कक्षा 12 भूगोल पाठ 10 मानव बस्ती / Manav basti class 12th Notes

इस लेख में बिहार बोर्ड कक्षा 12 भूगोल के पाठ 9 ‘मानव बस्ती (Manav basti class 12th Notes)’ के नोट्स को पढ़ेंगे।

 

इकाई 4
अध्याय 10

मानव बस्ती

उप नगरीकरण

य‍ह एक नवीन प्रवृत्ति है जिसने मनुष्य शहर के घने बस क्षेत्रों से हटकर रहन-सहन की अच्छी गुणवत्ता की खोज में शहर के बाहर स्‍वच्‍छ एवं खुले चित्र में जा रहे हैं बड़े शहरों के समीप ऐसे महत्वपूर्ण उपनगर विकसित होते जाते हैं जहाँ से प्रतिदिन हजारों व्यक्ति अपने घरों से कार्यस्थलों पर आते जाते हैं।

1991 की भारत जनगणना में नगरिय बस्‍ती को इस प्रकार परिभाषित किया हैा सभी स्थान जहाँ नगर पालिका निगम छावनी बोर्ड या अनुसूचित नगरी क्षेत्र सीमित नोटिफाइड टाउन एरिया कमिटी हो एवं कम से कम 5000 व्यक्ति वहाँ निवास करते हैं 75% पुरुष श्रमिक गैर कृषि कार्य में संलग्न हो वह जनसंख्या का घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलो मीटर हों।

बस्तियों के प्रकार एवं प्रतिरूप

संहत बस्ती: इस प्रकार की बस्तियाँ वह होती हैं जिनमें मकान एवं दूसरे के समीप बनाए जाते हैं इस तरह की बस्तियों का विकास नदी घटियो के सहारे उपजाऊ मैदानों में होता है यहाँ रहने वाला समुदाय मिलकर रहता है एवं उनके व्यवसाय भी समान होती हैा

प्रकीर्ण बस्ती: इन बस्तियों में मकान दूर दूर होते हैं तथा पराया खेतों के द्वारा एक दूसरे से अलग  आता है वनों को काटकर प्रसन्न गांव को बनाया गया था जहां लकड़ी बहुतायत में थी

नियोजित बस्तियाँ

इस तरह की बस्तिैयाँ सरकार द्वारा बसाई जाती हैा ग्रामीण वासियों द्वारा स्वता जिन भीम बस्तियों की स्थिति का चयन नहीं किया जाता सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई ऐसी भूमि पर निवासियों को सभी प्रकार की सुविधाएँ जैसे आवास पानी तथा अन्य अवसंरचना आदि उपलब्ध कराएँ बस्तियों को विकसित करने हेतु पिया में सरकार द्वारा ग्रामीण करण योजना एवं भारत में इंदिरा गांधी नहर के क्षेत्र में नौकरी बस्तियों का विकास इसके उदाहरण हैा

ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप

ग्रामीण बस्तियों का प्रति रुपया दर्शाता है कि मकानों की स्थिति किस प्रकार एक दूसरे की संबंधित हैा गाँव की आकृति एवं प्रसार को प्रभावित करने वाले कारकों में गाँव की स्थिति समीपवर्ती स्थलाकृति एवं क्षेत्र का भूभाग प्रमुख स्थान रखते हैं।

 (1) विन्यास के आधार पर: इन के मुख्य चार भाग हैं मैदानी ग्राम, पठारी ग्राम, तटीय ग्राम, वन ग्राम एवं मरुस्थलीय ग्राम।

(2) कार्य के आधार पर: इसमें कृषि ग्राम मछुआरों के ग्राम लकड़हारे के ग्राम पशुपालक ग्राम आदि आते हैं।

(3) बस्तियों की आकृति के आधार पर: इसमें कई प्रकार की ज्यामिति आकृतियां हो सकती है जैसे कि रेखीय, आयताकार, वृत्ताकार, तारे के आकार की टी’ के आकार की चौक पाटी दोहरे ग्राम इत्यादि।

