6. Sanmpurnviswratnam class 9 sanskrit | कक्षा 9 संपूर्णविश्वरत्नं (राष्ट्रियगीतम्)

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 9 संस्‍कृत भाग दो के कविता पाठ छ: ‘संपूर्णविश्वरत्नं (राष्ट्रियगीतम्)’ (Sanmpurnviswratnam class 9 sanskrit)’ के अर्थ को पढ़ेंगे।

Sanmpurnviswratnam class 9 sanskrit

6. संपूर्णविश्वरत्नं (राष्ट्रियगीतम्)

पाठ-परिचय प्रस्तुत पाठ ‘सम्पूर्णविश्वरत्नम्’ राष्ट्रीय गीत है जिसमें भारत की महानता का गान किया गया है। सम्पूर्ण विश्व में भारत की अपनी अलग पहचान है। इसका प्राकृतिक परिदृश्य अनोखा है। यहाँ कहीं फूल-फलों के उद्यान हैं तो कहीं गगनचुम्बी पर्वतशिखर हैं। यहाँ अनेक नदियाँ बहती हैं जो अपने जल से सींचकर खेतों को हरा-भरा रखती हैं। ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ यहाँ का मूलमंत्र है। हमारा धर्म कटुता तथा भेदभाव का संदेश नहीं देता। इसीलिए भारत विश्व में सबसे अलग एवं अन्यतम है।

संपूर्णविश्वरत्नं खलु भारतं स्वकीयम् – 2
पुष्पं वयं तु सर्वे, खलुदेशवाटिकीयम् ।। स्वकीयं …

अर्थ- हमारा देश भारत निश्चय ही सारे संसार में सर्वश्रेष्ठ है। हम सभी देशवासी इस देशरूपी वाटिका के खिले हुए फूल हैं । तात्पर्य यह कि देशवासियो के महान् आदर्श के कारण हमारा देश भारत सारे संसार में आदृत हुआ।

सर्वोच्चपर्वतो यो, गगनस्य भालचुम्बी
स: सैनिकः सुवीरः प्रहरी च स स्वकीयं ।। स्वकीयं …

अर्थ- हमारे भारत में विश्व का सर्वोच्च शिखर हिमालय विराजमान है, जो आकाशरूपी भाल को छूता हुआ प्रतीत होता है और वह बहादुर सैनिक के समान देश की रक्षा करता है। अर्थात् भारत ही ऐसा महान् देश है, जहाँ हिमालय जैसे गगनचुम्बी पर्वत उत्तर दिशा में प्रहरी के समान विद्यमान है। Sanmpurnviswratnam class 9 sanskrit

क्रोडे सहस्त्रधारा: प्रवहन्ति यस्य नद्यः,
उद्यानमासु पोष्यं, भुवि गौरवं स्वकीयम् ।। स्वकीयं

अर्थ- हमारे देश में हजारों नदियाँ बहती हैं जो अपने जल से खेतों तथा उद्यानों को सींचकर सालों भर हरी-भरी रखती हैं और संसार में भारतभूमि का गौरव बढ़ाती हैं। अर्थात् नदियाँ अपने जल से सींचकर देश की भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाती हैं।

धर्मस्य नास्ति शिक्षा कटुता मिथो विधेया,
एके वयं-3 तु देशः, खलु भारतं स्वकीयम् ।। स्वकीयं …
सम्पूर्णविश्वरत्नं खलु भारतं स्वकीयम् ।।

अर्थ- संसार में भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ किसी से वैर या भेदभाव करने की शिक्षा नहीं देता। यानी हमारा धर्म सबको विश्वबंधुत्व की भावना की शिक्षा देता है। किसी से किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए, यही सीख सबको देता है। Sanmpurnviswratnam class 9 sanskrit

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