कार्बन एवं इसके यौगिक | Carbon and its compound in Science

इस पोस्‍ट में हमलोग कक्षा 10 विज्ञान के पाठ 4 कार्बन एवं इसके यौगिक (Carbon and its compound in Science) के सभी टॉपिकों के बारे में अध्‍ययन करेंगे।

Carbon and its compound in Hindi

Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक

   परिचय- कार्बन पृथ्वी पर 0.02% तथा वायु में कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में कार्बन 0.03% पाया जाता है। मक्त अवस्था में कार्बन हिरे, ग्रैफाइट तथा कोयला के रूप में पाया जाता है। संयोजित अवस्था में कार्बन मुख्य रूप से कार्बोनेट खनिजों में पाया जाता है।

   कार्बन सभी सजीवों के निर्माण में आवश्यक अवयव होता है।

कार्बनिक यौगिकों के महत्व

सुबह से शाम तक जिन वस्तुओं का हम इस्तेमाल करते हैं, वे सभी कार्बनिक यौगिकों के बने होते हैं। हमारे भोजन, कपड़ा, कागज, चमड़ा, साबुन, रंग, प्लास्टिक के वस्तुएँ, बच्चों के खिलौने इत्यादि।

सहसंयोजक बंधन जब दो परमाणु अपनी बाह्यतम कक्षा के इलेक्ट्रॉनों का आपस में साझा करके संयोग करते हैं तब उनके बीच निर्मित बंधन को सहसंयोजक बंधन कहते हैं। तथा इस प्रकार से निर्मित यौगिकों को सहसंयोजक यौगिक कहते हैं।

ऑक्सीजन परमाणु का बनना

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हाइड्रोजन परमाणु का बनना

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क्रियाशील समुह किसी कार्बनिक यौगिक में उपस्थित वह समुह जिस पर यौगिक का रासायनिक गुण निर्भर करता है, उस यौगिक का क्रियाशील समुह कहलाता है।

जैसे- मेथिल ऐल्कोहॉल या मेथेनॉल (CH3OH) में दो भाग होते हैं- मेथिल समूह (CH3 -) हाइड्रॉक्सिल समूह (-OH)

मेथिल ऐल्कोहॉल में -OH समुह क्रियाशील समूह है, क्योंकि मेथिल एल्कोहॉल के सभी रासायनिक गुण -OH समुह पर निर्भर करते हैं।

कोयले के निमार्ण की कहानी लाखों वर्ष पूर्व पृथ्वी के जंगलों में पेड़-पौधे भूकंप, ज्वालामुखी आदि के कारण जमीन के अंदर धँस गए और इनके ऊपर मिट्टी, बालू और जल की परतें बैठ गई। कालांतर में ये ऑक्सीजन के संपर्क से वंचित हो गए। फलतः इनका ऑक्सीकरण नहीं हो पाया। ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में धरती के अंदर के उच्च दाब और उच्च ताप तथा बैक्टीरिया के संयुक्त प्रभाव से इनका रूपांतरण कोयले में हो गया।

पेट्रोलियम के निर्माण की कहानी पेट्रोलियम की उत्पिŸा समुद्र में रहने वाले सूक्ष्मजीवों तथा छोटे-छोटे पौधों से होती है। इनकी मृत्यु होने पर ये बालू और मिट्टी से ढ़क जाते हैं। लाखों वर्ष तक ऊष्मा, दाब तथा बैक्टीरिया के प्रभाव के कारण ये अंततः हाइड्रोकार्बन में परिवर्तित हो जाते हैं। ये हाइड्रोकार्बन सछिद्र चट्टानों के जरिये ऊपर आने लगते हैं। इस क्रम में अगम्य चट्टानें इनका मार्ग अवरूद्ध कर देती हैं। इन चट्टानों के नीचे ये तेल के रूप में विद्यमान रहते हैं।

साबुन और अपमार्जक में अंतर

साबुन

    ये लंबी श्रृंखला वाले वसा अम्ल (कार्बोक्सिलिक अम्ल) के सोडियम लवण हैं।

    खारे जल में इनकी कार्य क्षमता घट जाती है, अर्थात खारे जल में ये आसानी से झाग नहीं बनाते हैं।

अपमार्जक-

    ये उच्च ऐल्कोहॉल के हाइड्रोजन सल्फेट व्युत्पन्न के साडियम लवण हैं।

    खारे जल में भी इनकी कार्य क्षमता कायम रहती है।

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