(क) रैखिक प्रतिरूप: उस प्रकार की बस्तियों में मकान सड़कों रेल लाइनों नदियों नहरों घाटी के किनारे अथवा तटबंधो पर स्थित होते हैं।

(ख) आयताकार प्रतिरूप: ग्रामीण बस्तियों का यह प्रतिरूप समतल क्षेत्रों अथवा चौड़ी अंतरा पर्वतीय घाटियों में पाया जाता हैा इसमें सड़के आयताकार होती हैा जो एक दूसरे को समकोण पर काटती हैा

(ग) वृत्ताकार प्रतिरूप: इस प्रकार के गाँव झीलो व तालाबों आदि क्षेत्रों के चारों ओर बस्ती बस जाने से विकसित होते हैं कभी-कभी ग्राम को इस योजना से बसाया जाता हैा कि उस मध्य भाग खुला रहे जिसमें पशुओं को रखा जाए ताकि वह जंगली जानवरों से सुरक्षित रहें।

(घ) तारे के आकार का प्रतिरूप: जहाँ कोई मार्ग आकर एक स्थान पर मिलते हैं और उन मार्गों के सहारे मकान बन जाते हैं वहाँ तारीख के आकार की बस्तियाँ विकसित होती हैा

(ड.) टी’ आकार ‘वाई आकार, क्रॉस आकार: टी के आकार की वस्तुएँ सड़क के तिराहे पर विकसित स्वच्छ घर एवं कूड़ा कचरा निस्तारण की सुविधाएँ नगण्य हैा जिससे इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएँ रहती हैं मकानों की रूप रेखा एवं उनके लिए प्रयुक्त होने वाली गिरीश निर्माण सामग्री पर परिस्थितिक प्रदेश में भिन्न होती हैा जो मकान मिट्टी लकड़ी एवं चौपाल के बनाए जाते हैं। उन्हें भारी वर्षा एवं बाढ़ के समय काफी नुकसान पहुंचाता है

कच्ची सड़क एवं आधुनिक संचार के साथ की कमी भी यहां की प्रमुख समस्या है वर्षा ऋतु में इन क्षेत्रों का संपर्क आसपास के क्षेत्र से कट जाता है

नगरीय बस्तियों

तीव्र नगरीय विकास एवं नूतन परिघटना है कुछ समय पूर्व तक बहुत ही कम बस्तियां कुछ हजार से अधिक निवासियों वाली थी प्रथम नगरी अवस्थी लंदन नगर की जनसंख्या लगभग 18 से 10 ईसवी तक 1000000 हो गई थी 1983 में विश्व में करीब 175 दशक से अधिक जनसंख्या वाले थे 1800 में विश्व की केवल तीन प्रतिशत जनसंख्या निवास करती थी जबकि वर्तमान जनसंख्या निवास करती है

जनसंख्या का आकार

नगरीय क्षेत्रों को परिभाषित करने के लिए अधिकतर देशों में ऐसी मापदंड को अपनाया है नगरीय क्षेत्र की श्रेणी में आने के लिए जनसंख्या के आकार की निचली सीमा कोलंबिया में 1500 डायना एवं पुर्तगाल में दो हजार सतरा जमीर का एवं थाईलैंड में 25 भारत में 5000 एवं जापान में 30000 व्यक्ति है भारत में जनसंख्या के अधिक जनसंख्या घनत्व व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर होना चाहिए साथ ही साथ किसी कार्य को भी ध्यान में रखा जाता है

व्यावसायिक संरचना

जनसंख्या के आकार के अतिरिक्त कुछ देशों में जैसे भारत में प्रमुख आर्थिक गतिविधियों को भी नगरीय बस्तियों निर्दिष्ट करने के लिए मापदंड माना जाता हैा इसी प्रकार इटली में उस बस्ती को नगरीय कहा जाता है जिनकी आर्थिक रूप से उत्पादक जनसंख्या का 50% गैर कृषि कार्यों में संलग्न हो भारत में यह मामला 75% का रखा गया है

