Bharatmata VVI Subjective Questions – हिन्‍दी कक्षा 10 भारतमाता

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिन्‍दी के पाठ पाँच ‘भारतमाता (Bharatmata VVI Subjective Questions)’ के महत्‍वपूर्ण विषयनिष्‍ठ प्रश्‍नों के उत्तर को पढ़ेंगे।

Bharatmata VVI Subjective Questions

Bharatmata VVI Subjective Questions  हिन्‍दी पाठ 5 भारतमाता
कवि-समित्रानंदन पंत

लघु-उत्तरीय प्रश्न (20-30 शब्दों में)____दो अंक स्तरीय प्रश्न

1. सुमित्रानन्दन पंत का जन्म कब और कहाँ हुआ था? (Text Book, 2018A, 2011C, 2012A)

उत्तर- सुमिनानंदन पंत का जन्म 1900 ई० में कौसानी (अल्मोड़ा) उत्तरांचल हुआ था।

प्रश्न 2. कवि की दृष्टि में आज भारतमाता का तप-संयम क्यों सफल है? (Text Book, 2011C)

उत्तर- किन्तु भारतमाता ने गाँधी जैसे पूत को जन्त दिया और अहिंसा का स्तन्यपान अपने पुत्रों को कराई है । अतः विश्व को अंधकारमुक्त करनेवाली, संपूर्ण संसार को अभय का वरदान देनेवाली भारत माता का तप-संयम आज सफल है।

प्रश्न 3. भारतमाता का हास भी राहुग्रसित क्यों दिखाई पड़ता है? (Text Book ,2016A)

उत्तर- भारतमाता के स्वरूप में ग्राम्य शोभा की झलक है। मुखमंडल पर चन्द्रमा के समान दिव्य प्रकाशस्वरूप हँसी है, मुस्कुराहट है। लेकिन, परतंत्र होने के कारण वह हँसी फीकी पड़ गई है। ऐसा प्रतीत होता है कि चन्द्रमा को राहु ने ग्रस लिया है।

प्रश्न 4. कवि भारतमाता को गीता-प्रकाशिनी मानकर भी ज्ञानमूढ़ क्यों कहता है ? (पाठ्य पुस्तक, 2013C)

उत्तर- परतंत्र भारत की ऐसी दुर्दशा हुई कि यहाँ के लोग खुद दिशाविहीन हो गये, दासता में बंधकर अपने अस्मिता को खो दिये । आत्म-निर्भरता समाप्त हो गई। इसलिए कवि कहता है कि भारतमाता गीता- प्रकाशिनी है, फिर भी आज ज्ञानमुढ़ बनी हुई है।

प्रश्न 5. कविता में कवि भारतवासियों का कैसा चित्र खींचता है ? (पाठ्य पुस्तक, 2014C) अथवा, “भारतमाता“ शीर्षक कविता में पंत जी ने भारतीयों का कैसा चित्र खींचा है?

उत्तर- प्रस्तुत कविता में कवि ने दर्शाया है कि परतंत्र भारत की स्थिति दयनीय हो गई थी। परतंत्र भारतवासियों को नंगे वदन, भूखे रहना पड़ता था। यहाँ की तीस करोड़ जनता शोषित-पीड़ित, मूढ़, असभ्य, अशिक्षित, निर्धन एवं वृक्षों के नीचे निवास करने वाली थी।

प्रश्न 6. भारतमाता अपने ही घर में प्रवासिनी क्यों बनी हुई है? (पाठ्य पुस्तक, 2017)

उत्तर- भारत को अंग्रेजों ने गुलामी की जंजीर में जकड़ रखा था। परतंत्रता की बेड़ी में जकड़ी, काल के कुचक्र में फंसी विवश, भारतमाता चुपचाप अपने पुत्रों पर किये गये अत्याचार को देख रही थी। इसलिए कवि ने परतंत्रता को दर्शाते हुए मुखरित किया है कि भारतमाता अपने ही घर में प्रवासिनी बनी है।

प्रश्न 7. कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि भारतमाता का कैसा चित्र प्रस्तुत करता है? अथवा, भारतमाता कहाँ निवास करती है? अथवा, ’भारतमाता’ कविता में कवि भारतवासियों का कैसा चित्र खींचता है ? (Text Book, 2011A 2013A, 2012A)

उत्तर- कविता के प्रथम अनुच्छेद में भारतमाता को ग्रामवासिनी मानते हुए तत्कालीन भारत का यथार्थ चित्रण किया गया है कि भारतमाता का फसलरूपी श्यामल शरीर है, धूल-धूसरित मैला-सा आँचल है। गंगा-यमुना के जल अश्रुस्वरूप हैं। ग्राम्य छवि को दर्शाती हुई भारत माँ की प्रतिमा उदासीन है।

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