Bihar Board Class 7 Social Science Ch 2 राज्‍य सरकार | Raj Sarkar Class 7th Solutions

इस पोस्‍ट में हमलोग कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान के पाठ 1 राज्‍य सरकार (Raj Sarkar Class 7th Solutions) के सभी टॉपिकों के बारे में अध्‍ययन करेंगे।

Raj Sarkar Class 7th Solutions

2. राज्‍य सरकार

पाठ के अंदर आए प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. अपने आस-पास सरकार द्वारा किये जाने वाले कार्य की एक सूची बनाएँ ।  ( पृष्ठ 11 )
उत्तर—हमारे आस-पास के गाँवों में सरकार द्वारा निम्नलिखित काम किये गये हैं :
(i) गाँवों को मुख्य मार्ग तक जोड़ने की सड़क का पक्कीकरण किया गया है।
(ii) गाँवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले गये हैं ।
(iii) मुख्य मार्ग के पहुँच पथ पर कहीं-कहीं पुल और पुलिया बनाये गए हैं।
(iv) गाँव में कुएँ खुदवाये गये हैं, जिसकी देख-रेख और साफ-सफाई का काम ग्राम पंचायत देखती है।
(v) कहीं-कहीं नलकूप की व्यवस्था की गई है।
(vi) किसी-किसी गाँव में प्राथमिक विद्यालय खोले गये हैं ।
(vii) प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों को दिन का भोजन दिया जाता है।
(viii) कहीं-कहीं मध्य विद्यालय भी है और वहाँ छात्र भी हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी बहुत खलती है। पढ़ाई ढंग से नहीं हो पाती ।
(ix) दस-पन्द्रह गाँवों के लिए एक उच्च विद्यालय की व्यवस्था है । वर्ग 9 की सभी छात्राओं को सायकिल तथा लिवास मुफ्त में दिये गये हैं ।
(x) बिजली के खंभे और तार तो हैं, लेकिन बिजली नहीं आता । सरकार की ओर से आश्वासन मिलता है कि शीघ्र ही बिजली आने लगेगी ।

प्रश्न 1. शिक्षक की सहायता से अपने जिले के मानचित्र में अपने विधान सभा क्षेत्र को दर्शाएँ एवं उम्मीदवारऔर पार्टीका अर्थ समझाएँ । ( पृ० 13 )
उत्तर — जिले का मानचित्र तथा विधान सभा क्षेत्र शिक्षक महोदय दिखाएँगे ।
उम्मीदवार- उम्मीदवार से मतलब है, वह व्यक्ति जो विधान सभा का सदस्य बनना चाहता है । वह व्यक्ति किसी पार्टी द्वारा खड़ा किया जाता है। यदि उस व्यक्ति को कोई पार्टी अपना उम्मीदवार नहीं बनाती और वह व्यक्ति विधान सभा चुनाव लड़ना ही चाहे तो वह निर्दलीय खड़ा हो सकता है। अनेक निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव जीतते देखा गया है ।
पार्टी पार्टी से मतलब उस राजनीतिक पार्टी से है, जो इसी काम के लिए राजनीतिक रूप से गठित है। बिहार में अनेक राजनीतिक पार्टियाँ हैं । इनमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय दल हैं। राष्ट्रीय दल का अर्थ है कि उसकी शाखाएँ देश भर के सभी राज्यों में हैं। जनता दल युनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, लोक जनशक्ति पार्टी आदि स्थानीय दल हैं। स्थानीय दल का अर्थ कि इनका फैलाव मात्र बिहार राज्य तक ही सीमित है। लोकतंत्र में राजनीतिक पार्टियों का बहुत महत्व है। पार्टी के ही सदस्य विधायक बनकर जनता की आवाज बनते हैं ।

प्रश्न 2. चुनाव प्रचार क्यों किया जाता है ? चर्चा करें । ( पृष्ठ 14 )
उत्तर- चुनाव प्रचार इसलिये किया जाता है, जिससे मतदाता यह जान-समझ सके कि किस पार्टी से कौन उम्मीदवार उनके विधान सभा क्षेत्र से खड़ा है। उसका चुनाव चिह्न क्या है। पार्टी के अलावा उम्मीदवार का व्यक्तित्व भी बहुत महत्व रखता है । चुनाव प्रचार का एक मकसद यह भी रहता है कि मतदाता यह जान सकें कि किस पार्टी से कौन उम्मीदवार खड़ा है। चुनाव प्रचार के दौरान ही मतदाता यह मन बना पाते हैं कि उसे या उन्हें किसके पक्ष में मतदान करना है।

