BSEB Class 8th Science Solutions Chapter 19 वायु तथा जल का प्रदूषण

Class 8th Science Text Book Solutions

प्रश्न 1. प्रदूषण क्या है ?

उत्तर- वायु, जल, वातावरण, भूमि आदि का दूषित हो जाने के परिणाम को ‘प्रदूषण’ कहते हैं।

प्रश्न 2. क्या स्वच्छ, पारदर्शी जल सदैव पीने लायक होता है । इसपर टिप्पणी कीजिए।

उत्तरयह सत्य है कि स्वच्छ, पारदर्शी जल पीने लायक होता है। परन्तु सदैव यह सत्य नहीं होता। कभी-कभी ऐसे जल में भी सूक्ष्मजीव तथा घुले हुए अपद्रव्य हो सकते हैं, जिसके उपयोग से हम बीमार पड़ सकते हैं। इसलिए यथासंभव जल को उबालकर या फिल्टर कर पीना हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है

प्रश्न 3. क्या आपके आस-पास स्वच्छ जल की आपूर्ति हो रही है ? इस पर प्रकाश डालिए।

उत्तरनहीं, हमारे आस-पास स्वच्छ जल की आपूर्ति नहीं हो रही है। कारण है कि जल वितरण के पाइप जो जमीन के अन्दर बैठाये गये हैं, वे पुराने और जर्जर हो गये हैं। कहीं-कहीं गंदे नालों से होकर भी वे गुजरते हैं। जहाँ पर जल के पाइप में छेद हो गया है वहाँ से गंदे नाले का पानी भी सप्लाई वाले जल में मिल जाते हैं । फलस्वरूप आये दिन शहर में डायरिया जैसे रोग आम बात हो गया है। जो इलाके नये बसे है, वहाँ का हाल ठीक है, लेकिन पुराने. भाग में दिक्कत-ही-दिक्कत है।

प्रश्न 4. शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तरजिस वायु में ऑक्सीजन और कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा संतुलित हो, उसे शुद्ध वायु कहा जाता है। वह

जिस वायु में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा असंतुलित हो अथा डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि गैसों की मात्रा अधिक हो तो ऐसी वायु प्रदूषित वायु कहलाती है।

प्रश्न 5. अम्ल वर्षा कैसे होती है ? टिप्पणी कीजिए और इसके प्रभाव की चर्चा कीजिए।

उत्तर- जब सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषक वायमण्डल में उपस्थित जलवाष्प में अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाते हैं तो ये वर्षा को अम्लीय बनाकर वर्षा के साथ पृथ्वी पर बरस जाते हैं । इसे अम्ल वर्षा कहते है।

अम्ल वर्षा मानव के साथ-साथ पौधों, जंतुओं तथा निर्जीव वस्तुओं के लिए भी हानिकारक है। यह मृदा की उर्वरता को कम कर देती है। अम्ल वर्षा के कारण स्मारकों के संगमरमर का संक्षारण होता है।

प्रश्न 6. निम्नलिखित में से कौन-सी पौधा-घर गैस नहीं है?

(क) कार्बन डाइऑक्साइड                   (ख) सल्फर डाइऑक्साइड

(ग) मेथेन ।                                      (घ) नाइट्रोजन

उत्तर (घ) नाइट्रोजन ।

प्रश्न 7. ताजमहल की सुन्दरता को ग्रहण लग रहा है। इस पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- ताजमहल की सुंदरता विश्व में अद्वितीय है, इसलिए उसे विश्व के सात अजूबों में स्थान प्राप्त है। आज तेजी से बढ़ते प्रदूषण विश्व के इस सुंदर धरोहर को प्रभावित कर रहा है। दुनिया का यह अनमोल धरोहर संकट में है।

ताजमहल के चारों ओर स्थित रबर प्रक्रमण, पेट्रोलियम चालित वाहन, निर्वातक रसायन और विशेषकर मथुरा तेल परिष्करण जैसे उद्योग प्रदूषित गैसों के साथ मिलकर अम्ल वर्षा करते हैं। इसी कारण ताजमहल के संगमरमर का संक्षारण हो रहा है और इसका रंग पीला होता जा रहा है।

इसको सुरक्षित रखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में उद्योगों को CNG, LPG आदि स्वच्छ ईंधनों का उपयोग करने के आदेश दिए हैं। ताज के क्षेत्र में मोटर वाहनों में सीसा रहित पेट्रोल का उपयोग करने के आदेश दिया है। 20 किमी दूर से ही बैटरी चालित वाहन चलाए जाते हैं, या घोड़ागाड़ी चलती है।

प्रश्न 8. जल की उपयोगिता बताइए। इसका शुद्धिकरण कैसे किया जाता है ?

