Aavinyo VVI Subjective Questions – हिन्‍दी कक्षा 10 आविन्यों

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिन्‍दी के पाठ नौ ‘आविन्यों (Aavinyo VVI Subjective Questions)’ के महत्‍वपूर्ण विषयनिष्‍ठ प्रश्‍नों के उत्तर को पढ़ेंगे।

Aavinyo VVI Subjective Questions

Hindi Aavinyo VVI Subjective Questions आविन्यों

लेखक-अशोक वाजपेयी

लघु-उत्तरीय प्रश्न (20-30 शब्दों में)____दो अंक स्तरीय
प्रश्न 1. आविन्यों क्या है और वह कहाँ अवस्थित है? हर बरस आविन्यों में कब और कैसा समारोह हुआ करता है?                             (Text Book)
अथवा, प्रत्येक वर्ष आविन्यों में कब और कैसा समारोह हुआ करता है ?  (2014A)
उत्तर- आविन्यों मध्ययुगीन ईसाई मठ है। यह दक्षिणी फ्रांस में रोन नदी के किनारे अवस्थित है। आविन्यों फ्रांस का एक प्रमुख कलाकेंद्र रहा है। यहाँ गर्मियों में फ्रांस और यूरोप का एक अत्यंत प्रसिद्ध और लोकप्रिय रंग-समारोह प्रतिवर्ष होता है।                                                 

प्रश्न
2. नदी के तट पर बैठे हए लेखक को क्या अनुभव होता है?  (Text Book)

उत्तर- नदी के तट पर बैठे हुए लेखक को लगता है कि जल स्थिर है और तट ही बह रहा है। उन्हें अनुभव हो रहा है कि वे नदी के साथ बह रहे हैं। नदी के पास रहने से लगता है कि स्वयं नदी हो गये हैं। स्वयं में नदी की झलक देखते हैं।

प्रश्न
3, नदी तट पर लेखक को किसकी याद आती है और क्यों ?  (पाठ्य पुस्तक)

अथवा, आविन्यों पाठ के लेखक को नदी तट पर किसकी याद आती है और क्यों? (2014C)
उत्तर- नदी तट पर लेखक को विनोद कुमार शुक्ल की एक कविता याद आती है। क्योंकि लेखक नदी तट पर बैठकर अनुभव करते हैं कि वे स्वयं नदी हो गये हैं। इसी बात की पुष्टि करते हुए शुक्ल जी ने “नदी-चेहरा लोगों“ से मिलने जाने की बात कहते हैं।

प्रश्न 4. किसके पास तटस्थ रह पाना संभव नहीं हो पाता और क्यों? (पाठ्य पुस्तक)
उत्तर- नदी के किनारे और कविता के पास तटस्थ रह पाना संभव नहीं हो पाता । क्योंकि दोनों की अभिभूति से बची नहीं जा सकती। नदी और कविता में हम बरबस ही शामिल हो जाते हैं। निरन्तरता नदी और कविता दोनों में हमारी नश्वरता का अनन्त से अभिषेक करती है।

प्रश्न 5. लेखक आविन्यों क्या साथ लेकर गए थे और वहाँ कितने दिनों तक रहे? लेखक की उपलब्धि क्या रही। (पाठ्य पुस्तक 2015C)
उत्तर- लेखक आविन्यों में उन्नीस दिनों तक रहे । वे वहाँ अपने साथ हिंदी का टाइपराइटर, तीन-चार पुस्तकें और कुछ संगीत के टेप्स ही ले गए थे। वे उस स्पष्ट एकांत में अपने में और लेखन में डूबे रहे। लेखक की उपलब्धि यही रही कि उन्होंने उन्नीस दिनों में पैंतीस कविताएँ और सत्ताईस गद्य रचनाएँ लिखी ।

प्रश्न 6. मनुष्य जीवन से पत्थर की क्या समानता और विषमता है?
उत्तर- मानवीय जीवन में सुख और दुःख के समय व्यतीत होते हैं। जीवन परिवर्तनशील पथ पर अग्रसर होता है। मानव उतार-चढ़ाव देखता है। पत्थर भी मानव की तरह परिवर्तनशील समय का सामना करता है। पत्थर भी शीत और ताप दोनों का सान्निध्य पाता है। मानव अपनी प्राचीन गाथा को गाता है। पत्थर भी प्राचीनता को अपने में सहेजे रखता है। मानव अपनी भावनाओं को प्रकट करता है। परन्तु पत्थर मूक रहता है।

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