इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्कृत के पाठ तेरह ‘विश्वशान्तिः (Viswa Shanti VVI Subjective Questions)’ के महत्वपूर्ण विषयनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर को पढ़ेंगे।
Viswa Shanti VVI Subjective Questions Chapter 13 विश्वशान्तिः (विश्व की शान्ति)
लघु-उत्तरीय प्रश्नोत्तर (20-30 शब्दों में) ____दो अंक स्तरीय
1. “विश्वशान्तिः’ पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
अथवा, “विश्वशान्तिः’ पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?(2014A)
उत्तर— विश्वशान्तिः शब्द का शाब्दिक अर्थ ‘विश्व की शान्ति’ है। शान्ति भारतीय दर्शन का मूल तत्व है। इस पाठ का उद्देश्य व्यक्ति, समाज, और राष्ट्रों को आपसी द्वेष, असंतोष आदि से दूर कर शान्ति, सहिष्णुता आदि का पाठ पढाना है।
2. राष्ट्रसंघ की स्थापना का उद्देश्य स्पष्ट करें (2020A І)
उत्तर- राष्ट्रसंघ की स्थापना का उद्देश्य दो देशों के बीच संभावित विश्व युद्ध को रोकना है। यह समय-समय पर दो देशों के तनाव को रोकता है।
3. विश्वशांति का सूर्योदय कब होता है? (2020A І)
उत्तर- जब शंकटकाल में फंसे एक देश दूसरे देश की मदद करते हैं तथा राहत साम्रगी भेजते हैं, तो विश्वशांति का सूर्योदय होता है।
4. ‘विश्वशान्तिः’ पाठ के आधार पर उदार-हृदय पुरुष का लक्षण बतावें।(2016A)
उत्तर- ‘विश्वशान्तिः’ पाठ के अनुसार उदार-हृदय पुरुष का लक्षण है कि वह किसी को पराया नहीं समझता, जबकि उसके लिए सारी धरती ही अपनी है। उदार-हृदय वाले के लिए सारा संसार कुटुम्ब के सामान है।
5. विश्वशान्तिः पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।
उत्तर—आज विश्वभर में विभिन्न प्रकार के विवाद छिड़े हुए हैं। देशों में आंतरिक और बाह्य अशांति फैली हुई है। सीमा, नदी-जल, धर्म, दल इत्यादि को लेकर लोग स्वार्थप्रेरित होकर असहिष्णु हो गये हैं। इससे अशांति का वातावरण बना हआ है। इस समस्या को उठाकर इसके निवारण के लिए पाठ में वर्तमान स्थिति का निरूपण किया गया है।
6. विश्व में शांति कैसे स्थापित हो सकती है?
उत्तर- विश्व में शांति का आधार एकमात्र परोपकार है। परोपकार की भावना मानवीय गुण है। संकटकाल में सहयोग की भावना रखना ही लक्ष्य हो, तभी हम निर्वैर , सहिष्णुता और परोपकार से शांति स्थापित कर सकते हैं।
7. वर्तमान में विश्व की स्थिति का वर्णन करें?
उत्तर—आज संसार के प्रायः सभी देशों में अशान्ति व्याप्त है। किसी देश में अपनी आन्तरिक समस्याओं के कारण कलह है तो कहीं बाहरी। एक देश के कलह से दूसरे देश खुश होते हैं। कहीं अनेक राज्यों में परस्पर शीत युद्ध चल रहा है। वस्तुतः इस समय संसार अशान्ति के सागर में डूबता-उतराता नजर आ रहा है। आज विश्व विनाशक शस्त्रों के ढेर पर बैठा है।
8. अशांति के मूल कारण क्या हैं ?
अथवा, विश्व अशान्ति का क्या कारण है? तीन वाक्यों में उत्तर दें। (2011A, 2015A, 2017A)
उत्तर– वास्तव में अशांति के दो मूल कारण हैं-द्वेष और असहिष्णता । एक देश दुसरे देश की उन्नति देख जलते हैं, और इससे असहिष्णुता पैदा होती है। ये दोनों दोष आपसी वैर और अशांति के मूल कारण हैं।
9. संसार में अशांति कैसे नष्ट हो सकती है?
उत्तर- अशांति के मूल कारण हैं- द्वेष और असहिष्णुता । स्वार्थ से ही अशांति बढती है । अशांति को वैर से नहीं रोका जा सकता। करुणा और मित्रता से ही वैर नष्ट कर संसार में शांति लाई जा सकती है।
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