इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के वर्ग 10 के संस्कृत द्रुतपाठाय (Second Sanskrit) के पाठ 5 (Sukeswarashtakam) “ शुकेश्वराष्टकम् ( शुकेश्वर अष्टक ) ” के अर्थ सहित व्याख्या को जानेंगे। सनातनं पुरातनं परोपकार-साधनम्, जनस्य कामपूरक मनोजगर्वखर्वकम्। शुकेश्वरं नमाम्यहं शुकेश्वरं नमाम्यहम् शुकेश्वरं नमान्यहं शुकेश्वरं नमाम्यहम् ।। जगत्तमोविनाशकं सदाऽव्ययप्रदाकम् सदाशयं सहायक, सदाशिवं सुनायकम् । शुकेश्वरं…… सतां […]
Sanskrit
संस्कृत कक्षा 10 स्वामिन: विवेकानन्दस्य व्यथा ( स्वामी विवेकानन्द की व्यथा ) – Swamin Vivekanand Vyatha in Hindi
इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के वर्ग 10 के संस्कृत द्रुतपाठाय (Second Sanskrit) के पाठ 12 (Swamin Vivekanand Vyatha) “ स्वामिन: विवेकानन्दस्य व्यथा ( स्वामी विवेकानन्द की व्यथा ) ” के अर्थ सहित व्याख्या को जानेंगे। 12. स्वामिन: विवेकानन्दस्य व्यथा 1893 तमस्य वर्षस्य सितम्बरमासः। स्वामी विवेकानन्दः अमेरिकादेशे आयोजिते विश्वधर्मसम्मेलने भागं गृहीतवान् । तस्य भाषणानां […]
संस्कृत कक्षा 10 पर्यटनम् ( देशाटन ) – paryatnam in Hindi
इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के वर्ग 10 के संस्कृत द्रुतपाठाय (Second Sanskrit) के पाठ 11 (paryatnam) “ पर्यटनम् ( देशाटन ) ” के अर्थ सहित व्याख्या को जानेंगे। 11. पर्यटनम् (क) नासिकक्षेत्रम् महाराष्टदेशे पवित्रायाः गोदावरीनद्याः तीरे विलसति नासिकक्षेत्रम। शूर्पणखाया: नासिका अत्रैव छिन्ना लक्ष्मणेन इत्यतः स्थानस्यास्य तत् नाम इति वदन्ति अत्रत्याः। नासिक इत्यपि कथ्यमानम् […]
संस्कृत कक्षा 10 संस्कृतेन जीवनम् ( संस्कृत से ही जीवन सफल होता है ) – Sanskriten jivnam in hindiसंस्कृत कक्षा 10 संस्कृतेन जीवनम् ( संस्कृत से ही जीवन सफल होता है ) – Sanskriten Jivnam in hindi
इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के वर्ग 10 के संस्कृत द्रुतपाठाय (Second Sanskrit) के पाठ ( Sanskriten jivnam) “संस्कृतेन जीवनम् (संस्कृत से ही जीवन सफल होता है)” के अर्थ सहित व्याख्या को जानेंगे। 10. संस्कृतेन जीवनम् एहि मित्र हे सुधीर त्वां विचिन्तये सदा। इह सखे समं मया हि खेल नन्द सन्ततम् ।। संस्कृतेन खेलनम् कुर्महे […]
संस्कृत कक्षा 10 अहो, सौन्दर्यस्य अस्थिरता ( अहा, सौन्दर्य कितना अस्थिर है ) – Aho, saundaryasya asthirta in hindi
इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के वर्ग 10 के संस्कृत द्रुतपाठाय (Second Sanskrit) के पाठ 9 (Aho, saundaryasya asthirta) “संसार मोह: (संसार से मोह)” के अर्थ सहित व्याख्या को जानेंगे। इस कहानी के माध्यम से सुन्दरता पर ध्यान न देकर अच्छे कामों पर ध्यान देने की प्रेरणा दी गई है। आसीत् कश्चन राजकुमारः। स: […]
संस्कृत कक्षा 10 वृक्षै: समं भवतु मे जीवनम् ( मेरा जीवन वृक्ष के समान हो ) – Vrikshe Samam Bhavtu me Jeevnam in Hindi
इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के वर्ग 10 के संस्कृत द्रुतपाठाय (Second Sanskrit) के पाठ 8 (Vrikshe Samam Bhavtu me Jeevnam) “वृक्षै: समं भवतु मे जीवनम् (मेरा जीवन वृक्ष के समान हो)” के अर्थ सहित व्याख्या को जानेंगे। इस पाठ में मनुष्य को वृक्ष से प्रेरणा लेने की बात कही गई है। वसन्तकाले सौरभयुक्तैः […]
संस्कृत कक्षा 10 भीष्म-प्रतिज्ञा (भीष्म की प्रतिज्ञा) – Bhishm Pratigya in Hindi
इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के वर्ग 10 के संस्कृत द्रुतपाठाय (Second Sanskrit) के पाठ 7 (Bhishm Pratigya) “ भीष्म-प्रतिज्ञा (भीष्म की प्रतिज्ञा)” के अर्थ सहित व्याख्या को जानेंगे। इस पाठ में एक पिता के प्रति अपने बेटे के त्याग को दर्शाया गया है। 7. भीष्म-प्रतिज्ञा (भीष्म की प्रतिज्ञा) प्रथमं दृश्यम् स्थान राज-भवनम् (उदासीन: […]
संस्कृत कक्षा 10 मधुराष्टकम् ( आठ मधुर गीत ) – Madhurastakam in Hindi
इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के वर्ग 10 के संस्कृत द्रुतपाठाय (Second Sanskrit) के पाठ 6 (Madhurastkam) “ मधुराष्टकम् (आठ मधुर गीत)” के अर्थ सहित व्याख्या को जानेंगे। यह पाठ एक प्रार्थना है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। 6. मधुराष्टकम् (Madhurastkam) अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम् । हृदयं मधुरं गमनं […]
संस्कृत कक्षा 10 संसार मोह: (संसार से मोह) – Sansar Moh in Hindi
इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के वर्ग 10 के संस्कृत द्रुतपाठाय (Second Sanskrit) के पाठ 5 (Sansar Moh) “संसार मोह: (संसार से मोह)” के अर्थ सहित व्याख्या को जानेंगे। 5. संसार मोह: (Sansar Moh) एकदा भगवान् नृसिंहः स्वस्य प्रियं भक्त प्रहलादम् अवदत्- ‘किमपि वरं याचस्व’ इति । तदा प्रहलादः उक्तवान् – “भगवन् ! संसारस्य […]
संस्कृत कक्षा 10 हास्य कणिका: (हँसाने वाले कथन) – Hasya Kanika in Hindi
इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के वर्ग 10 के संस्कृत द्रुतपाठाय (Second Sanskrit) के पाठ 4 (Hasya Kanika) “हास्य कणिका: (हँसाने वाले कथन)” के अर्थ सहित व्याख्या को जानेंगे। 4. हास्य कणिका: (हँसाने वाले कथन) 1. न्यायाधीश:- भोः! किं त्वं जानासि, यदि असत्यं वदिष्यसि तर्हि कुत्र गमिष्यसि? अपराधी- आम् श्रीमान् ! नरकं गमिष्यामि। न्यायाधीश:- […]