Lautkar Aaunga Phir VVI Subjective Questions – हिन्‍दी कक्षा 10 लौटकर आऊँगा फिर

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिन्‍दी के पाठ ग्‍यारह ‘लौटकर आऊँगा फिर (Lautkar Aaunga Phir VVI Subjective Questions)’ के महत्‍वपूर्ण विषयनिष्‍ठ प्रश्‍नों के उत्तर को पढ़ेंगे।

Lautkar Aaunga Phir VVI Subjective Questions

Lautkar Aaunga Phir VVI Subjective Questions Hindi Chapter 11 लौटकर आऊँगा फिर
कवि- जीवनानंद दास
लघु-उत्तरीय प्रश्न (20-30 शब्दों में)____दो अंक स्तरीय
प्रश्न 1. अगले जन्मों में बंगाल में आने की क्या सिर्फ कवि की इच्छा है? स्पष्ट कीजिए। (Text Book)
उत्तर- अगले जन्मों में बंगाल में आने की प्रबल इच्छा तो कवि की है ही। लेकिन, इसकी अपेक्षा जो बंगालप्रेमी हैं, जिन्हें बंगाल की धरती के प्रति आस्था और विश्वास है, कवि उन लोगों का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। Lautkar Aaunga Phir VVI Subjective Questions – हिन्‍दी कक्षा 10 लौटकर आऊँगा फिर

प्रश्न 2. कवि किनके बीच अंधेरे में होने की बात करता है? आशय स्पष्ट कीजिए। (Text Book)

उत्तर- संध्याकाल जब ब्रह्मांड में अंधेरा का वातावरण उपस्थित होने लगता है उस समय सारस के झुंड अपने घोंसलों की ओर लौटते हैं तो उनकी सुन्दरता मन को मोह लेती है। यह सुन्दरतम दृश्य कवि को भाता है और इस मनोरम छवि को वह अगले जन्म में भी देखते रहने की बात कहता है।

प्रश्न 3. कवि अगले जीवन में क्या-क्या बनने की संभावना व्यक्त करता है, और क्यों? (Text Book)
उत्तर- कवि को अपनी मातृभूमि प्रेम में विह्वल अर्थात् अशांत होकर चिड़ियाँ, कौवा, हंस, उल्लु, सारस बनकर पुनः बंगाल की धरती पर अवतरित होना चाहते हैं।

प्रश्न 4. कवि किस तरह के बंगाल में एक दिन लौटकर आने की बात करता है? (Text Book 2011A, 2012A, 2012C)

उत्तर- बंगाल के घास के मैदान, कपास के पेड़, वनों में पक्षियों की चहचहाहट एवं सारस की शोभा अनुपम छवि निर्मित करते हैं। बंगाल की इस अनुपम, सुशोभित एवं रमणीय धरती पर कवि पुनर्जन्म लेने की बात करते हैं।

प्रश्न
5. ’लौटकर आऊंगा फिर’ कविता के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए। (Text Book)

उत्तर- यहाँ उद्देश्य के आधार पर शीर्षक रखा गया है। कवि की उत्कट इच्छा मातृभूमि पर पुनर्जन्म की है। इससे कवि के हृदय में मातृभूमि के प्रति प्रेम दिखाई पड़ता है। ‘शीर्षक‘ कविता के चारों ओर घूमती है। शीर्षक को केन्द्र में रखकर ही कविता की रचना हुई है। अतः इन तथ्यों के आधार पर शीर्षक पूर्ण सार्थक है।

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