इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 12 भूगोल के पाठ 9 ‘अंतरराष्ट्रीय व्यापार (Antarrashtriya vyapar Class 12th Notes)’ के नोट्स को पढ़ेंगे।
इकाई 3
अध्याय 9
अंतरराष्ट्रीय व्यापार
क्या आप बनते हैं
‘सैलरी’ (salary) शब्द लैटिन शब्द सैलेरिअम(salarium) से बना हैा जिसका अर्थ है, नमक के द्वारा भुगतान क्योंकि उस समय समुद्र के जल से नमक बनाना ज्ञात नहीं था और इसे केवल खाने से नमक से बनाया जा सकता था जो उस समय पर आया दुर्लभ और खर्चीला था यही वजह हैा कि यह भुगतान का एक माध्यम बना।
रेशम मार्ग लंबी दूरी के व्यापार का एक आरंभिक उदाहरण हैा जो 6000 किलो मीटर लंबे मार्ग के सहारे रोम को चीन से जोड़ता था व्यापारी भारत, परसिया और मध्य एशिया के मध्यवर्ती स्थानों से चीन में बने रेशम रूम की उन व बहुमूल्य धातुओं तथा अन्य अनेक महँगी वस्तुओं का परिवहन करते थे।
15वीं शताब्दी से ही यूरोपीय उपन्यास बाद शुरू हुआ और विदेशी वस्तुओं के साथ व्यापार के साथ ही व्यापार के नए
स्वरूप का उदय हुआ जिसे दास व्यापार कहाँ गया दास व्यापार 200 वर्षों से अधिक समय तक एक लाभदायक व्यापार रहा। जब तक कि यह 1792 में डेनमार्क में 1807 में ग्रेट ब्रिटेन में और 1808 में संयुक्त राज्य में पूर्ण स्वरूप समाप्त नहीं कर दिया गया।
19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में माध्यमिक वस्तुओं का उत्पादन करने वाले प्रदेश अधिक महत्वपूर्ण नहीं रहे और औद्योगिक राष्ट्र एक दूसरे के मुख्य ग्राहक बन गए।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार के आधार
(1) राष्ट्रीय संसाधनों में विभिन्नता: भौतिक संरचना जैसे कि भूविज्ञान, उच्चावच, मृदा, व जलवायु में विभिनता के कारण विश्व के राष्ट्रीय संसाधनों का समान रूप से विपरीत है।
(क) भौगोलिक संरचना खनिज संसाधन आधार को निर्धारित करती हैा धरातलीय विभिन्न पहलुओं की विविधता सुनिश्चित करती हैा भूमियों में कृषि तथा अधिक होती हैा पर्वत पर्यटकों को आकर्षित करते हैं और पर्यटन को बढ़ावा देते हैं।
(ख) खनिज संसाधन संपूर्ण विश्व में आसमान रूप से वितरित हैा खनिज संसाधनों की उपलब्धता औद्योगिक विकास का आधार प्रदान करती हैा
(ग) जलवायु किसी दिए हुए क्षेत्र में जीवित रह जाने वाले पादप व अन्य जाति के प्रकार को प्रभावित करती हैा यह विभिन्न उत्पादों की विविधता को भी सुनिश्चित करती हैा
(2) जनसंख्या कारक: विभिन्न देशों में जनसंख्या के आकार वितरण तथा उसकी बीवी का व्यापार की गई वस्तुओं के प्रकार और मथुरा को प्रभावित करते हैं।
(क) संस्कृति कारक: विशिष्ट संस्कृतियों मैं काला तथा हस्तशिल्प के विभिन्न रूप विकसित हुए हैं जिन्हें विश्व भर में सराहा जाता हैा उदाहरण स्वरूप चीन द्वारा उत्पादित उत्तम कोटि को पर्सनल (चीनी मिट्टी का बर्तन) तथा ब्रोकेड (किमखाब-जरीदार या बूटेदार कपड़ा)
(ख) जनसंख्या का कारण: सघन बसाव वाले देशों में आंतरिक व्यापार अधिक हैा जबकि बाहूय व्यापार कॉम परिणाम वाला होता हैा क्योंकि कृषि और औद्योगिक उत्पादों का अधिकांश भाग स्थानीय बाजारों में ही खप जाता हैा
(3) आर्थिक विकास की प्रावस्था: देशों के आर्थिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं में व्यापार की गई वस्तुओं का स्वभाव परिवर्तित हो जाता हैा कृषि की दृष्टि से महत्वपूर्ण देशों में विनिर्माण की वस्तुओं के लिए कृषि उत्पादों का किया जाता हैा जबकि औद्योगिक राष्ट्रों उत्पादों का निर्यात करते हैं तथा खदान तथा पदार्थों का आयात करते हैं।