उत्तरकहा जाता है कि ‘जल ही जीवन है’ जो पूर्णतः सत्य है। हमें जल की आवश्यकता कदम-कदम पर होती है। पीने के लिए, भोजन बनाने के लिए, बरतनों की सफाई के लिए, घर की सफाई के लिए, नहाने तथा कपड़ों की सफाई के लिए कृषि कार्य आदि अनेक कार्यों में जल का उपयोग होता है। अतः जल की उपयोगिता अवर्णनीय है।

जल का शुद्धिकरण- जल को शुद्ध करने का आसान उपाय है कि पीने के पूर्व उबाल लिया जाय । फिल्टर करना भी एक प्रक्रिया है। कुएँ में ब्लीचिंग पाउडर, चूना, या दोनों को डालकर जल को शुद्ध किया जा सकता है।

प्रश्न 9. यदि हम प्रदूपित जल पिएँ, तो क्या होगा?

उत्तर- प्रदपित जल पीने से अनेक प्रकार की बीमारियों से हम ग्रसित हो जाने प्रदूषित जल से होनेवाली बीमारियाँ पीलिया (जाँडिस), डायरिया, हैजा आदि हैं। हमे जल को उबालकर या फिल्टर कर ही पीना चाहिए।

प्रश्न 10. सही कथन पर T और गलत कथन पर F लिखिए :

(क) संसार की 25 प्रतिशत जनसंख्या को निरापद पेयजल नहीं मिलता।

(ख) गर्म जल भी एक प्रदूषक होता है।

(ग) जुलाई माह में प्रतिवर्ष वन मोहत्सव मनाया जाता है।

(घ) अम्लीय वर्षा खेतों की मिट्टी को प्रभावित करता है।

उत्तर—(क) T, (ख) F, (ग) F (घ) T.

प्रश्न 11. वायु प्रदूषण रोकने के उपाय बताइए।

उत्तर(i) आवश्यकतानुसार ही वाहनों का उपयोग करना, (ii) वाहनों में CNG का उपयोग करना, (iii) अधिकाधिक संख्या में पेड़-पौधे लगाना तथा (iv) वायु प्रदपण के प्रति लोगों को जागृत करना। ये उपाय वायु प्रदूषण रोकने में सहायक होंगे।

प्रश्न 12. कणिकाओं द्वारा प्रदूषण की चर्चा कीजिए।

उत्तरकणिकाओं का अर्थ है धूलकण। धूलकण वाय में स्वाभाविक रूप से पाय जाते हैं। यह बात अलग है कि कहीं कम और कहीं अधिक । अधिक कणिकाए कारखाना क्षेत्रों में, खनन क्षेत्रों में, सड़कों के किनारे, तेज हवा चलने के समय पाई जाता है कणिकाओं की अधिकता के कारण वायु प्रदूषण होता है।

प्रश्न 13. भोपाल गैस काण्ड क्या था ?

उत्तर-2 और 3 दिसम्बर 1984 की आधी रात को भोपाल में एक ऐसा दुष हुई, जिसने सम्पूर्ण संसार के उद्योगों को ऐसा सबक सीखा गया, जो कारखान के पर ध्यान नहीं देते। हुआ यह कि भोपाल (मध्य प्रदेश) में लोग जब गहरा जब गहरी निन्द के आगोश में थे कि ‘यूनियन कार्बाइट’ नामक कारखाने में, जो कीटनाशी दवाएँ बनाती बादल ‘आइसो साइनेट’ नामक द्रव ताप की वृद्धि से गैस बनकर वातावरण ने लगा। यह गैस जानलेवा थी। जो लोग सोये थे वे सोये ही रह गए । भागनेवाले नदी बच पाए, कारण कि गैस हवा में मिल गई थी। हजारों लोग मर गये तथा हजारो अपंग होकर आज भी जीवन को किसी प्रकार झेल रहे हैं।

प्रश्न 14. पृथ्वी को बचाने के लिये पर्यावरण संरक्षण आवश्यक है। इसपर प्रकाश डालिये।

उत्तर- जैसा कि हम सभी जानते हैं, वायुमंडल के औसत ताप में निरंतर वृद्धि हो रही है। कारण कि CO, की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि हो रही है। आप यह जानते हैं कि वायुमंडल में निरंतर ताप-वृद्धि को विश्व ऊण्णन (Global Warming) कहते है। विश्व ऊष्णन का प्रभाव, हमारे वायुमंडलीय चक्र को प्रभावित कर रहा है। बाढ़, सूखा, अतिवृष्टि, अत्यधिक शीत,’ अत्यधिक गर्मी, भूस्खलन आदि प्राकृतिक दुर्घटनाएँ विश्व ऊण्णन के कारण ही हो रही हैं। विश्व ऊष्णन के कारक हम ही सब हैं। वनोन्मूलन, औद्योगीकरण तथा बढ़ती जनसंख्या विश्व ऊण्णन के बढ़ाते हैं, जिससे हिमनद पिघलने लगे हैं तथा हमें अनेक प्राकृतिक दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। अगर ऐसा ही होता रहा तो विश्व ऊष्णन के कारण सृष्टि का अंत भी हो जायेगा, जिससे पृथ्वी का अस्तित्व भी समाप्त हो सकता है।

अतः हम अत्यधिक संख्या में पेड़-पौधे लगाकर, पेड़-पौधों की कटाई रोककर, लकड़ी से सम्बद्ध अपनी आवश्यकताओं को कम कर तथा वाहनों आदि में CNG आदि का उपयोग कर पृथ्वी को विश्व ऊष्णन के खतरों से बचा सकते हैं।

इसलिए आज हम सब मिलकर प्रतीज्ञा करें कि अब कम-से-कम एक-एक पेड़ जरूर लगायेंगे तथा अपने आस-पास के लोगों को भी ऐसा ही करने के लिए प्रेरित करेंगे।

कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. क्या आपने कभी यह ध्यान दिया है कि हमारे शहरों में कितनी तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ रही है?

