Hiroshima VVI Subjective Questions – हिन्‍दी कक्षा 10 हिरोशिमा

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिन्‍दी के पाठ सात ‘हिरोशिमा (Hiroshima VVI Subjective Questions)’ के महत्‍वपूर्ण विषयनिष्‍ठ प्रश्‍नों के उत्तर को पढ़ेंगे।

Hiroshima VVI Subjective Questions

Hiroshima VVI Subjective Questions हिन्‍दी पाठ 7 हिरोशिमा
कवि- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अजेय

लघु-उत्तरीय प्रश्न (20-30 शब्दों में)____दो अंक स्तरीय
प्रश्न 1. कविता के प्रथम अनुच्छेद में निकलने वाला सूरज क्या है ? वह कैसे निकलता है? (Text Book)
उत्तर- कविता के प्रथम अनुच्छेद में निकलने वाला सूरज आण्विक बम का प्रचण्ड गोला है। ऐसा प्रतीत होता है कि वह क्षितिज से न निकलकर धरती फाड़कर निकलता है।

प्रश्न 2. मनुष्य की छायाएं कहाँ और क्यों पड़ी हुई है? (Text Book)
उत्तर- मनुष्य की छायाएँ हिरोशिमा की धरती पर सब ओर दिशाहीन होकर पड़ी हुई हैं। जहाँ-तहाँ घर की दीवारों पर मनुष्य छायाएँ मिलती हैं। टूटी-फूटी सड़कों से लेकर पत्थरों पर छायाएँ प्राप्त होती हैं।

प्रश्न 3. हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में क्या है? (Text Book ,2011C, 2012।)
उत्तर- आज भी हिरोशिमा में साक्षी के रूप में अर्थात् प्रमाण के रूप में जहाँ-तहाँ जले हुए पत्थर, दीवारें पड़ी हुई हैं। यहाँ तक कि पत्थरों पर, टूटी-फूटी सडकों पर, घर की दीवारों पर लाश के निशान, छाया के रूप में साक्षी हैं।

प्रश्न 4. प्रज्वलित क्षण की दोपहरी से कवि का आशय क्या है? (पाठ्य पुस्तक)
उत्तर- हिरोशिमा में जब बम का प्रहार हुआ तो प्रचण्ड गोलों से तेज प्रकाश निकला और वह चारों दिशाओं में फैल गया। इस अप्रत्याशित प्रहार से हिरोशिमा के लोग हतप्रभ रह गये। उन्हें ऐसा लगा कि धीरे-धीरे आनेवाला दोपहर आज एक क्षण में ही उपस्थित हो गया ।

प्रश्न 5. ’हिरोशिमा’ कविता से हमें क्या सीख मिलती है? (2018)
उत्तर- हिरोशिमा कविता मानवीय संवेदना स्थापित करते हुए चेतावनी के रूप में प्रस्तुत है। इस कविता में आधुनिक सभ्यता की दुर्दांत मानवीय विभीषिका का चित्रण है जिससे हमें संदेश मिलता है कि हम विकास-क्रम में मानवता को नहीं भूलें एवं हिंसक प्रवृत्ति पर नियंत्रण करें अन्यथा मानव कल्याण की जगह विनाश लीला से धरती तिलमिला उठेगी।

प्रश्न 6. छायाएं दिशाहीन सब ओर क्यों पड़ती हैं? स्पष्ट करें। (Text Book ,2012C, 2015A)
अथवा, छायाएं दिशाहीन सब ओर क्यों पड़ती है? ’हिरोशिमा’ शीर्षक कविता के आधार पर स्पष्ट करें। (2014A)
उत्तर- सूर्य के उगने से जो भी छाया का निर्माण होता है वे सभी निश्चित दिशा में लेकिन बम-विस्फोट से निकले हुए प्रकाश से जो छायाएँ बनती हैं वे दिशाहीन होती हैं। क्योंकि, आण्विक शक्ति से निकले हुए प्रकाश सम्पूर्ण दिशाओं में पड़ता है। उसका कोई निश्चित दिशा नहीं है। बम के प्रहार से मरने वालों की क्षत-विक्षत लाशें विभिन्न दिशाओं में जहाँ-तहाँ पड़ी हुई हैं। ये लाशें छाया-स्वरूप हैं, परन्तु चारों ओर फैली होने के कारण दिशाहीन छाया कही गयी है।

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