BSEB Class 6 Science Chapter 3. तन्‍तु से वस्‍त्र तक | Tantu Se Vastra Tak Class 6th Science Solutions

Bihar Board Class 6 Science तन्‍तु से वस्‍त्र तक (Tantu Se Vastra Tak Class 6th Science Solutions) Text Book Questions and Answers

3. तन्‍तु से वस्‍त्र तक

पाठ में आए कुछ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. आखिर ये कपड़े आए कहाँ से? कैसे बनते हैं ये कपड़े ?
उत्तर—ये कपड़े तन्तुओं (Fibres) से आए हैं, जो प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित कृत्रिम) होते हैं ।
ये कपड़े तागों (Threads) से बनते हैं, जिन्हें तन्तुओं से बनाया जाता है। तागों को एक साथ बुनने पर वस्त्र बनता है । कुरता – कमीज को सीना पड़ता है ।

प्रश्न 2. क्या सभी वस्त्र तागों से बनते हैं?
उत्तर— हाँ, सभी वस्त्र तागों से बनते हैं ।

प्रश्न 3. दर्जी से विभिन्न प्रकार के वस्त्रों के टुकड़े लीजिए और उन्हें अपनी कॉपी पर चिपकाइए और उनके नीचे उनके धागे भी लगाइए। ये धागे किससे बनते हैं?
उत्तर — धागे तन्तुओं से बनते हैं ।

प्रश्न 4. क्या सभी प्रकार के धागे तंतुओं से बनते हैं?
उत्तर – हाँ, सभी प्रकार के धागे तंतुओं से बनते हैं ।

प्रश्न 5. सूती तंतु कैसे बनते हैं?
उत्तर— सूती तंतु कपास से बनते हैं ।

प्रश्न 6. क्या आप भारत के कुछ ऐसे राज्य के नाम बता सकते हैं, जहाँ कपास की खेती की जाती है ?
उत्तर—हाँ, भारत के अनेक राज्यों में कंपास की खेती होती है । जैसे : उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्णाटक । वैसे थोड़ा-बहुत हर प्रदेश में कपास उपजायी जाता है ।

प्रश्न 7. कंपास पौधे के किस भाग से बनती है ?
उत्तर- कपास पौधे के फूल से बनती है ।

प्रश्न 8. क्या आप कपास से तागा बना सके ?
उत्तर—हाँ, अभ्यास करने के बाद चरखा पर हम कपास से तागा बना सकते हैं । हम ही क्यों, कोई भी बना सकता है। गाँवों में लोग बनाते ही हैं ।

प्रश्न 9. क्या आपको सूती और रेशमी वस्त्रों की बुनाई में कोई समानता दिखाई देती हैं?
उत्तर – हाँ, सूती और रेशमी वस्त्रों की बुनाई में समानताएँ हैं। दोनों के धागे समानान्तर ढंग से रखकर तथा अन्य धागों को समानाकार पट्टियों में एक धागे के ऊपर तथा उसके बगल वाले धागों के नीचे से गुजारे अथवा पिरोये जाएँ। इस प्रकार की प्रक्रिया को अनेक बार दुहराते हैं, तब सूती या रेशमी वस्त्र प्राप्त होते हैं ।

प्रश्न 10. कौन-कौन से कपड़े आप पहनते हैं?
उत्तर – हम सूती, ऊनी, रेशमी, सिंथेटिक आदि कपड़े पहनते हैं ।

प्रश्न 11. क्या मौसम के अनुसार कपड़े बदलते हैं?
उत्तर—हाँ, मौसम के अनुसार कपड़े बदलते हैं; गर्मी में सूती, रेशमी; जाड़े में ऊनी तथा वसंत ऋतु में रेशमी – सूती कपड़ों का उपयोग करते हैं

प्रश्न 12. क्या पहनने के अलावे कपड़े के और भी उपयोग हैं?
उत्तर—हाँ, पहनने के अलावे कपड़ों को हम ओढ़ना तथा बिछावन आदि बनाने के उपयोग में लाते हैं ।

प्रश्न 13. क्या आपने ध्यान से देखा है कि स्वेटर किस प्रकार बुने जाते हैं?
उत्तर—हाँ, स्वेटर एक धागे को दूसरे धागे से बाँधकर बुना जाता है। बँधाई में किसी एकल तागे का उपयोग वस्त्र के एक टुकड़े को बनाने में किया जाता है ।

प्रश्न 14. कैसे बनते हैं ये कपड़े ?
उत्तर—ये कपड़े तागों की बुनाई एवं बँधाई की विधि से बनते हैं ।