Manav basti class 12th Notes

प्रशासन

कुछ देशों में किसी वस्तु को नगरीय बस्ती में वर्गीकृत करने हेतु प्रशासनिक ढांचे को मापदंड माना जाता हैा उदाहरण के लिए भारत में किसी भी आकार की वस्तुओं को नगर के रूप में वर्गीकृत किया जाता हैा यदि वह नगरपालिका छावनी बोर्ड या सूचक नगरीय क्षेत्र सीमित हैा

नगरीय क्षेत्रों के कार्य

प्राचीन नगर प्रशासन व्यापार उद्योग सुरक्षा एवं धार्मिक महत्व के केंद्र हुआ करते थेा वर्तमान समय में सुरक्षा तथा धर्म का कार्यक्रम विभेदीकरण के रूप में महत्व घटता हैा परंतु कोई अन्य कार्य इस सूची में जुड़ गए हैं।

प्रशासनिक नगर

राष्ट्र की राजधानियाँ जहाँ पर केंद्रीय सरकार के प्रशासनिक कार्यालय होती हैा उन्हें प्रशासनिक नगर कहा जाता हैा जैसे नई दिल्ली केंद्र मेरा बीजिंग अदीस अबाबा वाशिंगटन डीसी एवं लंदन इत्यादि प्रशासनिक नगर हैा

व्यापारिक एवं व्यवसाय के नंबर

कृषि बाजार कश्मीर जैसे विनिपेग एवं कल शाम नगर बैंकिंग एवं वित्तीय कार्य करने वाले जैसे फ्रैंकफर्ट एमसटर्डम विशाल अंतर्देशीय केंद्र जैसे मैनचेस्टर एवं saint-louis एवं परिवहन के केंद्र जैसे लोहार बगदाद एवं आगरा प्रमुख व्यापारिक केंद्र हैं।

सांस्कृतिक नगर

तीर्थस्थान जैसे जेरूसलम, मक्का, जगन्नाथपुरी एवं बनारस यादी संस्कृतिक नगर हैा धार्मिक दृष्टिकोण से इनका बहुत महत्व हैा

आकृति के आधार पर नगरों का वर्गीकरण

Manav basti class 12th Notes

एक नगरी वस्ति रखिए वर्गी कार तारा के आकार का अर्धचंद्र कार हो सकती हैा वास्तव में किसी भी नगर की आकृति वास्तु कला एवं भवनों की शैली वहाँ के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक परंपराओं की देन होती हैा

विकसित एवं विकासशील देशों के कौशल एवं नगर उनके विकास एवं नगरीय नियोजन में कई तरह की विभिन्नताएँ रखते हैं।

अदीस अबाब(नवीन पुष्प)

इथोपिया का राजधानी नगर अदीस अबाबा जैसे किसके नाम से विदित होता हैा (अदीस नया, अबाबा पुष्प) एक नया नगर है जिसकी स्थापना 1814 में हुई थी

कैनबेरा

अमेरिकन वास्तविद वाल्‍टर बरली ग्रिफिन ने 1912 में ऑस्ट्रेलिया की राजधानी के लिए। इस नगर की योजना बनाई भूत दृश्य की प्राकृतिक आकृतियों को ध्यान में रखते हुए लगभग 25000 निवासियों के रहने के लिए इस उद्यान नगर की कल्पना की थी इसमें पाँच मुख्य केंद्र थे

नगरीय बस्तियों के प्रकार

नगरीय अवस्थी अपने आकार उपलब्ध सुविधाओं एवं उनके द्वारा संपन्न किए जाने वाले कार्य के आधार पर कई नामों से पुकारी जाती हैा जैसे नगर शहर मिलियन सिटी विश्वनगरी ।

नगर

नगर की संकल्पना को ग्राम के संदर्भ में आसानी से समझा जा सकता हैा केवल जनसंख्या का आकार ही मापदंड नहीं होता नगरो एवं ग्रामों में कार्यों की विशेषता सदैव स्पष्ट नहीं होती परंतु कुछ विशेष कार्य जैसे निर्माण खुदरा एवं थोक व्यापार एवं व्यवसायिक में ही विद्यमान होती ।

