लेकिन आयुक्त सरकार के प्रति जिम्मेदार होता है। निर्वाचित महापौर या पार्षद काम पर ध्यान दें या न दें लेकिन आयुक्त सदा निगम के कार्यों पर निगरानी रखता है।

प्रश्न 7. एक ग्रामीण क्षेत्र है, दूसरा नगरी क्षेत्र है, इनको आप किन- किन रूपों में अन्तर करते हैं! शिक्षक के साथ चर्चा करें ।
उत्तर- ग्रामीण क्षेत्र की पहचान यह है कि वहाँ अधिकांश लोग कृषि कार्य या कृषि से सम्बंधित कार्य करते हैं। नगरीय क्षेत्र में अधिकांश लोग कृषि से अलग उद्योग, दुकानदारी, कार्यालयों में नौकरी आदि काम करते हें । ग्रामीण क्षेत्र की आबादी कम होती है जबकि नगरीय क्षेत्र की आबादी अधिक और घनी होती है ।

प्रश्न 8. ग्राम पंचायत और नगरं प्रशासन का मुख्य कार्य क्या-क्या हैं? अपने अनुभव के आधार पर दो-दो उदाहरण देकर समझाएँ।
उत्तर- ग्राम पंचायत के दो प्रमुख कार्य हैं :
(i) ग्रामीण विकास योजनाओं का क्रियान्वयन करना !
(ii) कृषि, भूमि सुधार, पशुपालन, सिंचाई, मछलीपालन, वृक्षारोपण, लघु उद्योग, कुटीर उद्योग, खादी वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देना ।
नगर – प्रशासन के दो प्रमुख कार्य हैं
(i) नगर की सफाई और जल-मल निकासी का प्रबंधन करना ।
(ii) सड़क और गलियों में प्रकाश की व्यवस्था करना ।

प्रश्न 9. ग्राम पंचायत और नगर गिनम के आय के कौन-कौन से साधन हैं, सूची बनाएँ ।
उत्तर—ग्राम पंचायत अनेक प्रकार से कर वसूल सकता है : (i) क्रेता और विक्रेता पर कर, (ii) आढ़त पर कर, (iii) व्यावसायिक माल ढोने वाली गाड़ियों पर कर, (iv) पशुओं की बिक्री पर कर, (v) शौचालय, (vi) सफाई, (vii) पेय जल आपूर्ति पर कर यदि ग्राम पंचायत इनकी व्यवस्था करती है।
नगर-निगम की आय के अनेक साधन हैं : (i) होल्डिंग टैक्स ( मकानों पर कर), (ii) पेशा कर, (iii) शहर में बिक्री हेतु लाए जा रहे सामानों पर चुंगी, (iv) हाट- बाजारों पर कर इत्यादि । इनके अलावे सरकार अनुदान भी देती है ।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. नगर पार्षद के क्या कार्य हैं ?
उत्तर – नगर – पार्षद के अनेक कार्य हैं। नगर पार्षद को देखना पड़ता है कि उसके वार्ड में नित्य झाडू लग रहा है या नहीं। कहीं गंदगी का ढेर नहीं लगने पावे । नालियों की सफाई नियमित होती रहे। इन कामों के अतिरिक्त जिस उप- समिति का वह सदस्य है, उसकी बैठकों में शामिल हो ।

प्रश्न 2. नगर निगम तथा नगरपालिका में क्या अन्तर है ?
उत्तर – नगर निगम बड़े-बड़े नगरों या महानगरों में गठित किए जाते हैं, जबकि नगरपालिका छोटे शहरों में, ख़ासकर जिला के सदर मुकामों में गठित होती है। नगर निगम को अधिक अधिकार प्राप्त हैं, जबकि नगरपालिकाओं को कम अधिकार प्राप्त हैं। यद्यपि दोनों के काम समान ही हैं, किन्तु नगर निगमों को अधिक काम करना पड़ता है, जबकि नगरपालिकाओं को कम काम करना पड़ता है। नगर निगम जहाँ बड़े क्षेत्र की देखभाल करता है, वहीं नगरपालिका छोटे क्षेत्रों में सिमटी रहती है फिर भी कहीं-कहीं की नगरपालिकाएँ ही नगर निगमों की अपेक्षा अच्छा काम करती हैं।

प्रश्न 3. नगरपरिषद के सदस्यों को कौन चुनता है ?
उत्तर— नगरपरिषद के सदस्यों को नगरपालिका के क्षेत्र के निवासी चुनाव करते हैं, जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज रहता है। पूरे नगरपालिका क्षेत्र को वार्डों में बाँट दिया जाता है और प्रत्येक वार्ड से एक सदस्य का चुनाव होता है ।

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