प्रश्न 15. क्या आपने कभी किसी फटे हुए स्वेटर के किसी तागे को खींचकर देखा है ? जब आप ऐसा करते हैं, तब क्या होता है?
उत्तर — ऐसा करने पर एकल धागा लगातार खिंचता चला आता है तथा वस्त्र उघड़ता जाता है ।

प्रश्न 16. क्या आपने कभी यह जानने का प्रयास किया है कि प्राचीन काल में लोग पहनने के लिए किस सामग्री का उपयोग करते थे?
उत्तर – हाँ, प्राचीन काल में लोग प्रारम्भ में वृक्षों की छाल (वल्क), बड़ी-बड़ी पत्तियाँ अथवा जन्तुओं के चमड़े से अपने शरीर को ढँकते थे । कृपक समुदाय के गाँवों में बसना आरम्भ करने के पश्चात् लोग लताओं, जंतुओं की ऊन अथवा बालों को आपस में ऐंठन देकर लम्बी लड़ियाँ बनाकर तथा इन्हें बुनकर वस्त्र बनाने लगे ।

अभ्यास : प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित तन्तुओं का प्राकृतिक तथा संश्लिष्ट में वर्गीकृत कीजिए :
नायलॉन, ऊन, रूई, रेशम, पॉलिएस्टर, पटसन
उत्तर – प्रश्न में दिए गए तंतुओं का प्राकृतिक तथा संश्लिष्ट में निम्न प्रकार वर्गीकरण कर सकते हैं :

प्रश्न 2. नीचे दिए गए कथन सत्य हैं अथवा असत्य ? उलेख कीजिए :
(क) तन्तुओं से धागा बनता है ।                                                              (सत्य है)
(ख) कताई वस्त्र निर्माण की एक प्रक्रिया है ।                                         (सत्य है)
(ग) जूट नारियल का बाहरी आवरण होता है ।                                       (असत्य है)
(घ) रूई से बिनौले (बीज) हटाने की प्रक्रिया को ओटना कहते हैं।        (सत्य है)
(ङ) धागों की बुनाई से वस्त्र का एक टुकड़ा बनता है ।                       (असत्य है)
(च) रेशम – तंतु किसी पादप के तने से प्राप्त होता है ।                        (असत्य है)
(छ) पॉलिएस्टर एक प्राकृतिक तंतु है ।                                             (असत्य है)
नोट : (ग) सत्य यह है कि जूट पौधे का छाल (त्वचा) हैं।
(ङ) सत्य यह है कि तागों की बुनाई से वस्त्र का थान बनता है ।
(च) सत्य यह है कि रेशम-तंतु एक जंतु के पेट से प्राप्त होता है
(छ) सत्य यह है कि पॉलिएस्टर एक कृत्रिम तंतु है ।

प्रश्न 3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(क) …………. और ……….. से पादप तंतु प्राप्त किए जाते हैं।
(ख) ………… और ……….. जंतु से मिलने वाले तंतु हैं ।

उत्तर – (क) सूती तागा, जूट का रेशा (ख) ऊन, रेशम ।

प्रश्न 3. सही विकल्प को चुनिए :

(क) वैसे वस्त्र के तन्तु जो पौधों एवं जंतुओं से प्राप्त होते हैं, कहलाते हैं
(i) प्राकृतिक तन्तु
(ii) मानव निर्मित तन्तु
(iii) प्राकृतिक एवं मानव निर्मितं तन्तु
(iv) खनिज लवण

(ख) मानव निर्मित तन्तु हैं :
(i) पॉलिस्टर
(ii) नायलॉन
(iii) एक्रिलिक
(iv) उपर्युक्त सभी

(ग) बिहार के निम्न जिले में जूट अधिक उगाया जाता है
(i) कटिहार
(ii) मधेपुरा
(iii) सहरसा
(iv) उपर्युक्त सभी

(घ) रेशों से धागा बनाने की प्रक्रिया कहलाती हैं :
(i) कताई
(ii) बुनाई
(iii) धुनाई
(iv) रंगाई

(ङ) धागे से वस्त्र बनाने की विधियाँ हैं
(i) बुनाई
(ii) बँधाई
(iii) बुनाई एवं बँधाई
(iv) इनमें से कोई नहीं

उत्तर : (क) → (i), (ख) → (iv), (ग) → (iv), (घ) → (i), (ङ)→(iii)।

प्रश्न 5. रूई तथा जूट (पटसन) पादप के किन भागों से प्राप्त होते हैं?
उत्तर— रूई कपास नामक पादप के फूल से प्राप्त होता है। जूट (पटसन) सनई नामक पादप के छाल से प्राप्त होता है ।

