Jantantra Ka Janm VVI Subjective Questions – हिन्‍दी कक्षा 10 जनतंत्र का जन्म

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिन्‍दी के पाठ छ: ‘जनतंत्र का जन्म (Jantantra Ka Janm VVI Subjective Questions)’ के महत्‍वपूर्ण विषयनिष्‍ठ प्रश्‍नों के उत्तर को पढ़ेंगे।

Jantantra Ka Janm VVI Subjective Questions

Jantantra Ka Janm VVI Subjective Questions हिन्‍दी पाठ 6  जनतंत्र का जन्म
कवि- रामधारी सिंह ‘दिनकर

लघु-उत्तरीय प्रश्न (20-30 शब्दों में)____दो अंक स्तरीय
प्रश्न 1. कवि की दृष्टि में आज के देवता कौन हैं और वे कहाँ मिलेंगे?(Text Book , 2011A, 2011C, 2016C, 2017A)
उत्तर- कवि ने भारतीय प्रजा, जो खून-पसीना बहाकर देशहित का कार्य करती है, जिसके बल पर देश में सुख संपदा स्थापित होता है, किसान, मजदूर जो स्वयं आहूत होकर देश को सुखी बनाते हैं, को आज का देवता कहा है।

प्रश्न 2. कवि की दृष्टि में समय के रथ का घर्घर-नाद क्या है? स्पष्ट करें।
अथवा, दिनकर की दृष्टि में समय के रथ का घर्घर-नाद क्या है ? स्पष्ट करें।  (Text Book 2016A)
उत्तर- कवि ने सदियों से राजतंत्र से शासित जनता की जागृति को उजागर करते हुए समय के चक्र की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया है। राजसिंहासन पर प्रजा आरूढ़ होने जा रही है। समय की पुकार ही क्रांति की शंखनाद के रूप में रथ का घर्घर-नाद है।

प्रश्न 3, कवि ने जनता को ’दूधमुंही’ क्यों कहा है?(पाठ्य पुस्तक, 2014C)
उत्तर- सिंहासन पर आरूढ़ रहने वाले राजनेताओं की दृष्टि में जनता फूल या दूधमुंही बच्ची की तरह है। रोती हुई दूधमुंही बच्ची को शान्त रखने के लिए उसके सामने खिलौने दे दिये जाते हैं। उसी प्रकार रोती हुई जनता को खुश करने के लिए कुछ प्रलोभन दिए जाते हैं।

प्रश्न 4. कवि जनता के स्वप्न का किस तरह चित्र खींचता है?(पाठ्य पुस्तक, 2017A)
उत्तर- भारत की जनता सदियों से, युगों-युगों से राजा के अधीनस्थ रही है, लेकिन कवि ने कहा है कि चिरकाल से अंधकार में रह रही जनता राजतंत्र को उखाड़ फेंकने के स्वप्न देख रही है। राजतंत्र समाप्त होगा और जनतंत्र कायम होगा। राजा। नहीं बल्कि प्रजा राज करेगी।

प्रश्न 5. “देवता मिलेंगे खेतों में खलिहानों में“ पंक्ति के माध्यम से कवि किस देवता की बात करते हैं और क्यों?    (Text Book 2013A, 2012A)
उत्तर- प्रश्न के पंक्ति के माध्यम से कवि जनतारूपी देवता की बात करते हैं, क्योंकि कवि की दृष्टि में कर्म करता हुआ परिश्रमी व्यक्ति ही देवतास्वरूप है। मंदिरों-मठों में तो केवल मूर्तियाँ रहती हैं, वास्तविक देवता वे ही हैं जो अपने कर्म तथा परिश्रम से समाज को सुख-समृद्धि उपलब्ध कराते हैं।

प्रश्न 6. कवि के अनुसार किन लोगों की दृष्टि में जनता फूल या दुध मुंही बच्ची की तरह है और क्यों ? कवि क्या कहकर उनका प्रतिवाद करता है?(Text Book)
उत्तर- अंग्रेजी सरकार भी भारत की जनता को अबोध समरकर कुछ प्रलोभन देकर राजसुख में लिप्त है। वह समझती है कि जनता फूल या दुधमुंही बच्ची की तरह है लेकिन इसके प्रतिकार में कवि ने कहा है कि जब भोली लगनेवाली जनता जाग जाती है, जब उसे अपने में निहित शक्ति का आभास हो जाता है तब राजतंत्र हिल उठता है।

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