प्रश्न 3. अलग-अलग उम्मीदवार क्यों होते हैं? इससे क्या फायदा होता है ?  ( पृष्ठ 14 )
उत्तर- पार्टियाँ जब अलग-अलग होती हैं तो उनके उम्मीदवार तो अलग-अलग होंगे ही। पार्टियों के अलावा कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी तो होते हैं । इसी कारण उम्मीदवार अलग-अलग होते हैं।
अलग-अलग उम्मीदवारों के होने से मतदाताओं को अपने मन की पार्टी को जानने का अवसर मिलता है । फलतः वे जिस पार्टी को अच्छा या जिस उम्मीदवार को कर्मठ और ईमानदार समझते हैं, उसी के पक्ष में मतदान करते हैं। इतना ही नहीं, वे अपने साथियों को अपनी पसन्द बनाकर उसी को अपना मत देने के लिए प्रेरित करता है। अलग-अलग उम्मीदवार होने से ये ही सब फायदे हैं ।

प्रश्न 4. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (E.V.M.) के द्वारा मत कैसे दिया जाता है ? शिक्षक के साथ चर्चा करें । ( पृष्ठ 14 )
उत्तर— इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (E.V.M.) जैसा कि नाम से ही प्रकट होता है कि यह एक विद्युतीय उपकरण है, जो टाईपराइटर के आकार का होता है। क्षेत्र विशेष से जितने उम्मीदवार होते हैं, उतने ही चित्र (चुनाव चिह्न) उसपर बना रहता हैं ।  मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार के चुनाव चिह्न वाला बटन दबाते हैं । बटन दबाते ही एक सीटी जैसी आवाज होती है और उम्मीदवार के नाम पर वह मत चिह्नित होता है और एक मतदाता का मतदान पूर्ण हो जाता है। ऐसे ही बारी-बारी से मतदाता अपना-अपना मतदान करते जाते हैं। मतदान समाप्त होने के पश्चात उम्मीदवारों के एजेंटों के सामने EVM सील कर दिया जाता है और इसे जिला कलक्टर के हवाले कर दिया जाता है ।

प्रश्न 5. आप अपने क्षेत्र के वर्तमान एवं पूर्व विधायक के नाम लिखें ।  ( पृष्ठ 14 )
उत्तर – बिहार की चौदहवीं विधान सभा का चुनाव 2005 में हुआ था और पन्द्रहवीं लोकसभा का चुनाव अभी हाल में ही नवम्बर, 2010 में सम्पन्न हुआ हैं । हमारे क्षेत्र से जो उम्मीदवार 2005 में विजयी हुए थे, वे ही 2010 में भी वे ही विजय प्राप्त किये हैं । इसका अर्थ है अभी हमारे क्षेत्र के वर्तमान विधायक ‘अबस’ हैं और पूर्व विधायक भी वही हैं।

प्रश्न 6. चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से समाप्ति तक की पूरी प्रक्रिया को विद्यालय में टोलियाँ बनाकर नाटक के रूप में प्रस्तुत करें। (पृष्ठ 14 )
उत्तर- संकेत : नाटक छात्रों को ही प्रस्तुत करना है
प्रक्रिया- चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा — इसी के द्वारा तिथियों को निश्चित किया जाना – राजनीतिक दलों द्वारा घोषणा पत्र का प्रकाशन -उनके द्वारा उम्मीदवारों को टिकट देना—उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करना – नामांकन पत्र की जॉन-जॉच में सही पाये गये नामांकित उम्मीदवार को चुनाव में भाग लेने की चुनाव आयोग द्वारा अनुमति उम्मीदवारों द्वारा प्रचार अभियान — निश्चित तिथि .को मतदान — निश्चित तिथि को मतों की गिनती- सर्वाधिक मन प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजयी घोषित किया जाना – चुनाव आयोग द्वारा विजयी उम्मीदवार को सर्टिफिकेट दिया जाना ।