(4) विदेशी निवेश की सीमा: विदेशी निवेश विकासशील देशों में व्यापार को बढ़ावा दे सकता हैा जिसके पास खनन सविधान द्वारा तेल खनन भारी अभियांत्रिकी काठ कबाड तथा बागवानी कृषि के विकास के लिए आवश्यक पूँजी का अभाव हैा विकासशील देशों में ऐसे पूँजी प्रधान उद्योगों के विकास द्वारा होगी कि राष्ट्र खाद्य पदार्थों खनिजों का याद सुनिश्चित करते हैं। तथा ऑफ निर्मित उत्पादों के लिए बाजार निर्मित करते हैं।
व्यापार का परिमाण
व्यापार की गई वस्तुओं का वास्तविक तौर परिमाण कहलाता है कि हालाँकि व्यापारिक सेवाओं को तौल में नहीं मापा जा सकता। इसलिए व्यापार की गई वस्तुओं तथा सेवाओं के अनुकूल मूल्य को व्यापार परिणाम के रूप में जाना जाता हैा
Antarrashtriya vyapar Class 12th Notes
व्यापार संतुलन
व्यापार संतुलन एक देश के अन्य देशों को आयात एवं इस प्रकार निर्यात की गई वस्तुओं एवं सेवाओं की मात्रा का प्रॉब्लम करता हैा यदि आयात का मूल्य देश के निर्यात मूल्य की अपेक्षा अधिक हैा तो देश का व्यापार संतुलन और प्रतिकूल यदि निर्यात आयात के मूल्य की तुलना में अधिक हो तो देश का व्यापार संतुलन धनात्मक अनुकूल हैा
(क) द्विपार्श्विक व्यापार: द्विपार्श्विक व्यापार दो देशों के द्वारा एक दूसरे के साथ किया जाता हैा आपस में निर्दिष्ट वस्तुओं का व्यापार करने के लिए भी सहमति करते हैं उदाहरणार्थ देश कुछ कच्चे पदार्थ के व्यापार के लिए इस समझौते के साथ सहमत हो सकता हैा कि देश का कुछ आने निर्दिष्ट सामग्री खरीदेगा। तो भाई स्थिति इसके विपरीत भी हो सकती है।
(ख) बहु पार्श्विक व्यापार: जैसा कि शब्द स्पष्ट होता हैा कि बहू पार्श्विक व्यापार बहुत से व्यापारिक देशों के साथ किया जाता हैा वही अन्य देश अनेक देशों के साथ व्यापार कर सकता हैा कुछ देश व्यापारिक साझेदारों को सर्वाधिक अनुकूल राष्ट्र एमएफएम की स्थिति प्रदान करती हैा
मुक्त व्यापार की स्थिति
व्यापार हेतु अर्थव्यवस्थाओं को खोलने का कार्य मुक्त व्यापार अथवा व्यापार उदारीकरण के रूप में जाना जाता हैा यह कार्य व्यापारिक और उर्दू जैसे सीमा शुल्क को घटाकर किया जाता हैा घरेलू उत्पाद अथवा सेवा एवं से प्रतिस्पर्धा करने के लिए व्यापार उदारीकरण सभी स्थानों से वस्तुओं सेवाओं के लिए अनुमति प्रदान करता हैा
डंप करना
लागत की दृष्टि से नहीं वरन भिन्न-भिन्न कारणों से अलग-अलग कीमत की किसी वस्तु को दो देशों में विक्रय करने की प्रथा डंप कहलाती हैा
विश्व व्यापार संगठन
1948 में विश्व को उच्च सीमा शुल्क और विभिन्न प्रकारों की योजनाओं से मुक्त कराने हेतु कुछ देशों के द्वारा जनरल एग्रीमेंट ऑन रेड एंड टैरिफ (GATT) का गठन किया गया 1994 में सदस्य देशों के द्वारा राष्ट्रीय के बीच मुक्त एवं निष्पक्ष व्यापार को बढ़ा प्रोन्नत करने के लिए एक स्थाई संस्था निर्माण का निश्चय किया गया था जनवरी 1995 से (GATT) को विश्व व्यापार संगठन(WTO) रूपांतरित कर दिया गया।
प्रादेशिक व्यापार समूह
समापन समरूपता और कथा के साथ देशों के मध्य व्यापार को बढ़ाने एवं विकासशील देशों के व्यापार पर लगे प्रतिबंध को हटाने के उदय से अस्तित्व में लाए हैा आज 120 प्रदेशिक व्यापार समूह विश्व के 52% व्यापार का जन्म करते हैं इस व्यापार समूहों का विकास अंत़त: प्रादेशिक व्यापार को गति देने में वैश्विक संगठनों के असफल होने के प्रत्युत्तर में हुआ हैा
अंतरराष्ट्रीय व्यापार से संबंधित मामले