शहर

यह अग्रणी नगर होता हैा जो अपने स्थानीय व क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धीयों को पीछे छोड़ देता हैा लेविस मैम फोर्ड के शब्दों में वास्तव में शहर उच्च एवं अधिक जटिल प्रकार के सहकारी जीवन का भौतिक रूप हैा शहर नौकरों से बड़े होते हैा एवं इनके आर्थिक कार्य भी अधिक होते हैा यहां पर प्रमुख वित्तीय संस्थान प्रदेशिक पर का सीएम कार्यालय एवं यातायात के केंद्र होते हैा जब इनकी जनसंख्या 10 लख से अधिक हो जाती हैा तब इन्हें मिलियन सिटी कहा जाता हैा

सन्ननगर

इस शब्दावली का प्रयोग 1915 पैट्रिक गिडिज ने किया था। या विशाल विकसित लग रही हैा क्षेत्र होते हैं जो कि मूलत अलग-अलग नगरिया शहरों के आस-पास में मिल जाने से एक विशाल नगरीय विकास क्षेत्र में परिवर्तित हो जाता है।

मिलियन सिटी

विश्व में मिलियन सिटी की संख्या पहले की अपेक्षा निरंतर बढ़ रही हैा 18 साल में लंदन इस श्रेणी में आया 1850 में पेरिस 1860 में न्यूयॉर्क तथा 1950 तक विश्व में 80 सोहर मिलियन सिटी थे मिलियन सिटी की विधि प्रत्येक तीसरे दशक में तिन गुनी हुई हैा 1975 में इनकी संख्या 160 थी जो बढ़कर 438 हो गई। 70 के मध्य में 162 मिलियन सिटी थे और 2005 में इनकी संख्या में तिन गुना वृद्धि हुई और संख्या 438 तक पहुँच गई 2016 में दुनिया भर में 512 शहरों में कम से कम 1 मिलियन (1000000) निवासी थे 2030 तक अनुमानित 662 शहरों में से कम से कम 1 मिलियन निवासी होंगे।

विश्वनगरी

यह युनानी शब्द मेगालोपोलिस से बना हैा जिसका अर्थ होता हैा विशालनगर इसका प्रयोग 1957 में जीन गोटमेन ने किया यह बड़ा महानगर प्रदेश होता हैा जिनमें सन्ननगरो का समूह होता है।

मेगा सिटी का वितरण

एक मेगासिटी शब्द वाली उन्नाव के लिए प्रयुक्त की जाती हैा जिनकी जनसंख्या मुख्य नगर व अपना ग्रुप को मिलाकर एक करोड़ से अधिक हो ।

 नगर व देश का नाम                                 जनसंख्या

1 टोक्यो, जापान                                            38140

2 दिल्ली, भारत                                             26454

3 सिंघाई, चीन                                               24484

4 मुंबई, भारत                                               21357

5 साओ पाओलो, ब्राजील                               21297

6 बीजिंग, चीन                                              21240

7 मैक्सिको सिटी ,मैक्सिको                           21157

8 किन्की एम,एम,ए,ओसाका,जपान             20337

9 एल-काहिराह(कैयरो) मिस्र                       19128

10 न्यूयॉर्क,स,रा,अ                                      18604

11 ढाका , बांग्लादेश                                    18237

12 कराची, पाकिस्तान                                 17121

(13) ब्यूनस आयरस, अर्जेंटीना                    15334

(14) कोलकाता, भारत                               14980

(15) इस्तानबुल, तुर्की                                 14365

(16) चांग किंग, चीन                                   13744

(17) लागोस, नाइजीरिया                            13661

(18) मनीला, फिलीपींस                              13131

(19) गुआंगजोओ, गुआंगडोंग, चीन             13070

(20) रियो डी जेनेरो, ब्राजील                       12981

(21) लॉस एंजिल्स ,स,रा,अ                         12317

(22) मास्को, रूस फेडरेशन                    12260

(23) किन्शासा,(डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो)        12071