प्रश्न 1. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 68 सदस्य हैं। किसी भी दल अथवा गठबंधन को बहुमत प्राप्त करने के लिए कितने सदस्यों की आवश्यकता होगी ?    ( पृष्ठ 16 )
उत्तर—चूँकि हिमाचल प्रदेश विधान सभा में 68 सदस्य हैं अतः किसी दल या गठबंधन को कम-से-कम 35 सदस्यों का होना नितांत आवश्यक है। इससे अधिक हो तो और भी अच्छा ।

प्रश्न 2. किस दल या गठबंधन की सरकार बनेगी यह तय करने के लिये बहुमत के नियम से क्यों चलना चाहिए ? चर्चा करें । ( पृष्ठ 17 )
उत्तर—किस दल या गठबंधन की सरकार बनेगी, यह तय करने के लिए बहुमत के नियम से इसलिये चलना चाहिये क्योंकि लोकतंत्र में यही एकमात्र मापदंड है, जिससे सरकार या सरकारों का गठन होता है । न केवल सरकार के गठन में, बल्कि सभी कामों में लोकतांत्रिक पद्धति में बहुमत को प्रमुखता दी जाती है ।

प्रश्न 3. क्या कुछ ऐसे उदाहरण दे सकते हैं, जहाँ आपको लगता है कि बहुमत के अनुसार निर्णय होना चाहिए ? चर्चा करें ।  (पृष्ठ 17 )
उत्तर — बहुमत के अनुसार निर्णय होना चाहिए -इसके लिए तो लोकतंत्र में उदाहरण भरे पड़े हैं । सर्वप्रथम तो विधायक का चुनाव ही ऐसा उदाहरण है, जिसका निर्वाचन बहुमत से होता है। इसके बाद बहुमत के आधार पर मुख्यमंत्री का चुनाव होता है। विधान सभा में जितने कार्य होते हैं, वे सभी बहुमत से ही निर्णय होता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि हमें लगता है कि व्यवस्थापिका में सभी कार्य बहुमत के अनुसार ही होने चाहिए ।

प्रश्न 4. अपने शिक्षक की सहायता से बिहार विधान सभा चुनाव वर्ष 2010 में विभिन्न राजनीतिक दलों के परिणाम की जानकारी प्राप्त कर तालिका के रूप में दर्शाइए ।
उत्तर :

प्रश्न 1. अगर आप विधायक होते तो अपने क्षेत्र की कौन-सी समस्या उठाते और क्यों ?  ( पृष्ठ 20 )
उत्तर – यदि मैं विधायक होता तो विधान सभा में अपने क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों की बदहाली की समस्या उठाता । क्योंकि आजकल इन विद्यालयों की हालत बहुत बदहाल है। अधिकांश विद्यालयों के भवन खस्ता हाल है। वर्षा में इतना पानी चूता है कि छात्रों को कौन कहें, अध्यापकों के बैठने की भी जगह नहीं होती । शिक्षकों के विद्यालय पहुँचने का कोई समय नहीं होता और वे कब चल देंगे, वह भी वे ही जानते हैं। यदि शिक्षक आते हैं तो छात्र गायब रहते हैं। जिन विद्यालयों में सब कुछ ठीक-ठाक है, वहाँ मध्याह्न भोजन वाला अन्न खाने लायक नहीं होता । वैसा भोजन खाकर अनेक छात्र बीमार पड़ जाते हैं। मैं माननीय मंत्री से माननीय अध्यक्ष के माध्यम से यह अनुरोध करूँगा कि वे विद्यालयों की इन कुव्यवस्थाओं को दूर कराने की कृपा करें, जिससे छात्रों को उचित ढंग से पढ़ाया जा सके । अधिकांश विद्यालयों में शौचालय और चापाकल नहीं हैं। हैं भी वे बदहाल स्थिति में हैं । इस कारण छात्राओं को बड़ी कठिनाई होती है। इनको भी सुधारा जाय ।

प्रश्न 2. आपकी नजर में एक विधायक और उस विधायक में, जो मंत्री भी हैं, में क्या अंतर है ?
उत्तर— मेरी नजर में एक विधायक और उस विधायक में, जो मंत्री हैं, में यह अंतर है कि विधायक के काम करने का अधिकार या कर्तव्य अपने क्षेत्र तक ही है, जबकि मंत्री बने विधायक को पूरे राज्य पर नजर रखनी पड़ती है। विधायक को अपने क्षेत्र की सभी आवश्यकताओं को विधानसभा में उठाना है, जबकि मंत्री बने विधायक को पूरे राज्य की सभी समस्याओं के हल निकालने हैं। खासकर उन विषयों के जिस विभाग के वे मंत्री हैं ।