प्रश्न 6. नारियल तंतु से बनने वाली दो वस्तुओं के नाम लिखिए ।
उत्तर – नारियल तंतु से बनने वाली दो वस्तुओं के नाम हैं ।
(i) रस्सी या थैला तथा (ii) ब्रश ( ह्वाईट वाशिंग के लिए) ।

प्रश्न 7. तंतुओं से धागा निर्मित करने की प्रक्रिया स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर—रूई के तंतुओं से धागा निर्मित करने की प्रक्रिया है कि सबसे पहले रूई को धुनकर उसे पोला बना लिया जाता है । पोले से चॉक के दुगुने आकार की पीयुनी बनाते हैं। पीयुनी के एक छोर को अंगूठे और तर्जनी से पकड़कर चरखा के तकुए में फँसाते हैं। चरखा जिस गति से नचाया जाता है उसके कितने गुणा अधिक वेग से तकुआ नाचता है। इससे रूई में ऐंठन पड़ता है, जिससे धागा निर्मित होता है । इसमें कुछ अभ्यास और कुछ कारीगरी की आवश्यकता पड़ती है ।

प्रस्तावित परियोजनाएँ एवं क्रियाकलाप :

संकेत : छात्रों को स्वयं करना है। अपने माता-पिता या शिक्षक से सहायता सकते हैं।

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. स्वेटर बनाने का ऊन कहाँ से प्राप्त होता है?
उत्तर – स्वेटर बनाने का ऊन भेड़, ऊँट तथा बकरी आदि जन्तुओं से प्राप्त होता है। संश्लिष्ट ऊन, जो मानव निर्मित होते हैं, से भी स्वेटर बनाए जाते हैं ।

प्रश्न 2. बिहार में जूट (पटसन) कहाँ अधिक मात्रा में उगाया जाता है?
उत्तर – बिहार के कटिहार, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, सुपौल तथा दरभंगा जिलों में जूट अधिक मात्रा में उगाया जाता है ।

प्रश्न 3. चरखा का उपयोग किस काम में किया जाता है ?
उत्तर—चरखा का उपयोग हाथ से तागों की कताई के लिए किया जाता है । चरखा के उपयोग को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने स्वतंत्रता आंदोलन के एक पक्ष के रूप में लोकप्रियता प्रदान की थी।

प्रश्न 4. चटाई कैसे बनती है ?
उत्तर – चटाई बनाने के लिए ताड़, खजूर, नारियल आदि की पत्तियाँ लेते हैं । ताड़ की पत्तियों के कठोर भाग को निकालकर पत्तियों को फाड़कर पतली-पतली पट्टियाँ बना लेते हैं । उन पट्टियों को समानान्तर ढंग से रखकर तथा अन्य पट्टियों को समानान्तर पट्टियों में एक पट्टी के ऊपर तथा उसके बगल वाली पट्टी के नीचे से गुजारते अथवा पिरोते हैं ।

प्रश्न 5. वस्त्र पहनने का चलन कब से आरम्भ हुआ ? शुरू में किन तंतुओं से वस्त्र बने ?
उत्तर – वैसे तो प्राचीनकाल में मनुष्य नंगा ही रहता था। बाद में वह पेड़ों की पत्तियाँ, छाल और चमड़े से बदन को ढँकने लगा । सभ्यता के आगे बढ़ने पर वह वस्त्र बनाने और पहनने लगा। शुरू में पशुओं के बाल से वस्त्र बनता था। बाद में कपास के आविष्कार के बाद इससे तंतु बना और वस्त्र बुना गया ।
इस प्रकार हम देखते हैं कि शुरू में कपास के तंतु, ऊन के तंतु, फिर रेशम के तंतु से वस्त्र बनने लगा ।

प्रश्न 6. कपड़ा बुनने का कारखाना सर्वप्रथम कहाँ बना ? कारखाने से मनुष्य को क्या लाभ हुए ?
उत्तर—कपड़ा बुनने का कारखाना सर्वप्रथम इंग्लैंड में बना । इससे मनुष्य को लाभ हुआ कि महीन से महीन कपड़ा कम मूल्य पर मिलने लगा । कारखाने में वैसी मशीनें लगीं, जिसे काफी महीन तंतु बनाए जा सकते थे। बुनते समय तेजी से मशीनों के चलने के बावजूद तंतु टूटते नहीं थे ।

प्रश्न 7. कपड़ा बुनने के कारखानों से भारत पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर— कपड़ा बुनने के कारखानों से भारत पर यह कुप्रभाव पड़ा कि यहाँ के गृह उद्योग चौपट हो गए। कारीगरों को मजदूर बनकर खेतों में काम करना पड़ा। देश का धन विदेश में जाने लगा। देश में गरीबी फैलने लगी ।

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