उत्तर हाँ, हम देखते हैं कि शहरों में वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यदि दिल्ली में पंजीकृत वाहनों को एक के बाद एक लाइन में खड़ा करें तो यह संसार की दो सर्वाधिक लम्बी नदियों-नील तथा आमेजन की संयुक्त लम्बाई के लगभग बराबर हो जायेगी। छोटे शहरों, कस्बों और गाँवों में भी वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

प्रश्न 2. जल कैसे प्रदूषित होता है?

उत्तर- जल प्रदूषित होने के अनेक कारण हैं :

(i) नदियों के किनारों पर बसे नगर या शहर के निवासी अत्यधिक मात्रा में कूड़ा कर्कट, अनुपचारित वाहित मल, मृत जीव तथा अन्य बहुत-से हानिकारक पदार्थ सीधे ही नदियों में फेंक रहे हैं।

(ii) नदियों तथा तालाबों में बर्तन धोने, पशु स्नान कराने तथा गंदे कपड़े धोने का कार्य बदस्तूर जारी है।

(iii) बहुत-से औद्योगिक कारखाने हानिकारक रसायनों को नदियों तथा झीलो प्रवाहित करते है, जिसके कारण जल प्रदूषण होता है।

(iv) फसलो की सुरक्षा के लिए पीड़कनाशी तथा अपतृणनाशी रसायन खेतो में डाले जाते है, जो जल में घुलकर खेतों से जलाशयों (नदी, नालों आदि) में पहुँच जाते है। ये भूमि में रिसकर भौम जल को भी प्रदूपित करते हैं।

(v) जलाशयों में उग आनेवाले शैवाल जो उर्वरकों में उपस्थित नाइट्रेट एवं फास्फेटों

जैसे रसायनों की अधिक मात्रा के कारण होता है। शैवाल मर जाते हैं तो जीवाणु जैसे घटकों के लिए भोजन का कार्य करते हैं। ये अत्यधिक ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। इससे जल में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे जलीय जीव मर जाते हैं।

प्रश्न 3. नदी जल के प्रदूषण के लिए उत्तरदायी कारक क्या हैं?

उत्तर नदी जल के प्रदूषण के लिए उत्तरदायी कारक इन नदियों के किनारों पर बसने वाले लोग हैं। किनारों पर बसे लोग कूड़ा-कर्कट, अनुपचारित वाहित मल, मृत जीव तथा अन्य हानिकारक पदार्थ सीधे नदियों में फेंक देते हैं।

प्रश्न 4. गंगा नदी की पूर्व गरिमा को प्राप्त करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?

उत्तर गंगा नदी की पूर्व गरिमा को प्राप्त करने के लिए सबसे पहले तो इस नदी के किनारे पर बसे लोगों को अपना कूड़ा-कर्कट, अनुपचारित वाहित मल, मृतजीव तथा अन्य कोई अवांछित पदार्थ जल में सीधे प्रवाहित करने से रोकना होगा। 1985 में बने गंगा कार्य परियोजना को कठोरता से लागू करना होगा तथा उल्लंघन करनेवालों को दण्डित करना होगा। तभी हम गंगा नदी को पूर्व गरिमा प्राप्त करा सकते हैं।

प्रश्न 5. कूड़े-कर्कट आदि का विसर्जन किस प्रकार नदी के जीवित प्राणियों को प्रभावित करता है?

उत्तर- कूड़े-कर्कट में बहुत-से रसायन भी हो सकते हैं, जो सीधे जलीय जीवों पर कुप्रभाव डालते हैं। औद्योगिक इकाइयाँ विषाक्त रासायनिक अपशिष्टों को कड़ा-कर्कट के रूप में नदी में विसर्जित करती हैं, जो जलीय जीवों के लिए हानिकारक होते हैं।

प्रश्न 6. जल में पोषकों के स्तर में वृद्धि किस प्रकार जल जीवों की उत्तरजीविता को प्रभावित करती है ?

उत्तर- कहीं-कहीं जलाशयों में बहुत-से शैवाल उग जाते हैं। ऐसा उर्वरकों में उपस्थिति नाइट्रेट एवं फास्फेटों जैसें रसायनों के आधिक्य के कारण होता है। ये रसायन शैवालों के फलने-फूलने के लिए पोषक की भाँति कार्य करते हैं। जब ये शैवाल मर जाते हैं तो जीवाणु जैसे घटकों के लिए भोजन का कार्य करते हैं। ये अत्यधिक ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। इससे जल में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिससे जलीय जीव मर जाते हैं।

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