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का होना राष्ट्रीय के लिए पारस्परिक लाभदायक होता हैा यदि यह प्रदेशिक व्यष्टि कारण उत्पादन के उच्च स्तर उच्च रहन-सहन के अस्तर वस्तुओं एवं सेवाओं की विश्वव्यापी उपलब्धता कीमत और वेतन का समानीकरण ज्ञान एवं संस्कृति के प्रस्फुरण को प्रेरित करता है
पतन अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रवेश द्वारा पतन
Antarrashtriya vyapar Class 12th Notes
अंतरराष्ट्रीय व्यापार की दुनिया के मुख्य प्रवेश द्वार पर आए तथा पतन होते हैा इन्हीं पदों के द्वारा जहाजी माल तथा यात्री विश्व के एक भाग से दूसरे भाग को जाते हैं ।
पत्तन के प्रकार
समानता: पत्तनों का वर्गीकरण उनके द्वारा सँभाले गए यातायात के प्रकार के अनुसार किया जाता हैा
निपटाए गये नौभार के अनुसार पतनो के प्रकार:
(1) औद्योगिक पत्तन: ये पत्तन थोक नौभार के लिए विशेषीकृत होते हैं जैसे अनार चीनी आयात कितने रसायन और इसी प्रकार के पदार्थ।
(2) वाणिज्य पतन : ये पत्तन सामान्य नौभार संवेष्टित उत्पादों तथा विनिर्मित वस्तुओं का निपटान करते हैं। यह पतन यात्री यातायात का भी प्रबंध करते हैं।
(3) विस्तृत पतन: ये पत्तन बड़े परिमाण में सामान्य नौभार का थोक में प्रबंध करते हैं संसार के अधिकांश महान पतन विस्तृत पत्रों के रूप में वर्गीकृत किए गए हैं।
अवस्थिति के आधार पर पत्तनो के प्रकार
(1) अंतर्देशीय पतन: ये पत्तन समुद्री तट से दूर अवस्थित होते हैं। यह पतंग समुद्र से एक नदी अथवा नाहर द्वारा जुड़े होते हैं ऐसे पतन चौरस ताल वाले जहाँ जी आप बजरी द्वारा ही गावँ में होते हैं उदाहरण स्वरूप मैनचेस्टर एक नोहर से जुड़ा है मैं फिश मिसिसिपी नदी पर अवस्थित है राइन के अनेक पतन है जैसे मैनहीम तथा ड्यूसबर्ग और कोलकाता हुगली नदी जो गंगा नदी के एक शाखा है पर स्थित हैा
(2) बाह्य पतन: यह गहरे जल के पत्तन है जो वास्तविक पत्तन से दूर बने होते हैं। यह उन जहाजों जो अपने बड़े आकार के कारण उन तक पहुँचने में अक्षम हैं को ग्रहण करके पैतृक पत्रों को सेवाएँ प्रदान करते हैं।
विशिष्टकृत क्रियाकलापों के आधार पर पत्तनों के प्रकार
(1) तैल पत्तन: ये पत्तन तेल किस प्रकार प्रक्रमण और नौ परिवहन का कार्य करते हैं इनमें से कुछ टैंकर पतंत है तथा कुछ तेल शोधन पतन हैा वेनेजुएला में माराकराईबों ट्यूनीशिया में खीरा लेबनान में त्रिपोली टैंकर पतन है परसिया की खाड़ी पर अबादान और तेल शोधन पतन हैा
(2) मार्ग पत्तन (विश्राम पतन) यह पता कैसे पता है जो मूल रुप से मुख्य समुद्री भागों पर विश्राम केंद्र के रूप में विकसित हुए जहाँ जहाज पुन: इंधन भरने, जल भरने तथा सिंगापुर इसके अच्छे उदाहरण हैं
(3) पैकेट स्टेशन: इन्हें फेरी पत्तन के नाम से भी जाना जाता हैा यह पैकेट स्टेशन विशेष रूप से छोटी दूरियों तय करते हुए जरिए छात्रों के आर-पार डाक तथा यात्रियों के परिवहन (आवागमन) से जुड़े होते हैं यह स्टेशनों जोड़ों में इस प्रकार अवस्थित होते हैं कि वे जो जलिय क्षेत्र के आर पार एक दूसरे के सामने होते हैं उदाहरण स्वरूप इंग्लिश चैनल के आरपार इंग्लैंड में दो वर्ष का फ्रांस में कैलाईस
(4) आंत्रपो पतन: ये वे एकत्रण केंद्र है जहाँ विभिन्न देशों में निर्यात हेतु वस्तु में लाई जाती है सिंगापुर एशिया के लिए एक आंत्रपो पतन हैा रोडरडम यूरोप के लिए एक और कोपेनहेगन बाल्टिक क्षेत्र के लिए आंत्रपो पत्तन है
(5) नौसेना पत्तन: एक केवल सामाजिक महत्व के पतन है यह पतन युद्धक जहाजों को सेवाएँ देते हैं तथा उनके लिए मरम्मत कार्यशलाएँ चलाते हैं कोचिंगकारवार भारत में ऐसे पौधों के उदाहरण हैं।
Antarrashtriya vyapar Class 12th Notes
Read more- Click here
You Tube – Click here