प्रश्न 3. विधान सभा में बहस करने की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर — विधान सभा में बहस करने की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि बहस कराने में ही सरकार और उसके मंत्रियों तक क्षेत्र विशेष की कमियों-कठिनाइयों की जानकारी पहुँच पाती है। खबर अखबारों में छपता है तथा रेडियो-टेलीविजन पर आता है। सरकार की बदनामी न हो, इसलिए मंत्री इन कमियों और कठिनाइयों को जल्दी ही दूर कराने का प्रयास करते हैं ।

अभ्यास : प्रश्न तथा उनके उत्तर

प्रश्न 1. अपने शिक्षक की सहायता से पता लगाइए कि निम्नांकित सरकारी -विभाग क्या काम करते हैं और उन्हें तालिका में दिये गये रिक्त स्थानों में भरिये ।
उत्तर :

प्रश्न 2. निर्वाचन क्षेत्र व प्रतिनिधि शब्दों का उपयोग करते हुए स्पष्ट कीजिए कि विधायक कौन होता है और उनका चुनाव किस प्रकार होता है ?
उत्तर — राज्य को निर्वाचन क्षेत्रों में बाँटा जाता है और हर निर्वाचन क्षेत्र से एक प्रतिनिधि का चुनाव होता है। यही चुने गये प्रतिनिधि विधायक होते हैं। विधायक को एम. एल. ए. ( मेम्बर ऑफ लेजिस्लेटिव एसेम्बली) भी कहते हैं ।
विधायकों का निर्वाचन बालिग मताधिकार के आधार पर विधान सभा क्षेत्र के उन सभी मतदाताओं द्वारा होता है, जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज है और उस मतदाता के पास फोटो लगा पहचान पत्र भी है।
विधिवत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा होती हैं, तिथि तय की जाती है । नियत तिथि के अन्दर उम्मीदवार को नामांकन करना होता है । नियत तिथि को मतदान होता है और नियत तिथि को ही मतों की गिनती होती है। सर्वाधिक मत प्राप्त किये हुए उम्मीदवार को निर्वाचित घोषित किया जाता है और जीत का सर्टिफिकेट दिया जाता है ।

प्रश्न 3. विधान सभा सदस्यों द्वारा विधायिका में किये गए कार्यों और शासकीय विभागों द्वारा किए गए कार्यों के बीच क्या अंतर है ?
उत्तर — विधान सभा के सदस्य विधायिका में बैठकर केवल नीति का निर्धारण करते हैं । कहाँ पर कौन काम होगा, इसका आदेश देते हैं ।
विधायिका द्वारा किये गये नीति निर्धारण और स्वीकृत किये गये कार्यों को पूरा करने के लिए एक अलग प्रशासनिक विभाग हैं । इसका सर्वोच्च अधिकारी ‘भारतीय प्रशासनिक सेवा’ (I.A.S.) रैंक का अधिकारी होता है। उसके नीचे अनेक अफसर और कर्मचारी – किरानी आदि होते हैं। वास्तव में किसी भी काम को कार्य रूप देना इन्हीं अधिकारियों का दायित्व होता है । इसी कारण इसे ‘कार्यपालिका’ कहा जाता है । विधायिका और कार्यपालिका के तालमेल से ही किसी प्रस्ताव को कार्य रूप में परिणत किया जाता है ।

प्रश्न 4. क्या आपके विचार से विधान सभा में बहस कुछ अर्थों में उपयोगी रही? कैसे ? चर्चा कीजिए ।
उत्तर – हाँ, मेरे विचार से विधान सभा में की गई बहस बहुत अर्थों में सफल रही। बहस के बाद ही मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री तथा ग्रामीण विकास मंत्री के साथ विधायक द्वारा सदन में उठाये गये मामले पर विचार करने के लिये बैठक होती है। उसके बाद ग्रामीण विकास मंत्री के साथ उस विधायक के निर्वाचन क्षेत्र के दौरे पर जाने की योजना बनती है। वहाँ की सड़कों की हालत जर्जर पाकर उसे ठीक कराने के लिए मंत्री जी टेंडर करवाते हैं और सड़क की मरम्मत कर दी जाती है स्वास्थ्य मंत्री को निर्देश मिलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का उपाय करें, जिससे ग्रामीण जन इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकें।

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