(24) त्याजिन, चीन                                  11558

(25) पेरिस, फ्रांस                                   10925

(26) शेनझेन, चीन                                 10828

(27) जकार्ता, इंडोनेशिया                      10483

(28) बेंगलुरु, भारत                              10456

(29) लंदन, ग्रेट ब्रिटेन                           10434

(30) चेन्नई, भारत                                 10163

(31) लीमा, पेरू                                    10072

Manav basti class 12th Notes

विकासशील देशों में मानव बस्तियों की समस्याएँ

विकासशील देशों में बस्तियों से संबंधित कई प्रकार की समस्याएँ हैा जैसे अवहनीय जनसंख्या का केंद्रीकरण आवास एवं गलियाँ पीने योग्य जल जैसी सुविधाओं की कमी इसके अतिरिक्त इन में आधारभूत ढांचा जैसे बिजली गंदे पानी की निकासी स्वास्थ्य एवं शिक्षा यादी सुविधाओं की भी कमी होती हैा

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बतलाया कि एक स्वास्थ्य शहर में निम्न सुविधाएँ अवश्य होनी चाहिए

स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण

सभी निवासियों की आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति

स्थानीय सरकार में समुदाय की भागीदारी

सभी के लिए आसानी से उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाएँ

विश्व के विकासशील देशों के ग्रामीण व छोटे नगरीय क्षेत्रों में रोजगार के घटते अवसरों के कारण जनसंख्या का शहरों की ओर पलायन हो रहा हैा या विशाल प्रवासी जनसंख्या नगरीय क्षेत्रों और कुशल एवं अर्ध कुशल श्रमिकों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि कर देती है जबकि इन क्षेत्रों में जनसंख्या पहले से ही चरम पर होती हैा

समाजिक संस्कृति समस्याएँ

विकासशील देशों के शहर विभिन्न प्रकार की सामाजिक बुराइयों से ग्रस्त हैा और पर्याप्त वित्तीय संसाधनों के कारण बहुसंख्यक निवासियों की आधारभूत सामाजिक ढांचागत आवश्यकताएँ भी पूरी नहीं हो पाती हैा उपलब्ध स्वास्थ्य एवं शिक्षा संबंधित सुविधाएँ नगर वासियों की पहुँच से बाहर रहती हैं।

पर्यावरण संबंधी समस्याएँ

विकासशील देशों में रहने वाली विशाल नगरीय जनसंख्या जाल का केवल उपयोग ही नहीं करती वरुण जल एवं सभी प्रकार के व्यर्थ पदार्थों का निस्तारण भी करती हैा विकासशील देशों के अनेक नगरों में पीने योग्य पानी की न्यूनतम आवश्यकता की पूर्ति तथा घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना अत्याधिक कठिन हैा घरेलू एवं औद्योगिक कार्यों के लिए परंपरागत इंधन के व्यापक उपयोग के कारण वायु प्रदूषित हो जाती हैा जनसंख्या को आवास प्रदान करने के लिए विशाल कंक्रीट ध्यान से बनाए जाते हैं जो नगरों में उसमें द्वीप बनाने में सहायक भूमिका निभाते हैं

नगरिया रणनीति की योजना

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम में नगर रणनीति में निम्न प्राथमिकताएँ बताई हैं।

नगरीय निर्धनों के लिए आश्रम स्थल में वृद्धि

आधारभूत नगरीय सुविधाओं जैसे शिक्षा प्राथमिक स्वास्थ्य स्वच्छ जल और सफाई का प्रबंध आदि को उपलब्ध करवाना

महिलाओं की मूलभूत सेवाओं तथा राजकीय सुविधाओं तक पहुँच में सुधार

ऊर्जा उपयोग तथा वैकल्पिक परिवहन तंत्र को उन्नत बनाना।

वायु प्रदूषण को कम करना ।

Manav basti class 12th Notes

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